IAS के बेटे की बेरहम कहानी !
प्यार, पैसा और पावर का नशा… IAS के बेटे की बेरहम कहानी
26 साल की प्रिया सिंह ने आरोप लगाया है कि आईएएस अधिकारी के बेटे ने उन पर अपनी एसयूवी चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश की. उसके हाथ और पैर में गंभीर चोट आई है. साथ ही पैर फ्रैक्चर हो गया है. उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. पीड़िता ने सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द बयां किया है.
जब सिर पर पावर का नशा हो तो क्या होता है ये महाराष्ट्र के ठाणे में देखने को मिला है. महाराष्ट्र के टॉप अधिकारी के बेटे ने अपनी प्रेमिका को कार से कुचल दिया, वो भी इतनी बेरहमी से कि उसकी प्रेमिका अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है. प्यार, पैसा और पावर वाली इस कहानी के एक-एक किरदार के बारे में बताते हैं. जिस शख्स पर अपनी प्रेमिका को कुचलने का आरोप लगा है उसका नाम अश्वजीत गायकवाड़ है, जो महाराष्ट्र के टॉप ब्यूरोक्रेट के बेटे हैं.
जानलेवा हमले में प्रिया सिंह की पैर की हड्डी टूटी
प्रिया सिंह का आरोप है अश्वजीत गायकवाड़ ने उसे पहले से शादीशुदा होने की जानकारी नहीं दी थी. इसी बात को लेकर अश्वजीत गायकवाड़ और प्रिया सिंह बहस हुई. आरोपों के मुताबिक अश्वजीत गायकवाड़ ने प्रिया सिंह के साथ मारपीट की, जिसके बाद प्रिया सिंह को अपनी SUV से कुचल दिया. जानलेवा हमले में प्रिया सिंह की पैर की हड्डी टूट गई. फिलहाल वो ठाणे के निजी अस्पताल में भर्ती है.
बेरहमी की कहानी यहीं खत्म नहीं होती है. प्रिया सिंह ने जानलेवा हमले के बाद पुलिस से शिकायत की. अश्वजीत गायकवाड़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन सख्त एक्शन नहीं ले रही है. प्रिया सिंह के मुताबिक उसने पुलिसल से अटेम्प्ट टू मर्डर की धारा 307 लगाने की मांग की, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. आरोप ये भी है कि पुलिस IAS के बेटे को बचाने की कोशिश कर रही है.
पीड़िता ने सोशल मीडिया पर दर्द किया बयां
जब 5 दिन बाद भी आरोपी पर सख्त एक्शन नहीं हुआ, तो पीड़ित प्रिया सिंह ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द शेयर किया. तब जाकर पुलिस की नींद खुली. FIR दर्ज हुई. आप समझ सकते हैं ये मामला कितना हाई प्रोफाइल है. पुलिस 5 दिनों तक कोई एक्शन नहीं लेती है. यहां तक कि बयान बदल देती है. कानून की वो धारा भी नहीं लगाती है, जिसकी मांग की गई थी. जब सोशल मीडिया के जरिए मामला सरेआम हुआ तब जाकर FIR दर्ज की गई. ये मामला सिर्फ अपराध का नहीं है. ये कहानी है खोखली व्यवस्था और खूंखार सोच की, जो पैसा और पावर के नशे में इंसान को इंसान नहीं समझती है, जहां न रिश्तों की कद्र है, न इंसानियत वाली फीलिंग है.