डूब क्षेत्र में बगैर एनओसी के बेच सकेंगे जमीन, नहीं कर सकेंगे पक्का निर्माण
डूब क्षेत्र में बगैर एनओसी के बेच सकेंगे जमीन, नहीं कर सकेंगे पक्का निर्माण
– डूब क्षेत्र के किसानों को मिलेगी राहत, वर्ष 2020 में लगाई गई थी रोक
भूमाफिया ने निकाल लिया था रोक का तोड़
वर्ष 2020 में डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक लगने के बाद भी अवैध कॉलोनी काटने का सिलसिला जारी है। भूमाफिया ने रजिस्ट्री कराने के लिए करेक्शन डीड का सहारा ले रहे हैं। भूमाफिया आसपास के गांवों के आबादी के खसरा नंबर में रजिस्ट्री कराते हैं। बाद में करेक्शन डीड के माध्यम से आबादी के खसरा नंबर की जगह डूब क्षेत्र का खसरा नंबर डाल दिया जाता है। इसी तरह के एक मामले में प्रशासन ने दादरी कोतवाली में एक माफिया पर मामला भी दर्ज कराया था।
डूब क्षेत्र का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करेगी टीम
एडीएम वित्त एवं राजस्व ने बताया कि गठित टीम डूब क्षेत्र की स्थिति, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण, अनधिकृत रूप से आबादी के लिए प्रयोग हो रही जमीन का सर्वे करेगी। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर संबंधित सभी विभागों को निर्देश दिए गए है कि अब डूब क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण रोकना होगा।
डूब क्षेत्र में 22 माह बाद हुई रजिस्ट्री
रोक लगने के 22 माह बाद सेक्टर गामा दो स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में डूब क्षेत्र की पहली रजिस्ट्री हुई है। रजिस्ट्री करने की एनओसी यमुना प्राधिकरण ने जारी की थी। अट्टा गुजरान गांव में कृषि भूमि की रजिस्ट्री हुई थी। जमीन का उपयोग केवल कृषि कार्य करने के लिए एनओसी दी गई है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री कराने के नियमों में बदलाव किया है। डूब क्षेत्र का पूरा खाता नंबर बेचने के लिए एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। वहीं अगर गाटा संख्या बेचना है तो समिति के समक्ष आवेदन करना होगा। समिति जांच के बाद उस पर फैसला लेगी। – अतुल कुमार, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व)