पिछले दिनों नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब के हवाले से एक खबर आई। उससे पता चला कि एक साल में करीब सवा लाख मुकदमे झूठे पाए गए। ये मुकदमे दूसरों को फंसाने के लिए दर्ज कराए गए थे। जिन लोगों पर मुकदमे किए गए थे, उनके खिलाफ आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी यानी वे झूठे थे। कहीं रास्ते के विवाद में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया। कहीं विरोधी पर दबाव बनाने के लिए छेड़खानी का मुकदमा तो कहीं दुश्मनी निकालने के लिए मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया गया।