राजस्थान में हेल्थ इमरजेंसी के हालात, भिवाड़ी, भरतपुर, अलवर की फैक्ट्रियां बंद
जयपुर:उत्तर भारत में हेल्थ इमरजेंसी को देखते हुए अब राजस्थान की गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम गहलोत ने कड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली-NCR रीजन में फैक्ट्रियों पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भिवाड़ी, भरतपुर, अलवर रीजन में पॉल्यूशन फैलाने वाली फैक्ट्रियां(कोयले से चलने वाली फैक्ट्री) बंद कर दी है. इतना ही नहीं ईट भट्टों, स्टोन क्रेशर मशीन इकाइयों पर भी पाबंदी लगाई गई है. साथ ही हॉट मिक्स ईकाईयों पर रोक को बढ़ा दिया गया है. पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने 8 नवम्बर तक रोक लगाई है. दरअसल एनवायरमेंट प्रोटेक्शऩ अथोरिटी के निर्देशों के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए ये रोक लगाई गई है. बताया जा रहा है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो. बढते पॉल्यूशन के ग्राफ को देखते हुए रोक की तारीख बढ़ाई भी जा सकती है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को ट्वीट कर दिल्ली-NCR में हेल्थ इमरजेंसी पर चिंता जाहिर की थी. गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि दिल्ली और राजस्थान समेत पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. जो चिंता का विषय है. लोग लंबे वक्त से पीड़ित है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग. आज एक स्वास्थ्य आपातकाल है, जिसे दिल्ली सरकार अकेले नहीं सुलझा सकती. केंद्र सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द कोई कदम उठाना चाहिए. वायु प्रदूषण का असर प्रदेश के जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर और झुंझुनूं में देखने को मिल रहा है.
आपको बता दें कि अलवर का भिवाड़ी देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची में शुमार है. भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में कोयला और कई अन्य ईंधन के इस्तेमाल से चलने वाली सैकड़ों इंडस्ट्रीज है. जिन्हे बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं.