ग्वालियर : पांच दिसंबर के बाद रफ्तार पकड़ेंगे एक दर्जन विकास कार्य !

पांच दिसंबर के बाद रफ्तार पकड़ेंगे एक दर्जन विकास कार्य
Development Works In Gwalior: गत नौ अक्टूबर से विधानसभा चुनाव की आचार संहिता ने शहर के विकास कार्यों पर ब्रेक लगा दिया है। आचार संहिता के कारण सिर्फ वही काम गति पकड़ सके, जिनके वर्क आर्डर जारी हो गए थे। बाकी अन्य कार्यों की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डालदियागयाथा।

विधानसभा चुनाव के कारण गत नौ अक्टूबर को प्रदेश में आचार संहिता लगा दी गई थी। आचार संहिता के दौरान न तो प्रचलित टेंडरों को खोला जाता है और न ही वर्क आर्डर जारी किए जाते हैं। इसके अलावा प्रस्तावित कार्यों के टेंडर करने से भी अधिकारी बचते हैं। सिर्फ वही काम चलते हैं, जो पहले से मौके पर चालू हो चुके हैं। गत 17 नवंबर को प्रदेशभर में मतदान हो चुका है और आगामी तीन दिसंबर को मतगणना के बाद नई सरकार बनेगी। हालांकि पांच दिसंबर से आचार संहिता हट जाएगी। आचार संहिता हटने के बाद लगभग 1800 करोड़ रुपए के विकास कार्य रफ्तार पकड़ेंगे। इसके अलावा नए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव भी स्वीकृत होंगे। पिछले दो महीने से जो काम रुके हुए हैं, अब उनमें प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। इनमें कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो वर्षों से कागजों में ही चल रहे हैं और अब टेंडर प्रक्रिया की स्थिति में पहुंच चुके हैं। अधिकारियों के सामने चुनौती होगी कि जल्द से जल्द प्रक्रिया को पूरा कर वर्क आर्डर जारी कर दिए जाएं।

ये हैं शहर के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट विभाग लागत

एलिवेटेड रोड सेकंड फेज पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग 926.21 करोड़

चंबल प्रोजेक्ट नगर निगम 376 करोड़

अमृत योजना फेज-2 नगर निगम 390 करोड़

गालव कन्वेंशन सेंटर नगर निगम 45 करोड़

कायाकल्प योजना फेज-2 नगर निगम 18 करोड़

रेसकोर्स रोड सुंदरीकरण नगर निगम 10 करोड़

फाइन आर्ट कालेज उन्नयन नगर निगम 6.33 करोड़

जड़ेरुआ में हाइटेक नर्सरी नगर निगम 15 करोड़

तीन चौराहों का सुंदरीकरण नगर निगम 2.79 करोड़

पड़ाव पुल के नीचे सुंदरीकरण नगर निगम 1 करोड़

स्वर्ण रेखा पर तार फेंसिंग स्मार्ट सिटी 1.65 करोड़

कटोराताल के पानी की सफाई स्मार्ट सिटी 3.19 लाख

फूलबाग चौपाटी का उन्नयन नगर निगम 85 लाख

एनिमल इंसीनरेटर नगर निगम 5.33 करोड़

जंक्शन इंप्रवूमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन नगर निगम 5 करोड़

निगम संग्रहालय का उन्नयन नगर निगम 7.32 करोड़

महलगांव रेल अंडरब्रिज एमपीआरडीसी 9.50 करोड़

मोहना रेल ओवरब्रिज एमपीआरडीसी 36.27 करोड़

 

तेजी से काम करने की चुनौती, क्योंकि तीन माह बाद फिर आचार संहिता

इन प्रोजेक्ट पर संबंधित एजेंसियों को तेजी से काम कराना होगा। ज्यादातर प्रोजेक्ट के लिए वर्क आर्डर जारी करना बड़ी चुनौती होगा, क्योंकि दो से तीन माह के बाद फिर से आचार संहिता लग जाएगी। ये आचार संहिता आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर होगी। ऐसे में इन सारे प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए तेजी दिखानी होगी। यदि फिर से सुस्त प्रक्रिया चली, तो ये सारे प्रोजेक्ट आगामी मई माह तक के लिए टल जाएंगे। ऐसे में कम से कम पांच महीने का समय यूं ही बर्बाद हो जाएगा।

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