इंदौर … नेट से नंबर लेते, ऑफिस वर्चुअल फिर फॉरेक्स ट्रेडिंग से करते फ्रॉड, इंदौर में तीन मामलों में 23 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी

इंदौर में फ्रॉड का नया ट्रेंड फॉरेक्स ट्रेडिंग। इसके जरिए आरोपी देश-विदेश के लोगों को ठगते हैं। शुक्रवार को शहर में ऐसा तीसरा मामला सामने आया। इसका गढ़ दुबई पता चला है। इंटरनेट पर ग्लोबली मिलने वाले वर्चुअल नंबरों के आधार पर इससे जुड़े जानकार इस तरह के नंबर लेकर अपने वर्चुअल ऑफिस देश-विदेश में दर्शाकर डमी एक्सचेंज के जरिए लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। मप्र में इंदौर सामने आए तीन प्रकरणों में ही करीब 23 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की पुष्टि पुलिस कर चुकी है। इस तरह की ट्रेडिंग में आरोपी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) एक्ट का भी उल्लघंन करते हैं।

दुबई से हो रही फॉड की ऑपरेटिंग, हर तीन माह में चेंज होता है सर्वर
फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर फॉड की ऑपरेटिंग वर्तमान में दुबई से हो रही है। इस तरह की ट्रेडिंग करने वाले दुबई जाकर लग्जरी होटलों में ठहरते हैं और वहां से हर तीन महीनों में नए सॉफ्टवेयरों के जरिए अपने सर्वर बदलकर नए लोगों को टारगेट करते हैं। फॉरेक्स ट्रेडिंग के बढ़ रहे चलन के पीछे डी कंपनी के होने की आशंका है। इसलिए आईबी, इंटरपोल और एनआईए जैसी बड़ी जांच एजेंसियां ऐसे फ्रॉड पर नजर रख रही हैं। एसटीएफ, साइबर सेल और पुलिस ने भी खुफिया एजेंसियों को अलर्ट भेजा है।

आरोपी इस तरह से धोखाधड़ी के जाल में फंसाते हैं
पहले लोग शेयर कारोबार में निवेश के लिए सिर्फ एडवाइजरी को ही जानते थे, लेकिन फॉरेक्स ट्रेडिंग फॉरेंन करंसी के निवेश में नया ट्रेंड है। इसके लिए इंटरनेट पर ग्लोबल टेक, प्लेटिनम, पीएनबी वर्चुअल ग्लोबल जैसी साइट उपलब्ध हैं जो फॉरेक्स ट्रेडिंग, कमोडिटी और एमसीएक्स ट्रेडिंग के लिए वर्चुअल नंबर उपलब्ध कराती हैं। आरोपी इन्हीं वर्चुअल नंबर से जब कॉल करते हैं तो संबंधित देश की सीरीज वाले नंबर पहुंचते हैं। इसी के झांसे में आकर लोग देश के एक्सचेंज से जुड़ा मानकर निवेश कर देते हैं।

केस – 01
13 जनवरी को एसटीएफ ने विजय नगर क्षेत्र से एक्सचेंज बिजनेस कंसल्टेंस के नाम से एक कंपनी को पकड़ा था। ये भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करा रही थी। एसपी मनीष खत्री के मुताबिक, कंपनी ने 85 लोगों के साथ डेढ़ करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की थी। इसके संचालक तपेश्वर तंवर को गिरफ्तार किया था। इससे 32 फोन, कंप्यूटर, लैपटाॅप मिले थे। इसने सिंगापुर में खुद के सर्वर से एक ‌वर्चुअल सर्वर संचालित करता था। नेट से वर्चुअल नंबर लेकर सिंगापुर व भारत के कई लोगों को फॉरेन एक्सचेंज के जरिए फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करवाकर फ्रॉड करता था।

केस – 02
फॉरेक्स ट्रेडिंग करने वाले एक आरोपी इंदर सिंह रजक को भी विजय नगर पुलिस ने ही कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। वह फर्जी एप के जरिए ट्रेडिंग करवाकर लोगों को झांसे में लेता था। इसने आसाम के कोयला व्यापारी अमित कुमार से निवेश के नाम पर 81 लाख रुपए लेकर धोखाधड़ी की थी। इसके मोबाइल कॉल डिटेल से पुलिस अन्य पीड़ितों की भी जानकारी जुटा रही है।

केस – 03
फॉरेक्स ट्रेडिंग मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार अतुल नेतान दुबई में बैठकर इसका संचालन करता है। इंदौर में पकड़े गए अनिल बिष्ट व हरदीप सलूने इसके मोहरे हैं। डीसीपी संपत उपाध्याय के मुताबिक नेतान ने एक डमी सर्वर तैयार कराया था। इससे वह ट्रेडिंग करने वाले हर कस्टमर के मुनाफे पर नजर रखता है। इसने से ट्रेडिंग एप मेटा ट्रेडर्स पर खुद की प्लैटिनम ग्लोबल कंपनी रजिस्टर्ड कर रखी है। इससे वह सहित कई देशों की करेंसी की फॉरेक्स ट्रेडिंग कराता था। निवेशकों से रुपए लेकर डॉलर व अन्य करंसी में बदल देता था। वह 20 करोड़ का फ्रॉड कर चुका है।

एक्सपर्ट : फेमा के जरिए ही रेगुलेट होने वाले ट्रांजेक्शन लीगल
जितने भी फॉरेन ट्रांजेक्शन होते हैं। वे फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के जरिए ही रेगुलेट होना चाहिए। यदि कोई संस्था उसमें रजिस्टर्ड है तो ही वे इस तरह के फंड या ट्रांजेक्शन करने के लिए लिगल मानी जाएगी। नहीं तो वे अवैध होंगे। फारने करंसी या किसी भी आर्टिकल में कोई डिलकरता है। उसे फेमा के रेगुलेशन में ही होना चाहिए। इसमें अवैध काम के लिए कई कठोर कानून बने हैं। – अभय शर्मा, मानद सचिव टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर

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