2024 नहीं 2029 तक हो सकते हैं एकसाथ चुनाव !

2024 नहीं 2029 तक हो सकते हैं एकसाथ चुना ..!
लॉ कमीशन बोला- हम राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटाने के फॉर्मूले पर काम कर रहे
23 सितंबर को दिल्ली में विशेष समिति की पहली बैठक हुई थी। जिसमें रामनाथ कोविंद और अमित शाह मौजूद रहे है। - Dainik Bhaskar

23 सितंबर को दिल्ली में विशेष समिति की पहली बैठक हुई थी। जिसमें रामनाथ कोविंद और अमित शाह मौजूद रहे है।

आयोग ने माना कि वन नेशन वन इलेक्शन के प्रभावी होने से बहुत सारा धन बचेगा। इसके लिए हमने चुनाव आयोग के साथ विस्तार से चर्चा की है। वहीं, इलेक्शन कमीशन का मानना है कि यदि जरूरी समय दिया जाए, तो वह ऐसी चुनावी प्रक्रिया को लागू कर सकता है।

प्रोसेस के अनुसार लॉ कमीशन सभी रिपोर्ट्स केंद्रीय कानून मंत्रालय को सौंपी जाती है। वहां से रिपोर्ट संबंधित मंत्रालयों को भेजी जाती है। हालांकि वन नेशन-वन इलेक्शन पर कमीशन की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर अमल करने के लिए अभी और चर्चा जरूरी
22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज अवस्थी का कहना है कि इस मुद्दे पर काम अभी भी जारी है। रिपोर्ट फाइनल करने से पहले कुछ और बैठकें करनी होंगी। आयोग का मानना है कि कुछ संवैधानिक संशोधन इस प्रोसेस को आसान और असरदार बना देंगे।

आयोग ने कहा कि कई स्टडीज से पता चला है कि एक देश-एक चुनाव से यह फायदा होगा कि लोग अपने नेता को बुद्धिमानी से चुनेंगे क्योंकि दो चुनाव के बीच काफी समय मिलेगा। इसलिए लोग न केवल बड़ी संख्या में बाहर आएंगे, बल्कि बहुत समझदारी से मतदान करेंगे।”

फिलहाल आयोग का काम विधानसभा और लोकसभा चुनाव एकसाथ कराने के तरीके सुझाना है।

सरकार ने बनाई 8 सदस्यों वाली कमेटी, इसकी एक बैठक हो चुकी
केंद्र सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए 8 सदस्यीय एक कमेटी बनाई है। इसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में 23 सितंबर को हुई कमेटी की पहली बैठक में फैसला हुआ कि इस मुद्दे पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के विचार लिए जाएंगे। इस मुद्दे पर सुझाव देने के लिए लॉ कमीशन को भी बुलाया जाएगा।

इससे पहले सरकार की तरफ से बनाई गई कई समितियों और कमीशन ने हंग पार्लियामेंट या हंग असेंबली की स्थिति से निपटने के लिए सुझाव दिए हैं। इन पैनलों ने प्रस्ताव दिया है कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की नियुक्ति या चयन उसी तरीके से किया जा सकता है जिस तरह से सदन के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।

21वें लॉ कमीशन ने भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के लिए तीन विकल्प सुझाए थे, लेकिन कहा था कि कई बिंदुओं पर विचार किया जाना बाकी है। मौजूदा लॉ कमीशन ने इस विषय पर आगे काम करना शुरू कर दिया है।

इसके मायने क्या हैं
भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन-वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। यानी वोटर लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *