नई दिल्ली। लोकसभा में विभिन्न सदस्यों से द्वारा पेश किए गए 700 से अधिक प्राइवेट विधेयक लंबित हैं। लंबित विधेयकों में से कई दंड प्रविधानों और चुनावी कानूनों में संशोधन से संबंधित हैं। इनमें से कई विधेयक जून, 2019 में पेश किए गए थे, जब संसदीय चुनावों के बाद वर्तमान लोकसभा का गठन किया गया था और कुछ को इस साल अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था।

प्राइवेट विधेयक वे होते हैं, जो सांसदों द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता के तहत पेश किए जाते हैं। शुक्रवार को जारी लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, निचले सदन में 713 ऐसे विधेयक लंबित हैं। ये विधेयक समान नागरिक संहिता लाने, लैंगिक समानता, जलवायु परिवर्तन, कृषि, मौजूदा आपराधिक तथा चुनावी कानूनों में संशोधन और संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव जैसे मुद्दों से संबंधित हैं।

बता दें कि एक बार जब किसी प्राइवेट विधेयक पर बहस समाप्त हो जाती है, तो संबंधित मंत्री उसमें हस्तक्षेप करते हुए सरकार का पक्ष एवं मत रखता है और संबंधित सदस्य से इसे वापस लेने का अनुरोध करता है।