MP : भाजपा के दिग्गज प्रत्याशियों की सीटों के हालात !
प्रह्लाद बोले- मुझे सिर्फ नामांकन भरना है, रीति बोलीं- सब कंट्रोल में है; तोमर क्षेत्र में पहुंचे ही नहीं
इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय सड़कों के भूमिपूजन कर रहे हैं। रीति पाठक भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला की नाराजगी से बेपरवाह रोज बैठकें कर रही हैं। वे कहती हैं कि केदार जी सयाने हैं। पार्टी का निर्णय मान जाएंगे। फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने क्षेत्र में डेरा डाल दिया है। चार चुनावी दफ्तर खोल लिए हैं। राव उदय प्रताप सिंह ने दो दिन पहले गाडरवारा में एक कार्यक्रम किया था, जिसमें उनके साथ करीब 300 गाड़ियों का काफिला था। वहीं, भाजपा की चुनाव अभियान समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर अपनी व्यस्तताओं के चलते अब तक दिमनी नहीं पहुंच पाए हैं।
भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाए गए 8 दिग्गज नेता अभी क्या कर रहे हैं? वहीं, कांग्रेस इनको घेरने के लिए क्या रणनीति बना रही है? सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों से रिपोर्ट…
कैलाश विजयवर्गीय भूमिपूजन कर रहे हैं; कांग्रेस के शुक्ला बोले- 25 हजार वोट से हराऊंगा
इंदौर-1 से प्रत्याशी बनने के साथ ही कैलाश विजयवर्गीय सक्रिय हो गए हैं। पहले उन्होंने सार्वजनिक टिप्पणी कर चुनाव न लड़ने की बात कही थी। फिर बोले कि पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं। पार्टी दरी बिछाने को कहेगी, तो वो भी मंजूर है। अब क्षेत्र में सक्रिय हैं। 25 सितंबर को टिकट मिलते ही बड़े गणपति का दर्शन करने पहुंचे। अगले दिन अपने क्षेत्र में तीन सड़कों का भूमिपूजन किया। लोगों से मिलना शुरू कर दिया है। जल्द ही चुनाव कार्यालय खोलने की बात कही है।
कांग्रेस की रणनीति- इंदौर-1 में संजय शुक्ला विधायक हैं। शुक्ला कह चुके हैं कि कैलाश जी दो बेटों की बलि लेने पर अड़े हैं। शुक्ला दावा कर रहे हैं कि 25 हजार वोटों से कांग्रेस चुनाव जीतेगी।
प्रह्लाद के भाई ने संभाली कमान; कांग्रेस के पास मजबूत चेहरा नहीं
पांच बार सांसद रहे प्रह्लाद पटेल पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वो 25 सितंबर को सूची घोषित होने के अगले दिन ही जबलपुर पहुंच गए थे। वे तीसरे दिन 28 सितंबर को नरसिंहपुर पहुंचे। पटेल ने सबसे पहले क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद नरसिंहपुर में अपने मुख्य चुनाव कार्यालय का उद्धाटन किया। छोटे भाई और मौजूदा विधायक जालम सिंह पटेल ने प्रचार की पूरी कमान संभाल रखी है।
कांग्रेस की रणनीति- यहां लाखन सिंह कांग्रेस का चेहरा हैं। अब तक यहां कांग्रेस के पास कोई मजबूत रणनीति नहीं दिख रही है, न ही कोई मजबूत चेहरा दिख रहा है।
फग्गन सिंह कुलस्ते : 5 चुनाव कार्यालय खोले, प्रबुद्धजनों की गोष्ठी में हुए शामिल
मंडला की निवास से प्रत्याशी बनाए गए केंद्रीय मंत्री कुलस्ते 27 सितंबर को ही अपने क्षेत्र में पहुंच गए थे। उन्होंने 27 को नारायणगंज, बीजाडांडी व निवास में और 28 सितंबर को बकोरी में चुनाव कार्यालय का उद्धाटन किया। लोगों से मुलाकात की। 29 को भाजपा कार्यालय में प्रबुद्धजनों की संगोष्ठी और जिले की चुनाव संचालन समिति की बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस की रणनीति- यहां फग्गन की घेराबंदी की पूरी तैयारी है। डॉ. अशोक मर्सकोले यहां अपना काम शुरू कर चुके हैं। मर्सकोले कहते हैं कि मैं अपने पूरे कार्यकाल में लोगों के बीच रहा हूं। मुझे चिंता नहीं है कि मेरे सामने कौन लड़ रहा है। मेरे साथ मेरे क्षेत्र की पूरी जनता है।
केदार के बागी सुर, लेकिन रीति को भरोसा वो मान जाएंगे
सीधी से प्रत्याशी बनाई गईं सांसद रीति पाठक ने 26 सितंबर से ही क्षेत्र में मोर्चा संभाल लिया है। मौजूदा विधायक के बगावती सुरों के बीच रीति पाठक कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने में जुटी हैं। वे लगातार क्षेत्र के लोगों से मिल रही हैं। 29 सितंबर को यूपी के कद्दावर नेता सुरेश राणा की मौजूदगी में पार्टी की संगठनात्मक रणनीति तैयार करने में जुटी रहीं। दो बार की सांसद रीति पाठक ने …… के सर्वे में साफ कहा था कि उनकी इच्छा विधानसभा चुनाव लड़ने की नहीं है, लेकिन दायित्व मिलने के बाद सुर बदल गए। बोलीं कि मेरी पार्टी ने मुझे इस तरह से तैयार किया है कि कोई भी जिम्मेदारी उठा सकूं।
कांग्रेस की रणनीति- सीधी में कांग्रेस भी कोई महिला चेहरा उतारने पर विचार कर रही है। कांग्रेस यहां महिला चेहरा रंजना मिश्रा, पूर्व विधायक कमलेश्वर द्विवेदी और पार्टी के जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह के बीच तालमेल बनाकर रीति को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है।
रीति का विरोध भाजपा के मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ला ही कर रहे हैं। भाजपा के लिए भितरघात से निपटना ही बड़ी चुनौती है।
राकेश सिंह पहली बार विधानसभा चुनाव में; कांग्रेस से तरुण भनोत
जबलपुर पश्चिम से प्रत्याशी बनाए गए मौजूदा सांसद राकेश सिंह टिकट मिलने के तीसरे दिन 27 सितंबर को जबलपुर पहुंचे थे। एयरपोर्ट से सीधे ग्वारीघाट में नर्मदा पूजन करने पहुंचे। वहां जबलपुर पूर्व विधानसभा से पार्टी के घोषित प्रत्याशी अंचल सोनकर, कैंट विधायक अशोक रोहाणी और पाटन विधायक अजय विश्नोई के साथ पार्टी के अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। 28 सितंबर को वे विधानसभा क्षेत्र में तैयार हो चुके 100 करोड़ के महानद्दा तालाब से एलआईसी फ्लाईओवर के लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम शिवराज के साथ शामिल हुए। सांसद के प्रयासों से ही फ्लाईओवर का काम शुरू हो पाया था। सांसद ने क्षेत्र के सक्रिय भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक कर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हालांकि, लोगों के बीच अभी नहीं पहुंचे।
कांग्रेस की रणनीति- यहां कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री तरुण भनोत मजबूत चेहरा हैं। भनोत को टिकट भले नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने महीने भर पहले से प्रचार शुरू कर दिया है।
गणेश सिंह भाजपा से पहली बार लड़ रहे विधायक का चुनाव, यहां सवर्णों में गुस्सा
चार बार के सांसद गणेश सिंह को सतना से टिकट मिला है। 25 सितंबर की रात सूची घोषित होने के तीसरे दिन वे सतना पहुंचे। यहां करीबियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। अभी उन्होंने चुनाव कार्यालय शुरू नहीं किया है। जनसंपर्क भी शुरू नहीं कर पाए हैं। पहली कोशिश नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं को मनाने की है। पूर्व के बयानों को लेकर क्षेत्र में एक वर्ग पहले से नाराज है।
कांग्रेस की रणनीति- गणेश सिंह को घेरने के लिए मौजूदा विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को ही कांग्रेस आगे बढ़ा सकती है। गणेश सिंह को हराने के लिए यहां कांग्रेस उनके धुर विरोधी नारायण त्रिपाठी की भी मदद ले सकती है। त्रिपाठी का यहां ब्राह्मण वोटों में खासा प्रभाव है। गणेश के समर्थक सवर्णों के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं, अब इस चुनाव में कांग्रेस इस एंगल पर फोकस कर रही है।
उदय प्रताप के खिलाफ कांग्रेस से महिला ही चेहरा
नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गए सांसद उदय प्रताप सिंह पांचवें दिन (30 सितंबर) गाडरवारा में चुनाव कार्यालय खोलने पहुंचे थे। देरी पर बोले कि अभी होशंगाबाद क्षेत्र में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में व्यस्त था। जन आशीर्वाद यात्रा की समीक्षा बैठक की तैयारियों में जुटा था। पार्टी और कार्यकर्ताओं ने चुनाव अभियान पहले से संभाल रखा है। विधानसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा कि भाजपा में कार्यकर्ता होना ही सम्मान की बात है। पार्टी का जो भी आदेश होगा, वो शिरोधार्य है। उदय प्रताप ने दो दिन पहले गाडरवारा में एक कार्यक्रम भी किया था। उनके साथ करीब 300 गाड़ियों का काफिला था।
कांग्रेस की रणनीति- मौजूदा विधायक सुनीता पटेल यहां सक्रिय हैं। सरकार के खिलाफ पहले भी वह मुखर रही हैं, यहां उनकी अच्छी पकड़ है। पार्टी यहां युवा चेहरा जिला पंचायत सदस्य मोना कौरव पर भी दांव लगा सकती है।
नरेंद्र सिंह तोमर : अभी नहीं पहुंच पाए क्षेत्र में, पार्टी की जिम्मेदारियों में व्यस्त
मुरैना की दिमनी विधानसभा से प्रत्याशी बनाए गए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अभी तक क्षेत्र में नहीं पहुंच पाए। तोमर के मुताबिक जल्द ही क्षेत्र के लोगों के बीच जाएंगे। चुनाव संचालन समिति की बैठकें और ग्वालियर में पीएम नरेंद्र मोदी की सभा की तैयारियों के चलते अभी व्यस्तता है। हमारे कार्यकर्ता और पार्टी के लोग पहले से क्षेत्र में सक्रिय हैं। दिमनी मेरे लिए कोई नया नहीं है। यहां के सभी लोग मेरे परिवार की तरह हैं। ऐसे में वे खुद प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।
कांग्रेस की रणनीति- कांग्रेस यहां तोमर को घेरने के लिए मंथन कर रही है। दिमनी में ठाकुर Vs ब्राह्मण हो सकता है। कांग्रेस यहां किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती है। कांग्रेस के एक बड़े नेता कहते हैं कि तोमर के लिए दिमनी में मुकाबला आसान नहीं होगा।
सबसे अधिक मालवा-महाकौशल में घोषित हुए प्रत्याशी
पार्टी अभी तक तीन चरणों में 79 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। दो बार 39-39 की सूची और तीसरी सूची सिंगल नाम की थी। अभी तक भाजपा सबसे अधिक मालवा की 22 और महाकौशल की 19 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। शेष 38 सीटें ग्वालियर, बुंदेलखंड, बघेलखंड, निमाड़ और भोपाल-नर्मदापुरम अंचल की हैं।