नई दिल्ली। छात्रों से जुड़ी शिकायतों पर गंभीर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अब तक लोकपाल की नियुक्ति न करने वाले 63 विश्वविद्यालयों के रवैए पर गंभीर नाराजगी जताई है। साथ ही इन सभी को नियमों का पालन न करने के चलते डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची में डाल दिया है।

इन विश्वविद्यालयों में करीब 46 राज्य विश्वविद्यालय, छह निजी विश्वविद्यालय और 11 मानद विश्वविद्यालय शामिल है। यूजीसी ने इसके साथ ही सभी डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर नए नियमों के तहत जल्द लोकपाल की नियुक्ति करने सहित छात्रों से जुड़ी व्यवस्थाओं को जुटाने के निर्देश दिए है।

विश्वविद्यालयों के रवैए को लेकर यूजीसी ने यह नाराजगी तब जताई है, जब उसके बार-बार निर्देश के बाद भी विश्वविद्यालयों ने छात्रों की शिकायतों से जुड़े नियमों को अपने यहां लागू नहीं किया। या फिर उसकी जानकारी नहीं दी। यूजीसी ने छात्रों की शिकायतों से जुड़े नए नियमों को 2023 में ही लागू कर दिया था। साथ ही विश्वविद्यालयों को लागू करने को कहा था।

प्रत्येक विश्वविद्यालय को लोकपाल की नियुक्ति करनी होगी: यूजीसी 

गौरतलब है कि छात्रों से जुड़े नए नियमों के तहत प्रत्येक विश्वविद्यालय को अनिवार्य रूप से लोकपाल की नियुक्ति करनी होगी। जहां संस्थान की ओर से गठित कमेटी की ओर से न्याय न मिलने पर लोकपाल के सामने उस फैसले को चुनौती दी जा सकेगी। नियमों के तहत लोकपाल के पद पर किसी रिटायर्ड जज, पूर्व कुलपति या प्रोफेसर को ही नियुक्ति किया जा सकता है।