क्‍या राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए भ्रष्टाचार एवं आतंकवाद कोई मुद्दा है?

राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों की अनदेखी, क्‍या राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए भ्रष्टाचार एवं आतंकवाद कोई मुद्दा है?

एक समय कांग्रेस भ्रष्टाचार को गंभीर समस्या मानती थी। हालांकि इसके साथ ही उसने मजबूरी भी जताई कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में असमर्थ है। लाल किले से 15 अगस्त 2011 को दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया था कि देश की तरक्की में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी बाधा है और यह सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है।

 देश की जनता को प्रभावित करने वाले पांच प्रमुख मुद्दों में सर्वाधिक गंभीर दो मुद्दों को यदि चुना जाए तो वे कौन से होंगे? संभवत: भ्रष्टाचार और आतंकवाद। ये दो मुद्दे आज किन-किन दलों की प्राथमिकता में हैं? अधिकांश दलों की प्राथमिकता में तो नहीं दिखते, लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी दलों की प्राथमिकता में जरूर हैं, क्योंकि ये दल समझते हैं कि आम जनता इन मुद्दों का हल चाहती है। यही कारण है कि भाजपा 2014 से लगातार केंद्र और कई राज्यों की सत्ता में है। भले ही ढीले-ढाले ढंग से ही सही, लेकिन एक समय अन्य दलों की प्राथमिकताओं में भी ये मुद्दे थे।

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