एडीआर के मुताबिक 230 में से 90 (39 फीसदी) नव निर्वाचित विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। 2018 के मुकाबले दागी उम्मीदवारों की संख्या में कमी आई है। 2018 में जीते उम्मीदवारों में से 94 पर आपराधिक मामले दर्ज थे। गंभीर धाराओं में मामले दर्ज होने की बात करें तो 90 में से 34 नवनिर्वाचित विधायकों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे चल रहे हैं। 2018 के विजेताओं में इस तरह के 47 उम्मीदवार थे।
नई विधानसभा के 89 फीसदी (कुल 205) सदस्य करोड़पति होंगे। प्रत्येक विजेता उम्मीदवार की औसत संपत्ति 11.77 करोड़ रुपये है। करोड़पति विजेताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। 2018 में जीते 90 में से 68 (76 फीसदी) उम्मीदवार करोड़पति थे। जो अब बढ़कर 72 (80 फीसदी) हो गए हैं। करोड़पति उम्मीदवारों के जीतने का प्रतिशत 2018 के मुकाबले बढ़ा है। 2018 में 81 फीसदी विजेता करोड़पति थे, जो अब बढ़कर 89 फीसदी हो गए हैं।
किस पार्टी से कितने दागी जीते?
भाजपा के 163 नवनिर्वाचित विधायकों में से 51 पर (31 फीसदी) आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इसी तरह कांग्रेस के 66 नवनिर्वाचित विधायकों में से 38 (58 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भारत आदिवासी पार्टी के विधायक पर भी आपराधिक मामला दर्ज है। भाजपा के 16 तो कांग्रेस के 17 नवनिर्वाचित विधायकों ने खुद पर गंभीर धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। भारत आदिवासी पार्टी के विधायक पर भी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है।
किस पार्टी से कितने करोड़पति जीते?
- नई विधानसभा के 205 नवनिर्वाचित विधायक करोड़पति हैं। भाजपा के 163 विधायकों में से करोड़पति विधायकों की संख्या 144 (82 फीसदी) है। वहीं, कांग्रेस के 92 फीसदी नवनिर्वाचित विधायक करोड़पति हैं। पार्टी के 66 विजेताओं में करोड़पतियों की संख्या 61 है। कांग्रेस के सिर्फ पांच विजेता ऐसे हैं जिनके पास एक करोड़ रुपये से कम की संपत्ति है।
- 44 फीसदी यानी 102 विजेता उम्मीदवारों ने अपने पास पांच करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। 71 (31 फीसदी) विजेता उम्मीदवारों के पास दो से पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है। 48 (21 फीसदी) विजेताओं के पास 50 लाख से दो करोड़ रुपये तक की संपत्ति है। महज नौ विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास 50 लाख रुपये से भी कम की संपत्ति है।
सबसे अमीर नवनिर्वाचित विधायक कौन हैं?
रतलाम शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीते चैतन्य कश्यप नई विधानसभा के सबसे अमीर विधायक होंगे। चैतन्य 2018 में भी जीते थे। तब वह दूसरे सबसे अमीर विजेता थे। चैतन्य ने इस बार अपनी कुल संपत्ति 296.08 करोड़ रुपये बताई है। पिछली विधानसभा में सबसे अमीर विधायक रहे संजय पाठक नई विधानसभा के दूसरे सबसे अमीर विधायक होंगे। कटनी जिले की विजयराघवगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर जीते पाठक के पास 142.09 करोड़ रुपये की संपत्ति है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नई विधानसभा के तीसरे सबसे अमीर विधायक होंगे। छिंदवाड़ा सीट से जीते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पास 134.24 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है। इन तीन नवनिर्वाचित विधायकों के अलावा किसी अन्य विधायक के पास 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति नहीं है।
किन विजेताओं के पास सबसे कम सपत्ति?
रतलाम जिले की सैलाना सीट से भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर जीते कमलेश्वर डोडियार नई विधानसभा के सबसे कम संपत्ति वाले विधायक होंगे। कमलेश्वर के पास कुल 18.32 लाख की संपत्ति है। जबलपुर जिले की सिहोरा सीट से जीते भाजपा के संतोष वरकड़े और खंडवा से जीते भाजपा की ही कंचन तनवे इस सूची में दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। संतोष के पास कुल 25.83 लाख तो कंचन के पास 26.93 लाख रुपये की कुल संपत्ति है।
कितने पढ़े-लिखे हैं मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायक?
- 64 (28 फीसदी) विजेताओं ने अपनी अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है। वहीं, 161 (70 फीसदी) विजेता ऐसे हैं जो स्नातक या उससे अधिक पढ़े-लिखे हैं। दो विजेता सिर्फ साक्षर हैं, वहीं तीन डिप्लोमाधारी हैं। दो विजेता 5वीं पास हैं। पांच ने 8वीं तक की पढ़ाई की है। 14 विजेता ऐसे हैं जिन्होंने ने 10वीं तक की शिक्षा ली है। इसी तरह 43 ने 12वीं, 49 ने स्नातक, 35 ने पेशेवर स्नातक और 70 ने परास्नातक की डिग्री ली है। सात विजेताओं ने पीएचडी कर रखी है।
- पार्टी वार बात करें तो भाजपा के 163 विजेताओं में एक साक्षर, दो 5वीं पास, चार 8वीं पास, 10 विजेता10वीं पास और 31 विजेता 12वीं पास हैं। इसी तरह 38 के पास स्नातक, 24 के पास स्नातक पेशेवर, 47 के पास स्नाकोत्तर डिग्री है। चार ने पीएचडी और दो ने डिप्लोमा किया है।
- कांग्रेस के 66 विजेताओं में से एक साक्षर, एक आठवीं पास, चार 10वीं पास और 12 विजेता 12वीं पास हैं। 11 विजेताओं ने स्नातक, 10 ने पेशेवर स्नातक और 23 ने स्नाकोत्तर किया है। तीन विजेताओं ने पीएचडी और एक ने डिप्लोमा कर रखा है।
कितनी उम्रदराज होगी नई विधानसभा?
18 नवनिर्वाचित विधायक 31 से 40 वर्ष की उम्र के हैं। 53 नवनिर्वाचित विधायकों की उम्र 41 से 50 साल के बीच है। वहीं, 86 की उम्र 51 से 60 तो 57 की उम्र 61 से 70 साल के बीच है। 16 सबसे उम्रदराज विधायकों की उम्र 71 से 80 साल के बीच है। टिमरनी सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते अभिजीत शाह नई विधानसभा के सबसे युवा विधायक होंगे। 31 साल के अभिजीत ने यहां अपने चाचा और भाजपा के कद्दावर नेता संजय शाह को महज 950 वोट से हराया। चाचौड़ा विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को हराने वाले प्रियंका पेंची नई विधानसभा की दूसरी सबसे युवा विधायक होंगी। प्रियंका की उम्र महज 32 साल है। शहडोल जिले की ब्योहारी सीट पर भाजपा के टिकट पर जीते शरद जुगल कोल भी तीन सबसे युवा विधायकों में शामिल होंगे। शरद की उम्र भी 32 साल है।
सबसे उम्रदराज विधायकों की बात करें तो दो सबसे उम्रदराज विधायकों की उम्र और नाम दोनों एक ही है। दोनों 80 साल के हैं। दोनों भाजपा के टिकट पर जीते हैं। एक रीवा की गुढ़ सीट से जीते नागेंद्र सिंह और दूसरे सतना की नागौद सीट से जीते नागेंद्र सिंह हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नई विधानसभा के तीसरे सबसे उम्रदराज विधायक होंगे। 76 साल के कमलनाथ अपनी परंपरागत छिंदवाड़ा सीट से जीते हैं। दमोह सीट से भाजपा के टिकट पर जीते पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया भी 76 साल के हैं। 75 साल या उससे अधिक उम्र के नवनिर्वाचित विधायकों की लिस्ट में एक और नाम जगन्नाथ सिंह रघुवंशी का है। रघुवंशी अशोकनगर जिले की चंदेरी सीट से भाजपा के टिकट पर जीते हैं। 230 नवनिर्वाचित विधायकों में से 203 पुरुष और 27 (12 फीसदी) महिलाएं हैं।