भोपाल। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 17 नवंबर को सुबह सात बजे से होगा। इसके लिए बुधवार शाम छह बजे प्रचार थम गया। इसके साथ ही रैली, सभा, नुक्कड़ सभा और रोड शो पर प्रतिबंध लग गया। वहीं, बाहरी व्यक्तियों को विधानसभा क्षेत्र छोड़ना होगा। इसके लिए धर्मशालाओं, लाज और होटलों की जांच कराई जा रही है। अब प्रत्याशी घर-घर मतदाताओं से संपर्क और बंद कमरों में बैठक ही कर सकेंगे।

प्रचार थमने से पहले प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित केंद्रीय मंत्रियों ने जमकर प्रचार किया तो कांग्रेस से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला।

अब चुनाव की कमान स्थानीय नेताओं के हाथ में रहेगी और 48 घंटे मतदाताओं से सीधे संपर्क का कार्यक्रम चलेगा। चुनाव की घोषणा होने के बाद चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन की 9980 शिकायतें सी-विजिल एप के माध्यम से मिलीं और सभी का निराकरण किया गया। थोकबंद एसएमएस पर रोक लग चुकी है। राजनीतिक दल या प्रत्याशी को विज्ञापन के लिए मीडिया प्रमाणीकरण समिति से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

चुनावी मैदान में 2,533 उम्मीदवार
230 विधानसभा सीटों के लिए 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें 2,280 पुरुष और 252 महिला हैं। एक प्रत्याशी थर्ड जेंडर का है। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि, बसपा ने 181, सपा ने 71 और आम आदमी पार्टी ने 66 उम्मीदवार उतारे हैं।
5.60 करोड़ मतदाताओं के लिए 64, 626 मतदान केंद्र
मध्य प्रदेश में 5,60,58,521 मतदाता हैं। इनके लिए 64, 626 (103 सहायक मतदान केंद्रों सहित) मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 17 नवंबर को सुबह सात बजे से होने वाले मतदान के लिए मतदान दल गुरुवार को रवाना होंगे। व्यवस्था ऐसी बनाई जा रही है कि शाम होते-होते दल मतदान केंद्र पर पहुंच जाएं। रात में ही मतदान केंद्र पर मतदान के लिए पूरी व्यवस्था बनाई जाएगी। सुबह साढ़े पांच बजे से माक पोल होगा, जिसमें 50-50 मत डालकर देखे जाएंगे।