ED: 95 फीसदी केस विपक्ष पर !

ED: 95 फीसदी केस विपक्ष पर, खेड़ा ने बताई 15 लाख की पनौती व ‘फेयर एंड लवली’ लगाने वाले लीडर्स की कहानी
पवन खेड़ा ने कहा, ये एजेंसियां जो विपक्षी दलों पर बरसती हैं और जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी है, वो खुद रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिए जाते हैं। राजस्थान में ईडी के अधिकारी नवल किशोर मीणा और उनके सहयोगी बाबू लाल मीणा 15 लाख रुपये क्यों ले रहे थे…

ईडी के 95 फीसदी से ज्यादा केस, केवल विपक्षी नेताओं पर हैं। राजस्थान में ईडी के अधिकारी 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। इस बात पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चुटकी ली। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कह दिया कि ये तो 15 लाख की पनौती है। जिसने 15 लाख रुपये को गंभीरता से ले लिया, सीरियसली ले लिया, वो डूबा। इतना ही नहीं, ऐसे नेता जिन पर ईडी के केस चल रहे थे। वे कीचड़ में सने हुए थे, लेकिन उन्होंने जैसे ही पाला यानी अपना दल बदला तो उन्हें एक ऐसी क्रीम

‘फेयर एंड लवली’ उपलब्ध हो गई, जिसे लगाने के बाद भ्रष्टाचार का कीचड़ साफ हो गया।इनकी रेट लिस्ट देखिए 15 लाख

पवन खेड़ा ने कहा, ये एजेंसियां जो विपक्षी दलों पर बरसती हैं और जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी है, वो खुद रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिए जाते हैं। राजस्थान में ईडी के अधिकारी नवल किशोर मीणा और उनके सहयोगी बाबू लाल मीणा 15 लाख रुपये क्यों ले रहे थे। क्या कोई ‘चिट फंड’ का मामला था। क्या उसे रफा-दफा करने के लिए उन्होंने 15 लाख रुपये की रिश्वत ली। राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस नेता ने कहा, केंद्र सरकार ने तो लोगों के खातों में 15 लाख रुपये नहीं डलवाए। ये 15 लाख की पनौती थी, जिसमें दो छोटे लेवल के अधिकारी फंस गए। इनकी रेट लिस्ट देखिए 15 लाख। इनसे ऊपर क्या दाम होगा। उन लोगों का, जिनके हाथ में ईडी का रिमोट कंट्रोल है।

भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारक कौन

पवन खेड़ा ने कहा, चुनाव से पहले पॉलिटिकल पार्टी अपने स्टार प्रचारकों की एक लिस्ट जारी करती है। इसमें पार्टी नेता शामिल होते हैं। भाजपा के प्रचारकों में ईडी, सीबीआई, इन्कम टैक्स, एनसीबी, ये सब रहते हैं। इन्हें टारगेट दे दिया जाता है कि चुनाव आ गया है। ये लिस्ट है, इनमें से किसको आप डरा-धमका कर भाजपा में शामिल करा सकते हो। अगर कोई नेता भाजपा में शामिल नहीं होता, तो उन्हें निपटा दो। ये एजेंसियां एक टूल-किट बन गई हैं। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि एजेंसियों को शक्तिशाली बनाया जाए। वे निर्भीक रहें, किसी के कंट्रोल में रहकर काम न करें। उनकी स्वायत्तता बरकरार रहे। पवन खेड़ा ने कहा, ये कोई आपके फ्रंटलाइन वॉरियर्स नहीं हैं।

भ्रष्टाचार के कीचड़ में कमल खिल जाता है

कांग्रेस नेता ने कहा, ईडी अब नारायण राणे, अजीत पवार व कुलदीप बिश्नोई के यहां क्यों नहीं जाती। अजीत पवार को भूल गए आप, शुभेंदु अधिकारी को भूल गए आप। ये सिलेक्टिव मेमोरी लॉस क्यों है ईडी में। हिमंता बिस्वा सरमा, इन्हें तो बिल्कुल ही भूल गए। उनका नाम कहां-कहां था, ये तो सबको मालूम है। व्हाइट पेपर यही भाजपा निकालती थी, कहां है अब व्हाइट पेपर। इन सबका एक कॉमन जवाब है। जब इनके भ्रष्टाचार के कीचड़ में कमल खिल जाता है, तो ईडी को करप्शन की महक आनी बंद हो जाती है। ये सब नेता, जो भ्रष्टाचार के कीचड़ में सने हुए थे, अब धुलकर साफ हो गए हैं। उन्हें कीचड़ में नहलाया जाता है, उसी में कमल खिलता है। मतलब ‘फेयर एंड लवली’ क्रीम लगाकर ये नेता साफ सुथरे बन जाते हैं। अब ईडी का मजाक बनता जा रहा है। क्या गुजरात के किसी मंत्री के यहां ईडी रेड डालने गई है। वहां भाजपा 27 सालों से सत्ता में है।

विपक्षी दलों की सरकारों वाले प्रदेशों में रेड

खेड़ा के अनुसार, जहां कांग्रेस का शासन है, जहां गैर-भाजपा का शासन है या वो पार्टी जो इनके काबू में नहीं आ रही, वहां ये लोग रेड डालने के लिए अपने फ्रंटलाइन वॉरियर्स को भेज देते हैं। छत्तीसगढ़ में सीएम ने एक बहुत बड़ा आरोप लगाया है कि जो ईडी अफसर वहां रेड के लिए जा रहे हैं, उनकी भी चेकिंग होनी चाहिए। बघेल के आरोपों जांच तुरंत होनी चाहिए। खेड़ा ने कहा, हवाई जहाज क्यों नहीं चेक होते। पहले तो यही देखने को मिलता था कि चुनाव अधिकारी किसी भी मुख्यमंत्री या कोई दूसरा व्यक्ति, उसके सामान की जांच करते थे। अब एक प्रदेश का मुख्यमंत्री इस तरह की जांच की मांग कर रहा है, तो सरकार को जांच कराने में क्या दिक्कत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *