MP : कौन मंत्री कहां मुश्किल में फंसा है !

MP के 31 मंत्रियों में कहां-कौन मुश्किल में ….11 त्रिकोणीय, छह कांटे की टक्कर में फंसे; दो की राह मुश्किल

भाजपा ने इस बार मंत्री ओपीएस भदौरिया का टिकट काटा है। वहीं, शिवपुरी से विधायक और मंत्री यशोधरा राजे ने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

2018 के विधानसभा चुनाव में 34 में से 13 यानी 40 प्रतिशत मंत्री चुनाव हार गए थे। 2013 में 23 मंत्रियों में से 10 चुनाव हारे थे यानी 43%। इस बार भी कई मंत्री मुश्किल में दिख रहे हैं।

मालवा-निमाड़ में 11 मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। उज्जैन के राजनीतिक जानकार निरुक्त भार्गव कहते हैं- मालवा-निमाड़ में मंत्रियों के हारने का चलन दूसरे अंचलों के मुकाबले कम रहा है। हालांकि, कई मंत्री इस बार कड़े मुकाबले में घिरे हैं। 

कौन मंत्री कहां मुश्किल में फंसा है,

भोपाल-नर्मदापुरम संभाग : छह मंत्रियों में से एक की सीट पर कांटे की टक्कर

नरेला में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास को चुनौती देने का संघर्ष

भोपाल की नरेला सीट पर सारंग के सामने कांग्रेस से मनोज शुक्ला मैदान में हैं।

भोपाल जिले की नरेला विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मंत्री विश्वास सारंग के सामने कांग्रेस ने नए चेहरे के तौर पर मनोज शुक्ला को उतारा है। हिंदुत्व और विकास के एजेंडे पर सारंग एक बार फिर मजबूती से मैदान में डटे हैं। कांग्रेस अभी यहां चुनौती देने के लिए संघर्ष कर रही है।

सांची में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चौधरी की सीट पर सीधी लड़ाई
रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट से डॉ. प्रभुराम चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के डॉ. जीसी गौतम से है। 2020 के उपचुनाव में डॉ. चौधरी ने बड़ी जीत दर्ज की थी। उनके सामने फिलहाल कोई निगेटिव पॉइंट नहीं है। टिकट नहीं मिलने से नाराज रहे पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के तेवर भी नरम हैं।

हरदा में कृषि मंत्री पटेल की सीट पर कांटे का मुकाबला

कमल पटेल को रामकिशोर दोगने 2013 में हरा चुके हैं। दोगने की गुर्जर समाज में अच्छी पकड़ है।

हरदा सीट से चुनाव लड़ रहे कृषि मंत्री कमल पटेल पिछली बार 6667 वोटों से जीते थे। इस बार भी उनका मुकाबला कांग्रेस के रामकिशोर दोगने से है। कमल 2013 में दोगने से हार चुके हैं। कांग्रेस को बीजेपी के बागी सुरेंद्र जैन के सजातीय और समर्थक वोटरों का साथ मिलता दिख रहा है। कमल पटेल फिलहाल इस सीट पर फंसे हुए नजर आ रहे हैं।

मालवा-निमाड़ : 11 मंत्रियों में से तीन त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे

मल्हारगढ़ में कांग्रेस के बागी से मंत्री देवड़ा की राह आसान
मंदसौर की मल्हारगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का मुकाबला कांग्रेस के परशुराम सिसोदिया से है। यहां कांग्रेस के बागी श्यामलाल के निर्दलीय मैदान में होने का नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा है।

सांवेर में मंत्री सिलावट का अनुभव कांग्रेस पर भारी
इंदौर की सांवेर सीट से चुनाव लड़ रहे जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का मुकाबला पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्‌डू की बेटी रीना बौरासी सेतिया से है। सेतिया पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। पिता गुड्‌डू खुद रतलाम की आलोट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। परिवार में अंतर्कलह का फायदा सिलावट को मिलता दिख रहा है।

महू में कांग्रेस के बागी ने लड़ाई त्रिकोणीय बनाई

उषा ठाकुर इस सीट से दूसरी बार मैदान में हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला बीजेपी में रह चुके हैं।

इंदौर जिले में आंबेडकर नगर (महू) से चुनाव लड़ रहीं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस के रामकिशोर शुक्ला से है। शुक्ला पहले बीजेपी में थे, दो महीने पहले ही कांग्रेस में आए हैं। टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस से पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा को फायदा होता दिख रहा है।

बदनावर में कांग्रेस में भितरघात से मंत्री दत्तीगांव की राह आसान
धार जिले की बदनावर सीट पर उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का मुकाबला कांग्रेस के भंवर सिंह शेखावत से है। कांग्रेस को यहां टिकट के दावेदारों के भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। इससे दत्तीगांव की राह आसान होती दिख रही है।

बड़वानी में पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह को मिल रही तगड़ी चुनौती
बड़वानी सीट से चुनाव लड़ रहे पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का मुकाबला कांग्रेस के राजन मंडलोई से है। पिछली बार राजन मंडलोई कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय लड़े थे। इस सीट पर आदिवासी वोटर निर्णायक हैं। भिलाला समुदाय राजन के पक्ष में तो निर्णायक संख्या वाले बारेला वोटर्स पटेल के पक्ष में लामबंद हैं।

हरसूद में वन मंत्री शाह के तगड़े मैनेजमेंट से कांग्रेस पिछड़ी
खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे वन मंत्री विजय शाह के सामने कांग्रेस ने सुखराम साल्वे को उतारा है। कोरकू समाज से आने वाले साल्वे को चार बार के विधायक शाह के सामने अभी दम लगाना पड़ रहा है।

शुजालपुर में कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा मंत्री परमार को
शाजापुर जिले की शुजालपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की टक्कर इस बार कांग्रेस के रामवीर सिंह सिकरवार से है। सिकरवार को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी हुई है। इसका फायदा परमार को मिलता दिख रहा है।

जावद में मंत्री सकलेचा की सीट पर बागी के चलते त्रिकोणीय संघर्ष

ओमप्रकाश सकलेचा 5वीं बार जबकि समंदर पटेल पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

नीमच जिले की जावद सीट से चुनाव लड़ रहे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के सामने कांग्रेस ने समंदर पटेल पर दांव लगाया है। पटेल सिंधिया समर्थक रहे हैं। बीजेपी के बागी पूरनमल अहीर के मैदान में उतरने से सकलेचा को मुश्किल आ रही है।

उज्जैन दक्षिण में मंत्री यादव को कांग्रेस से कड़ी टक्कर
उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव लड़ रहे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का मुकाबला चेतन यादव से है। मोहन का गांवों में नेटवर्क अच्छा है तो चेतन की शहरी क्षेत्र में पकड़ है। दोनों प्रत्याशियों में कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है।

सुवासरा में मंत्री डंग के खिलाफ दलबदल विरोधी लहर
मंदसौर जिले की सुवासरा सीट से चुनाव लड़ रहे नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग का मुकाबला कांग्रेस के राकेश पाटीदार से है। इस सीट पर पाटीदार वोटर निर्णायक हैं। दलबदल के चलते डंग के खिलाफ इस बार नाराजगी दिख रही है।

ग्वालियर-चंबल : सात मंत्रियों में से चार की सीट पर त्रिकोणीय, एक सीट पर कांटे का मुकाबला

दतिया में कड़े मुकाबले में फंसे गृहमंत्री नरोत्तम

दतिया सीट से नरोत्तम मिश्रा और राजेंद्र भारती चौथी बार आमने-सामने हैं।

दतिया सीट से चुनाव में उतरे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। कांग्रेस ने पिछली बार 2656 वोटों से हारे राजेंद्र भारती पर फिर दांव लगाया है। राजेंद्र को भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए अवधेश नायक का भी साथ मिल रहा है। भारती ही गृहमंत्री के खिलाफ पेड न्यूज मामले में कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं।

बमोरी में कांग्रेस प्रत्याशी का पार्टी में विरोध, बीजेपी को फायदा
गुना जिले की बमोरी सीट से चुनाव लड़ रहे मंत्री महेंद्र सिसोदिया की सीधी लड़ाई है। कांग्रेस ने युवा चेहरे के तौर पर ऋषि अग्रवाल को मैदान में उतारा है। वे दो बार भाजपा से विधायक रहे कन्हैयालाल अग्रवाल के बेटे हैं। हालांकि, ऋषि का पार्टी में विरोध भाजपा को फायदा पहुंचा रहा है।

पोहरी में धाकड़ वोटों में बंटवारे से राज्यमंत्री मुश्किल में

सुरेश राठखेड़ा कांग्रेस से बीजेपी में आए। कैलाश कुशवाह बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट पर वोटर मंत्री सुरेश राठखेड़ा से नाराज हैं। मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने कैलाश कुशवाह और बसपा ने कांग्रेस के बागी प्रद्युम्न वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। वर्मा भी धाकड़ समुदाय से हैं। जाति के वोटों में बंटवारे से मंत्री सुरेश राठखेड़ा मुश्किल में फंसे हैं।

बसपा तय करेगी उद्यानिकी मंत्री की जीत-हार
ग्वालियर ग्रामीण सीट पर उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा का सीधा मुकाबला कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर से है। पिछली बार बसपा से चुनाव लड़े साहब सिंह 1517 वोटों से हार गए थे। बसपा ने इस बार सुरेश बघेल पर दांव लगाया है। बसपा जितने वोट काटेगी, इससे ही उद्यानिकी मंत्री की जीत-हार तय होगी। इस सीट पर कुशवाहा-गुर्जर के बाद पाल-बघेल वोटर सबसे ज्यादा हैं। यहां गुर्जर वर्सेज अन्य समीकरण रंग दिखा सकता है।

ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री की सीट पर सीधा मुकाबला
ग्वालियर सिटी सीट पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के सामने कांग्रेस ने सुनील शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। बसपा से नितिन सिंह तोमर मैदान में हैं। इसके बावजूद तोमर वोटर प्रद्युम्न के साथ एकजुट हैं। इस सीट पर लड़ाई ठाकुर बनाम ब्राह्मण की है। दूसरी जातियों में सेंध लगाकर प्रद्युम्न बढ़त पर दिख रहे हैं।

अटेर में सहकारिता मंत्री भदौरिया की राह में सपा बनी रोड़ा

अरविंद भदौरिया और हेमंत कटारे तीसरी बार आमने-सामने हैं। कटारे उपचुनाव जीत चुके हैं।

भिंड जिले की अटेर सीट से सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के सामने कांग्रेस से हेमंत सत्यदेव कटारे हैं। हेमंत पिता सत्यदेव कटारे की विरासत को लेकर मैदान में उतरे हैं। बीजेपी के बागी पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदौरिया सपा से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष में कांग्रेस को फायदा होता दिख रहा है।

मुंगावली में तीन यादव प्रत्याशियों में टक्कर
अशोकनगर की मुंगावली सीट से मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेंद्र सिंह से है। यादवेंद्र के पिता तीन बार बीजेपी से विधायक रहे हैं। बसपा ने कांग्रेस के बागी मोहन सिंह यादव को टिकट दिया है। यादव बाहुल्य इस सीट पर बृजेंद्र और यादवेंद्र में कड़ी टक्कर है।

बघेलखंड-महाकौशल : चार मंत्री त्रिकोणीय, दो कड़े मुकाबले में फंसे

जनसंपर्क मंत्री शुक्ला की कांग्रेस से सीधी लड़ाई

राजेंद्र शुक्ला और राजेंद्र शर्मा दोनों एक ही इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़े हैं।

विंध्य में बीजेपी के बड़े ब्राह्मण चेहरे व जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ला का मुकाबला कांग्रेस के इंजीनियर राजेंद्र शर्मा से है। दोनों प्रत्याशियों के बीच सीधी लड़ाई है। अन्य प्रत्याशी वोटकटवा भूमिका में हैं। हालांकि, कांग्रेस को यहां संघर्ष करना पड़ रहा है।

अमरपाटन में अल्पसंख्यक मंत्री की सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
सतना जिले की अमरपाटन सीट पर मंत्री रामखेलावन पटेल का मुकाबला इस बार भी कांग्रेस के डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह से है। बसपा ने चंगेलाल कोल को टिकट दिया है। उन्हें पिछली बार 37 हजार वोट मिले थे। भाजपा पिछली बार तीन हजार वोटों से जीती थी। इस बार मंत्री त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे हैं।

अनूपपुर में खाद्य मंत्री बिसाहूलाल को पूर्व नौकरशाह से मिल रही टक्कर
अनूपपुर विधानसभा सीट पर खाद्य मंत्री बिसाहूलाल को पूर्व संयुक्त कलेक्टर रमेश सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही है। रमेश सिंह की बढ़त को कम करने के लिए बिसाहू इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। वे इसे अपना आखिरी चुनाव बता रहे हैं।

आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना की राह में गोंगपा बनी बाधा

2008 में परिसीमन के बाद से मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी के कब्जे में रही है।

उमरिया जिले की मानपुर सीट से मंत्री मीना सिंह के सामने कांग्रेस ने तिलकराज को टिकट दिया है। वे पिछला चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट पर गोंगपा फैक्टर हावी दिख रहा है। जेल से चुनाव लड़ रहे गोंगपा प्रत्याशी राधेश्याम काकोड़िया ने चुनाव से पहले मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।

बालाघाट में मंत्री बिसेन को अनुभा दे रहीं कड़ी टक्कर
बालाघाट की परंपरागत सीट से उतरे नर्मदा घाटी विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन का मुकाबला कांग्रेस की अनुभा मुंजारे से है। अनुभा पिछली बार सपा से चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर थीं। अपने व्यक्तिगत वोट बैंक और कांग्रेस के परंपरागत वोटों की बदौलत उन्होंने बिसेन को मुश्किल में डाल दिया है।

परसवाड़ा में राज्यमंत्री कांवरे त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे

रामकिशोर कांवरे दो बार और मधु भगत एक बार विधायक रह चुके हैं। मतदाता हर 5 साल में चेहरा बदल देते हैं।

बालाघाट जिले की परसवाड़ा सीट से बीजेपी ने इस बार भी मंत्री रामकिशोर कांवरे पर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला पिछली बार की तरह कांग्रेस के मधु भगत से है। इस सीट पर पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे कंकर मुंजारे गोंगपा से मैदान में हैं। त्रिकोणीय संघर्ष में कांवरे की राह मुश्किल दिख रही है।

बुंदेलखंड : पांच मंत्रियों में एक की सीट त्रिकोणीय, एक पर कांटे की टक्कर

रहली में मंत्री भार्गव को महिला चेहरे से मिल रही टक्कर
सागर जिले की रहली विधानसभा सीट पर पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव का मुकाबला कांग्रेस की ज्योति पटेल से है। कांग्रेस लोधी वोट बैंक के बूते यहां टक्कर दे रही है। मंत्री भार्गव के समर्थक बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कहकर क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। इसका फायदा बीजेपी को मिलता दिख रहा है।

सुरखी में मंत्री गोविंद की सीट पर कांटे की टक्कर

गोविंद सिंह राजपूत 2020 में बीजेपी में शामिल हुए। नीरज शर्मा बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं।

सागर जिले की सुरखी सीट से परिवहन मंत्री गोविंद सिंह के सामने कांग्रेस ने भाजपा से आए नीरज शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। नीरज शर्मा स्थानीय होने और ब्राह्मण वोट बैंक के बूते गोविंद सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यहां मंत्री के खिलाफ नाराजगी भी दिख रही है।

खुरई में मंत्री भूपेंद्र के मैनेजमेंट के आगे कांग्रेस बैकफुट पर
सागर जिले की खुरई सीट पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी रक्षा राजपूत को उतारा है। इस सीट पर कांग्रेस का वोट बैंक एकजुट है, लेकिन भाजपा के भूपेंद्र सिंह का मैनेजमेंट भारी पड़ता दिख रहा है।

पन्ना में मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह लोधी वोटों के बलबूते मजबूत
पन्ना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के सामने कांग्रेस ने भरत मिलन पांडे को उतारा है। यहां दोनों प्रत्याशियों में सीधा मुकाबला है। लोधी वोटर भाजपा के पक्ष में एकजुट नजर आ रहे हैं। यही भाजपा के पक्ष में बड़ा फैक्टर है।

खरगापुर में मंत्री राहुल लोधी को सपा से राहत

कांग्रेस की चंदा सिंह गौर 2013 में उमा के भतीजे राहुल लोधी को चुनाव हरा चुकी हैं।

टीकमगढ़ जिले की खरगापुर सीट से आखिरी समय में मंत्री बनाए गए उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी के सामने कांग्रेस ने चंदा सिंह गौर को प्रत्याशी बनाया है। यहां कांग्रेस के बागी श्यामरतन तिवारी सपा से मैदान में थे। ये अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसका फायदा भाजपा को मिलेगा।

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