नोएडा : बदहाल वेंडिंग जोन …. महीने का किराया 3000, सुविधाएं नाकाफी !

बदहाल वेंडिंग जोन: महीने का किराया 3000, सुविधाएं नाकाफी

– लाइसेंस फीस जमा कराने के बाद भी नहीं मिल पा रहीं सुविधाएं, खुले नाले के ऊपर खाने-पीने के सामान बेच रहे वेंडर्स

– दूसरे शहरों की तुलना में वेंडिंग जोन का किराया पांच गुना तक ज्यादा ले रहा नोएडा प्राधिकरण

नोएडा। वेंडिंग जोन में महीने का किराया तीन हजार रुपये हैं, लेकिन सुविधाएं नाकाफी है। सफाई से लेकर नाला ढकने जैसे काम तक नहीं किए गए हैं। ऐसे में खान-पान के सामान वेंडर्स खुले नाले के ऊपर बेचने को मजबूर हैं। यहां तक कि धूप-बारिश से बचाव तक के लिए सुविधाओं की मांग नोएडा प्राधिकरण से पूरी नहीं की गई हैं।

सेक्टर-59 के वेंडर जोन नंबर -13 में 19 लोगों को लाइसेंस जारी किए गए थे। सुविधाओं के अभाव में यहां अब केवल पांच वेंडर ही अपना कारोबार कर रहे हैं। सुविधाएं देने के उलट रविवार को यहां प्राधिकरण की तरफ से कार्रवाई कर वेंडर्स की खुद की लगाई तिरपाल फाड़ दी गई। इसका विरोध भी वेंडर्स ने किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में नोएडा में प्राधिकरण ने 129 वेंडिंग जोन बनाने का काम किया। यहां करीब 4339 वेंडर्स को कारोबार करने के लिए जगह दी जानी है। वेंडर्स का कहना है कि केवल जगह देने का काम प्राधिकरण ने किया। जरूरी सुविधाएं जैसे पीने का पानी, टॉयलेट, सफाई, शेड तक नहीं उपलब्ध कराए गए। हर महीने प्राधिकरण लाइसेंस फीस तो वसूल करती है। सुविधाएं नहीं दे रही। कई जगह तो नाले के किनारे वेंडिंग जोन बना दिए गए हैं। सुरक्षा और हाइजीन के लिए इन नालों को कवर किया जाना चाहिए। जबकि, ऐसा नहीं किया गया। सेक्टर-62 में फोर्टिस अस्पताल के पास नाले पर वेंडिंग जोन में नाले के किनारे जूस और दूसरे खाने के सामान बेचे जा रहे हैं।

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नाला कवर हो तो ग्राहक भी आएं
सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल के पास बने वेंडर जोन के जूस विक्रेता ने बताया कि यहां दुकान लगाने के लिए हमें हर माह 3000 रुपए प्राधिकरण को देना होता है। इसके बदले में कोई खास सुविधा नहीं मिलती है। खुले नाले के बराबर के बने इस वेंडिंग जोन की हालत काफी खराब हैं। दुकानदारों का कहना है यहां प्रतिदिन सफाई कराने के बाद भी खुला नाला होने के कारण यहां बैठकर लोग खाने-पीने में कतराते हैं। नाला कवर कर दिया जाए तो वेंडिंग जोन दिखने में भी अच्छा लगेगा।

टिन शेड लगे तो धूप, बारिश से बच पाएं
सेक्टर-37 में बने वेंडिंग जोन के दुकानदारों ने बताया कि हम हर माह लाइसेंस फीस देते हैं। बदले में हमें भी सुविधा मिलनी चाहिए। अगर अधिकारी वेंडिंग जोन में टीन शेड लगाकर कवर कर दें, तो दुकानदारों व ग्राहकों को काफी सुविधा होगी। सेक्टर-34, 59 व कई दूसरे वेंडर जोन के दुकानदारों का कहना है कि वेंडर जोन में बैठने के लिए बेंच भी होनी चाहिए। जब प्रशासन लाइसेंस फीस ले रहा है तो फिर यहां पर्याप्त इंतजाम भी करे। वेंडिंग जोन के आसपास अतिक्रमण कर अवैध वेंडर्स भी कारोबार कर रहे हैं। इनको भी हटाया जाना चाहिए।

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सत्यापन के बाद ही जगह मिले
रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्याम किशोर गुप्ता का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण में सुविधाएं वेंडिंग जोन में देने के लिए कई बार मांग की गई है। इसके बाद भी काम नहीं होता। यह भी मांग की गई है कि शासन के आदेश पर बनी टाउन वेंडिंग कमेटी की मौजूदगी में सत्यापन कर सही वेंडर्स को ही जगह मिले। अभी भी नोएडा में करीब 2000 वेंडर्स हैं जिनको वेंडिंग जोन में जगह नहीं मिल पाई है। कई वेंडिंग जोन अभी भी खाली पड़े हैं। प्राथमिकता पर वेंडिंग जोन में आवंटन किए जाने की जरूरत है।

वेंडिंग जोन: फैक्ट फाइल
– 120 वेंडिंग जोन नोएडा में बने
– 8154 आवेदन प्राधिकरण को मिले
– 4339 लाइसेंस नोएडा प्राधिकरण ने जारी किए
– 2229 वेंडर्स को जगह आवंटित की गई
– 2110 वेंडर्स को अभी जगह आवंटित होनी बाकी
– 1800, 2400, 3000 रुपये मासिक लाइसेंस फीस प्रति वेंडर ली जाती

—रविवार को प्राधिकरण के अधिकारियों ने तिरपाल फाड़ दी। खुले आसमान के नीचे हम कैसे दुकान लगाएं। धूप, बारिश में स्थिति काफी खराब हो जाती है। अधिकारी कहते हैं तिरपाल की जगह छाता लगाएं।
-नवीन कुमार, वेंडर, सेक्टर-59

पांच हजार रुपए की तिरपाल खरीद कर लाया था। प्राधिकरण के अधिकारियों ने फाड़ दी। हर महीनें 1800 रुपए प्रशासन को किराया देते हैं। लाइसेंस देते समय कहा गया था कि बिजली, पानी व साफ-सफाई की पूरी सुविधा दी जाएगी। मगर कुछ सुविधा नहीं दी। उलटा परेशान करते हैं।
-चंदन कुमार शाह, वेंडर, सेक्टर 59

पहले यहां 15 के करीब दुकानें थीं, मगर सुविधा के अभाव में अब केवल पांच दुकानें ही बची हैं। हमें लाइसेंस फीस के साथ अलग से पैसे देकर साफ-सफाई करवानी पड़ती है। जबकि, यह प्राधिकरण का काम है। पीने के पानी, टॉयलेट की सुविधा भी यहां नहीं है।
-अतुल, वेंडर, सेक्टर-59

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