रेत माफिया से चंबल के पुल को खतरा!
- :रेत के ओवर लोड वाहनों से पुल के पिलर का लॉक टूटा, फिर भी नहीं लग पा रही रोक, आवागमन हो सकता ठप
- हैवी वाहनों की वजह से पुल में आई तकनीकी खराबी
मध्य प्रदेश और यूपी की सीमा को जोड़ने वाला चंबल नदी का पुल इन दिनों खतरे में है। इस पुल काे खतरा रेत माफिया से है। इस पुल की क्षमता 40 टन की है। यहां से रेत के 125 टन से ज्यादा ओवर लोड होकर वाहन निकाले जा रहे है। इस वजह से पुल के पिलर क्रमांक छह का बैरिंग का लॉक टूट गया। अब पुल मूव नहीं कर रहा है। इस वजह से पुल की सुरक्षा पर खतरा खड़ा हो गया। यदि ऐसा ही रहा तो पुल पर से आवागमन ठप हो सकता है।
भिंड जिले के बरही घाट से इटावा जिले के ऊदी को जोड़ने वाले पुल की आयु करीब 50 साल है। यूपी के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोक निर्माण विभाग के अफसरों का कहना है कि यह पुल का निर्माण सन् 1972 से 75 में पूरा हुआ था। उस समय इस पुल से निकलने वाले वाहनों की संख्या कम हुआ करती थी। तात्कालिक इंजीनियरिंग के मुताबिक इस पुल को सिंगल ऑपशन पर तैयार कराया गया था। इस पुल से निकलने वाले वाहनों की क्षमता 40 टन बताई जाती है। वर्तमान में इस पुल से ओवर लोडिड रेत से भरे वाहनों को निकाला जा रहा है। इस वजह से पुल की सुरक्षा पर खतरा है।
गाजियावाद और मुंबई की कंपनी से किया संपर्क
लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग के इंजीनियरों ने पुल की जांच करके वरिष्ठ अफसरों को सूचना कर दी है। पुल की सुरक्षा खतरे में होने की खबर भिंड और इटावा यूपी के जिला प्रशासन से भी अगवत करा दिया गया है। इंजीरियरों ने गाजियाबाद और मुंबई की सेतु मेंटेनेंस कंपनियों से संपर्क किया है। इन कंपनियों के माध्यम से पुल का टूटा हुआ लॉक को बदला जाएगा। इस वर्क को पूरा करने के लिए हाईजैक और सपोर्टिंग मशीनरी की आवश्यकता होगी।
इस पूरे मामले में लोक निर्माण खंड के राष्ट्रीय राजमार्ग के सहायक अभियंता सुभाष चंद्र शर्मा का कहना है कि पुल का छह नंबर के पिलर का बॉल्ट टूट गया है। यह ओवर लाेडिंग वाहनों की वजह से टूटा है। इसके सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।