मप्र में आदर्श आचार संहिता लागू, जानिए इसके नियम !

मप्र में आदर्श आचार संहिता लागू, जानिए इसके नियम, क्या कर सकते हैं और क्या नहीं
चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक लागू रहेगी आचार संहिता। स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं, जिनका पालन करना सभी दलों व नेताओं की जिम्मेदारी है।
भोपाल। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को मप्र समेत देश के पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही मप्र में भी आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, जो चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक प्रभावशील रहेगी। स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा संविधान के अनुच्‍छेद 324 के अधीन राजनीतिक दलों की सहमति से कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन सत्तारूढ़ दल समेत सभी दलों व उनके नेताओं को करना होता है। आचार संहिता प्रभावशील होने के साथ अब यह होगा।
इन पर रहेगा प्रतिबंध
– आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही सरकारी विमान, बंगला, गाड़ी समेत अन्य संसाधनों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार या किसी भी तरह की गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता।
– नेताओं द्वारा अब सरकारी घोषणा, लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास आदि कार्यक्रमों पर चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक रोक रहेगी।
– कोई भी नेता किसी चुनावी रैली में जाति-धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग सकता है।
– निर्वाचन के आयोजन से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों या पदाधिकारियों के स्‍थानांतरण और तैनाती पर प्रतिबंध होगा। यदि किसी अधिकारी का स्‍थानांतरण या तैनाती आवश्‍यक मानी जाती है तो निवार्चन आयोग की पूर्व-अनुमति ली जाएगी।
– चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक सरकारी कोष की लागत पर पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन और सरकारी जनसंपर्क मीडिया के दुरुपयोग पर निषेध है। प्रदार्शित किए गए इस प्रकार के सभी होर्डिंग, विज्ञापन इत्‍यादि संबंधित प्राधिकारियों द्वारा तुरंत हटा दिए जाएंगे।
– मंत्री या अन्‍य प्राधिकारी निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक विवेकाधीन कोष से कोई अनुदान/भुगतान नहीं कर सकते हैं।
– किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
– धार्मिक स्‍थान यथा मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा या पूजा के अन्‍य स्‍थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त, मत प्राप्‍त करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी।
इन कार्यों पर रोक नहीं
– चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक अब कोई नई घोषणाएं तो नहीं की जा सकती और न ही नए विकास कार्य शुरू किए जा सकते हैं, लेकिन यदि कोई काम वास्‍तव में शुरू कर दिया गया है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
– मंत्री सरकारी वाहन का इस्तेमाल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए जाने-आने के लिए कर सकते हैं।
– आपातकालिक स्थिति या अप्रत्‍य‍ाशित आपदाओं यथा सूखे, बाढ़, महामारी, अन्‍य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने अथवा वृद्धजनों तथा निशक्‍त इत्‍यादि हेतु कल्‍याणकारी उपाय करना हो तो सरकार निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर ऐसा कर सकती है।
– रेस्‍ट हाउस, डाक बंगला या अन्‍य सरकारी निवासों पर सत्ताधारी दल या इसके अभ्‍यर्थियों द्वारा एकाधिकार नहीं रखा जाएगा। ऐसे निवास स्‍थान के लिए अन्‍य दलों या अभ्‍यर्थियों को भी प्रयोग करने की अनुमति होगी। हालांकि वे इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार कार्यालय के रूप में नहीं कर सकते।

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