नोएडा में बन रहे DNGIR में 12 गांव शामिल … सेटलाइट इमेज के बाद लिया गया फैसला, 5 गांव बाहर, दुनिया का बेस्ट इन्वेस्टमेंट सिटी बनेगा
दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) दुनिया का बेस्ट इन्वेस्टमेंट सिटी होगा। इसके लिए सेटलाइट इमेज के आधार पर 12 और गांवों को शामिल (अधिसूचित) किया जा रहा है। वहीं पांच गांव काफी दूर और अलग थलग थे। जिनको डीएजजीआईआर से हटा दिया गया है। प्राधिकरण ने बोर्ड सदस्यों के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। जिसे यहां से मंजूरी देकर शासन को भेज दिया गया है। डीएनजीआईआर का विकास 210 वर्गमीटर किमी क्षेत्र में बसाया जाएगा। यहां किसानों से लैंडपूल के जरिए जमीन अधिग्रहीत की जाएगी।
सेटलाइट इमेज के बाद लिया गया निर्णय
डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के लिए नई दिल्ली की एसपीए और प्राधिकरण के बीच 9 सितंबर 2021 को एनओयू साइन किए गए। एसपीए की ओर से सेटलाइट इमेज के जरिए सुपर इम्पोज किया गया तो पाया कि अधिसूचित ग्राम एक नियोजन क्षेत्र नहीं बन पा रहा है। इस संबंध में 18 नंवबर 2021 को एक बैठक कर 12 अतरिक्त गांवों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। सुझाव दिया कि क्षेत्र की चौड़ाई समनानुपाति हो जाएगी जिससे सड़को का नियोजन सही होगा।
ये वे 12 गांव जिनको किया गया शामिल
कौंदू , बरोडाह, जाहिदपुर, नवादा, बाबिया , शहवाजपुर, पचौटा, सैंथली, सलेमपुर कायस्थ, नागला शेख, शेरपुर और अंधेल। इनमे से ग्राम सैंथली के ग्रेटर नोएडा फेज-2 में व 11 ग्राम बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण में अधिसूचित है। ऐसे में दोनों ही प्राधिकरणों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए कार्यवाही की जा रही है।
इन गांवों को किया गया बाहर
इसके अलावा पूर्व में अधिसूचित 80 गांवों में 5 गांव डीएनजीआईआर निवेश क्षेत्र ये काफी दूर है। ऐसे में इन गांवों को लिया जाना सही नहीं है। इनमे नगला शेख, बरहाना, निजामपुर बागर, निजामपुर खादर, देवइयां।
एक नजर में डीएनजीआईआर
- बुलंदशहर के 60 गौतमबुद्ध नगर के 20 यानी कुल 80 ग्रामों की जमीन लैंड पूल की जाएगी।
- लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।
- योजना के तहत पूलिंग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी।
- विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा।
- लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा।
- आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज , स्वीकृत जोनल प्लान लीज डीड की शर्ते मान्य होंगी।
- विकसित भूखंडों पर बेस्ट यूटिलिटीज का प्रावधान किया जाए।