कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी का यह कदम ” जनता को तो लुभा सकती है लेकिन जमीनी हकीकत पर यह कुछ खास काम नहीं कर पाएगी।” लेकिन इन नामों के साथ सत्ताधारी पार्टी राज्य के कुछ क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर लाभ कमा सकती है।
बड़े नाम चिंता और घबराहट की भावना पैदा करते हैं- …..

राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों – नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते सहित सात सांसदों को मैदान में उतारकर चुनावी गलियारे में सभी को चौंका  दिया। 

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रशीद किदवई ने कहा कि राज्य चुनावों में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार लोकसभा सांसदों को मैदान में उतारने का कदम कागज पर भव्य दिखता है, लेकिन चिंता और घबराहट की भावना पैदा करता है।

दिमनी से चुनाव लड़ रहे हैं नरेंद्र तोमर

वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी संभावित सीएम उम्मीदवार हैं, जो इंदौर-1 में कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के खिलाफ मैदान में हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मुरैना से मौजूदा लोकसभा सांसद हैं और इस बार दिमनी से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां कांग्रेस ने एक बार फिर मौजूदा विधायक रवींद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारा है। 1980 के बाद से दिमनी विधानसभा सीट पर हुए 10 चुनावों में से छह बार बीजेपी ने जीत हासिल की है।