करोड़ों की धोखाधड़ी में पुलिस बोली:80 निवेशकों से संपर्क, पर कोई भी केस करने को राजी नहीं

डमी सर्वर पर फाॅरेन करंसी की ट्रेडिंग कराने वाले बदमाशों ने दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र के अलावा ग्वालियर और जबलपुर के 80 से ज्यादा निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने जब इन निवेशकों से संपर्क किया तो एक को भी कंपनी के अवैध होने की खबर नहीं थी। न ही यह पता था कि वे डमी सर्वर पर ट्रेडिंग कर रहे थे। कुछ लोग इतने भोले निकले कि 4 लाख से 80 हजार तक गंवाने के बाद वे ट्रेडिंग का ही नुकसान मान रहे थे। अभी कोई भी निवेशक केस दर्ज कराने के लिए राजी नहीं हुआ है।

एडिशनल डीसीपी जोन 2 राजेश व्यास ने बताया कि गिरोह का सरगना अतुल नेतनराव दुबई में एक माह के टूरिस्ट वीजा पर गया हुआ है। वहीं गिरफ्तार आरोपी अनिल बिष्ट और हरदीप सलूने के 7 बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है। कुछ बैंक खातों में यूपीआई ट्रांजेक्शन से हमने इंदौर से बाहर के पीड़ितों से संपर्क किया तो वे ट्रेडिंग में नुकसान को सही मानकर ही निवेश बंद करना बता रहे थे। किसी को यह नहीं पता था कि वे ठगी का शिकार हुए हैं।

सोशल मीडिया पर एक साल पहले खुलासा
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि करीब एक साल पहले आरोपी अतुल नेतनराव को लेकर सोशल मीडिया पर इंदौर में बने एक पेज पर खबरें प्रसारित हुई थीं। इसमें फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए लोगों को उकसाकर चेन सिस्टम के जरिए करोड़ों रुपए कमाने के सपने दिखाने वाले वीडियो भी वायरल हुए थे। वहीं जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी अनिल बिष्ट और हरदीप पर केस दर्ज होते ही अनिल की पत्नी मोनिका लाखों रुपए, कम्प्यूटर सिस्टम, पेन ड्राइव सहित सारे सबूत लेकर फरार है। पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला है।

एसआईटी करेगी जांच
20 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी उजागर होने के बाद पुलिस कमिश्नर हरि नारायणाचारी मिश्र ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई है। इसकी कमान एसीपी जोन-4 परदेशीपुरा निहित उपाध्याय को दी है। टीम ने जांच शुरू कर दी है।

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