30 दिन बाद राममंदिर का उद्घाटन !

30 दिन बाद राममंदिर का उद्घाटन, अयोध्या कितनी बदली:5 लाख की भीड़ मैनेज करने की तैयारी, घर होटलों में बदल गए

आज से ठीक एक महीने बाद अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। वक्त कम है, इसलिए अयोध्या को संवारने का काम तेजी से चल रहा है। सड़कें, चौराहे, राम की पैड़ी से लेकर सरयू के घाटों तक, हर कोना सजाया जा रहा है।

इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम 95% पूरा हो गया है। रेलवे स्टेशन भी मंदिर के लुक में तैयार हो रहा है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, कोलकाता, नागपुर, लखनऊ, जम्मू समेत देश के कई इलाकों से अयोध्या के लिए एक हजार ट्रेनें चलेंगीं। इस दौरान लाखों लोग अयोध्या आएंगे, इसलिए लोगों ने घरों में होटल खोल लिए गए हैं। मंदिर के आसपास की दुकानों पर बिक्री 60% तक बढ़ गई है।

ये सरयू नदी का घाट है। डेवलपमेंट स्कीम के तहत सरयू के घाटों को खास तौर पर सजाया जा रहा है।
ये सरयू नदी का घाट है। डेवलपमेंट स्कीम के तहत सरयू के घाटों को खास तौर पर सजाया जा रहा है।

राम मंदिर के उद्घाटन से पहले अयोध्या कितनी बदली है, ये जानने दैनिक भास्कर की टीम वहां पहुंची। अयोध्या में इस वक्त हर जगह कंस्ट्रक्शन चल रहा है। सआदतगंज से लता मंगेशकर चौराहे को जोड़ने वाली सड़क पर बिड़ला धर्मशाला के सामने से राम जन्मभूमि पथ शुरू होता है। पथ के एंट्री पॉइंट पर दो बड़े खंभे बनाए जा रहे हैं।

रामजन्म भूमि पथ पर बना गेट। इसके खंभे पिंक सैंड स्टोन से बने हैं।
रामजन्म भूमि पथ पर बना गेट। इसके खंभे पिंक सैंड स्टोन से बने हैं।

सड़क के बीच में सफेद रंग का शेड बनकर लगभग तैयार है। इस पर राजस्थान से मंगवाए गए मार्बल का काम चल रहा है। आसपास की दीवारों पर भी रामलला की जिंदगी से जुड़े किरदारों को उकेरा जा रहा है।

सड़क के बीच में बन रहे शेड ऐसे डिजाइन किए गए हैं कि बारिश होने पर पानी पिलर के जरिए सीधे ड्रेनेज चैंबर से होते हुए मेन लाइन से बाहर निकल जाए।
सड़क के बीच में बन रहे शेड ऐसे डिजाइन किए गए हैं कि बारिश होने पर पानी पिलर के जरिए सीधे ड्रेनेज चैंबर से होते हुए मेन लाइन से बाहर निकल जाए।

मोबाइल और बाकी सामान लॉकर में जमा हो रहा, पेन ले जाने पर भी रोक
राम मंदिर के एंट्री पॉइंट से कुछ कदम आगे सिक्योरिटी पॉइंट बना है। इससे पहले लॉकर रूम है। दर्शन से पहले इसी लॉकर रूम में मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान जमा कराए जाते हैं। सिक्योरिटी पॉइंट के आगे एक सुई भी नहीं ले जा सकते। पेन लेकर निकल रहे एक व्यक्ति को सिक्योरिटी पॉइंट पर रोक दिया गया। उनका पेन भी रखवा लिया गया।

यहां से आगे बढ़ते ही अस्थायी राम मंदिर का रास्ता है। सिक्योरिटी पॉइंट पार करने के बाद कुछ ही मिनट में हम मंदिर तक पहुंच गए। रामलला के दर्शन करने आए भक्त सामने बन रहे भव्य राममंदिर का कंस्ट्रक्शन वर्क देख रहे थे। अस्थायी मंदिर के पास ही रेलिंग लगी है, जहां से राम मंदिर देख सकते हैं।

अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यहां बन रहे तीन मंजिला राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर का काम करीब 70% पूरा हो गया है। फोटो सोर्स: सोशल मीडिया
अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यहां बन रहे तीन मंजिला राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर का काम करीब 70% पूरा हो गया है। फोटो सोर्स: सोशल मीडिया

घरों को होटल में बदला, एक दिन का किराया 1200 रुपए
राम मंदिर की वजह से कई बड़े होटल ग्रुप्स अयोध्या आने की तैयारी में हैं। 10-12 बड़े ग्रुप अयोध्या आ भी चुके हैं। हम अयोध्या पहुंचे तो यहां के किसी बड़े होटल में रूम खाली नहीं मिला।

अयोध्या में बड़े होटलों के आसपास, जिनके घर मेन रोड पर हैं, उन्होंने घरों को होटल में बदल दिया है। हम जिस होटल में रुके थे, वहां 1200 रुपए में एक दिन के लिए रूम मिला।

मकान मालिक सारांश शुक्ला बताते हैं, ‘हमारी किराने की दुकान है। अब राम मंदिर बन रहा है, इसलिए घर के फर्स्ट फ्लोर पर 10 कमरे निकाले हैं। मंदिर का अभी उद्घाटन नहीं हुआ, लेकिन कमरे किराए पर जा रहे हैं।’

ऐसी ही कहानी लड्डू, चूड़ी, कंगन बेचने वालों की भी है। हनुमान गढ़ी में घूमते हुए हमें विकास गुप्ता मिले। उनके पिता भी लड्डू बेचते हैं। विकास बताते हैं कि हनुमान गढ़ी में दर्शन करने के लिए पहले से ज्यादा लोग आ रहे हैं। इसका असर दुकानदारों के कारोबार पर भी दिख रहा है।

यहीं धर्मेश की चूड़ी की दुकान है। वे बताते हैं, ‘पहले रोज 200-300 रुपए कमा पाता था। अब 1200 से 1500 रुपए कमा लेता हूं। अब बस मंदिर के उद्घाटन का इंतजार है।’

फोटो हनुमान गढ़ी की है। लोकल दुकानदार बताते हैं कि अयोध्या में डेवलपमेंट के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है।
फोटो हनुमान गढ़ी की है। लोकल दुकानदार बताते हैं कि अयोध्या में डेवलपमेंट के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है।

अयोध्या में चल रहे 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट, 31 हजार करोड़ खर्च होंगे
अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बन रहा, बल्कि पूरी अयोध्या ही बदल रही है। यहां 30,923 करोड़ रुपए के 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। 37 डिपार्टमेंट इन प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे हैं।

UP हाउसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड ने 1200 एकड़ में न्यू अयोध्या टाउनशिप डेवलप करने का प्लान बनाया है। यहां स्टेट गेस्ट हाउस, रेसिडेंशियल अपार्टमेंट के अलावा होटल्स भी बनेंगे। सीवेज सिस्टम डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट, नए पावर स्टेशंस के साथ ही अंडरग्राउंड केबलिंग का काम भी हो रहा है। 22 जनवरी 2024 से पहले ज्यादातर काम पूरा करना है, इसीलिए रात में भी कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है।

राम मंदिर के आसपास बनी दुकानों को भगवा रंग से रंगा जा रहा है। सरकार अपने खर्च पर दुकानों की रंगाई-पुताई करवा रही है। इसका मकसद है कि पूरी अयोध्या एक जैसी नजर आए। मंदिर से चंद कदम पहले लता मंगेशकर के नाम पर चौराहा बनाया गया है।

लता मंगेशकर के नाम से बनाए गए चौराहे पर 40 फीट लंबी और 14 टन वजनी वीणा रखी है।
लता मंगेशकर के नाम से बनाए गए चौराहे पर 40 फीट लंबी और 14 टन वजनी वीणा रखी है।

अयोध्या में 5 लाख लोगों को संभालने की तैयारी
अयोध्या को एयर, रेल और रोड तीनों से कनेक्ट किया जाएगा। सभी के प्रोजेक्ट अलग-अलग चल रहे हैं। अनुमान है कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद हर रोज 2 लाख श्रद्धालु अयोध्या आएंगे। खास मौकों पर ये संख्या 5 लाख से ज्यादा हो सकती है। ऐसे में सड़कों की कनेक्टिविटी भी 5 लाख लोगों की भीड़ संभालने लायक की जा रही है।

एयरपोर्ट के पहले फेज का 95% काम पूरा, 30 दिसंबर से इंडिगो की फ्लाइट शुरू होगी
लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ बन रहा है। फर्स्ट फेज का 95% काम पूरा हो चुका है। एयरपोर्ट के लिए सरकार ने 821 एकड़ जमीन ली थी। रनवे के साथ ही CAT-1 और RESA फैसिलिटीज डेवलप की जा चुकी हैं।

CAT-1 और RESA फैसिलिटी के बाद खराब मौसम और रात में भी प्लेन की लैंडिंग आसानी से कराई जा सकेगी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC टावर का काम पूरा हो गया है।

एयरपोर्ट का हर हिस्सा ऐसे तैयार हो रहा है कि पैसेंजर्स के आते ही शहर की झलक दिखने लगे। शुरुआत में यहां 60 पैसेंजर वाले छोटे प्लेन लैंड करेंगे, लेकिन 2025 तक एयरपोर्ट का फाइनल फेज पूरा होने के बाद बड़े बोइंग भी लैंड कर सकेंगे।

अयोध्या के लिए चलेंगी एक हजार ट्रेनें, रेलवे स्टेशन पर खर्च होंगे 620 करोड़
एयरपोर्ट का डेवलपमेंट देखने के बाद हम अयोध्या जंक्शन पहुंचे। ये एयरपोर्ट के बाद शहर का दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके डेवलपमेंट पर 620 करोड़ रुपए खर्च होंगे। रेलवे देश के अलग-अलग हिस्सों को अयोध्या से जोड़ने के लिए करीब 1000 ट्रेनें चलाएगा।

अयोध्या कैंट रेलवे जंक्शन को दो फेज में तैयार किया जा रहा है। जंक्शन के पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग को राम मंदिर का लुक दिया गया है। पहले फेज में 3,645 स्क्वायर मीटर एरिया में तीन मंजिला बिल्डिंग तैयार की जा रही है।

रेलवे स्टेशन पर ड्रॉप-जोन अलग से बनाया जा रहा है। खराब मौसम होने पर यात्री यहां रुक भी सकेंगे। 6 मीटर चौड़े दो फुटओवर ब्रिज, रेसिडेंशियल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, प्लेटफॉर्म नंबर 1, 2 और 3 का ब्यूटिफिकेशन, डॉरमेट्रीज, टिकट विंडो तैयार हो चुके हैं। 2025 तक जंक्शन का काम पूरा करने का टारगेट है।

राम मंदिर तक पहुंचने के 3 पाथ-वे
राम मंदिर तक कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए 3 पाथ-वे राम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, रामपथ कॉरिडोर बन रहे हैं। तीनों पाथ-वे को अगले महीने तक पूरा करना है। इसके लिए एक हजार से ज्यादा वर्कर्स दिन-रात काम में जुटे हैं। रामपथ के लिए 800 से ज्यादा घर और दुकानें हटाई गई हैं।

UP सरकार पंचकोसी मार्ग को भी चौड़ा कर रही है। ये अयोध्या सिटी के बाहरी हिस्से से गुजरता है। इस प्रोजेक्ट के लिए 2600 से ज्यादा घरों और कॉमर्शियल बिल्डिंगों को तोड़ा गया है।

जमीन की कीमतें 10 गुना तक बढ़ीं, नवंबर 2023 में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री
5 अगस्त, 2020 से अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था। तब से जमीन की कीमतें 10 गुना तक बढ़ गई हैं। जमीन की खरीदारी किस हद तक हुई है, इसका अंदाजा रजिस्ट्री के आंकड़ों से लगा सकते हैं। नवंबर, 2023 में UP में सबसे ज्यादा रेवेन्यू अयोध्या से आया है।

अप्रैल से नवंबर के बीच 30 से ज्यादा सेल डीड्स अयोध्या में रजिस्टर्ड हुई हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के मुताबिक, मंदिर के 5 से 10 किमी के दायरे में आने वाली जमीनों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। जमीनें 2 हजार रुपए स्क्वायर फीट से लेकर 18 हजार रुपए स्क्वायर फीट तक की कीमत पर बिक रही हैं। कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में तो शुरुआती रेट ही 4 हजार रुपए स्क्वायर फीट है।

अयोध्या में कई टाउनशिप, प्राइवेट होटल्स अपने प्रोजेक्ट शुरू करने वाले हैं। इसके लिए सरकार ने चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग, रिंगरोड और लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर जमीनें सैंक्शन की हैं। दिसंबर के आखिर तक अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी हाउसिंग स्कीम भी शुरू करने वाली है।

इस स्कीम के तहत 80 एकड़ के एरिया में प्लॉट, फ्लैट, कॉमर्शियल प्रॉपर्टी डेवलप की जाएंगी। इसके लिए लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर 95% जमीन एक्वायर की जा चुकी है।

अयोध्या में घरों के अलावा सड़क किनारे लगी जालियों की भी भगवा रंग से पुताई की जा रही है।
अयोध्या में घरों के अलावा सड़क किनारे लगी जालियों की भी भगवा रंग से पुताई की जा रही है।

अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी के सेक्रेटरी सत्येंद्र सिंह बताते हैं, ‘अयोध्या में एक साथ बहुत सारे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। टेंट सिटी बन रही है। 35 एकड़ में मल्टीलेवल पार्किंग का काम भी चल रहा है। रामलला की जिंदगी से जुड़ी कहानियों पर वॉल पेंटिंग बनाई जा रही हैं। ये सभी काम 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के पहले पूरे कर लिए जाएंगे।

पूरा मंदिर तैयार होने में 2 साल और लगेंगे
आखिर में हम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से मिले। चंपत राय ही राम मंदिर निर्माण से जुड़ी हर ऑफिशियल जानकारी देते हैं। वे 2020 से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं। वे राम मंदिर केस की सुनवाई के दौरान मुख्य पैरोकार और पक्षकार भी रहे हैं।

वे कहते हैं, ‘उद्घाटन की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। गर्भगृह का काम पूरा हो चुका है। हालांकि, पूरा मंदिर तैयार होने में करीब 2 साल और लगेंगे। हम चाहते हैं लोग 22 जनवरी को आनंद उत्सव के रूप में मनाएं। वे अयोध्या न आएं, अपने घर के आसपास ही किसी मंदिर में उत्सव मनाएं।’

ट्रस्ट के मुताबिक, 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के अगले दिन, यानी 23 जनवरी से श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर पाएंगे। उद्घाटन में आ रहे लोगों के रुकने के लिए रैनबसेरा बनाए जा रहे हैं। मणि पर्वत के पास 3500 से ज्यादा संतों के ठहरने का इंतजाम किया गया है।

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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां की जा रही हैं. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पूरे विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा होगी. ऐसे में कार्यक्रम से लेकर रामलला की मूर्ति, मंदिर निर्माण और सुरक्षा समेत कई तरह से सवाल श्रद्धालुओं के जहन में है.

 आईए आपको इन तमाम बातों को लेकर पूरी जानकारी देते हैं. 

सवाल नंबर-1: मंदिर में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कैसे होगी?
अभी रामलला की तीन मूर्ति बन रही हैं, प्रतिमा का चयन होने के बाद जनवरी के दूसरे सप्ताह में अभिषेक के लिए सरयू ले जाया जाएगा. अभिषेक के बाद जुलूस के जरिए अयोध्या के मंदिरों में ले जाया जाएगा. यहां से प्रतिमा राम मंदिर के दूसरे द्वार से गर्भगृह में लाया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा तक भगवान की आंखों पर पट्टी बंधी रहेगी, जिसके बाद मंत्रोच्चार के बीच पट्टी हटाई जाएगी और मूर्ति को दुनिया के सामने लाने का मुख्य अनुष्ठान 22 जनवरी को होगा.
 
सवाल नंबर-2: यदि अयोध्या में पहले से ही श्री रामलला की शिशु अवस्था की मूर्ति है तो नई मूर्ति क्यों बनाई जा रही है?
अयोध्या में पहले ही रामलला की शिशु अवस्था की मूर्ति है बावजूद इसके नई मूर्ति बन रही है क्योंकि मान्यता है कि श्री रामलला अयोध्या में प्रकट हुए थे. तब से इस स्थान पर रामलला की दैनिक पूजा बिना किसी रुकावट के हो रही है. अब जो भक्त दर्शन के लिए आएँगे वो 25 से 30 फीट की दूरी से दर्शन कर पाएँगे. ऐसे में बड़ी प्रतिमा की जरुरत हुई. प्राचीन मूर्ति भी गर्भगृह में ही रखी जाएगी. नई मूर्ति अचल होगी और हमेशा गर्भगृह में रहेगी. दूसरी उत्सव मूर्ति होगी जो शोभायात्रा में निकाला जा सकती है. 

सवाल नंबर-3: क्या ये तीनों मूर्तियाँ अलग-अलग धातुओं या पत्थरों से बनी हैं?
अयोध्या में बन रही तीन मूर्तियां अलग-अलग पत्थर या धातु से बनी है, दरअसल मूर्तियों के लिए एक मानदंड के पत्थर का उपयोग किया जाएगा उसमें कुछ रासायनिक गुण होने चाहिए. इसके लिए दक्षिण भारत, जयपुर, कर्नाटक से पत्थर लाए गए हैं. इन्हें अलग-अलग मूर्तिकारों को दिया गया है. इन मूर्तियों का निर्माण गोपनीय से हो रहा है. इसमें किसी धातु का इस्तेमाल नहीं हो. ये मंदिर हजारों साल तक चलेगा. इसलिए पूरे मंदिर का निर्माण ख़ास पत्थरों से किया गया है. 

सवाल नंबर-4:मंदिर कितना बड़ा है?
राम मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है और मंदिर का निर्माण 57000 वर्ग. फीट में है. शिखर समेत मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी. इस मंदिर की तीन मंजिलें हैं और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है. 

सवाल नंबर-5:मंदिर निर्माण के लिए कितने लोग काम कर रहे हैं? काम कैसा चल रहा है? कब तक चलेगा काम?
मंदिर निर्माण का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को किया था. इस काम में 3500 कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं. 31 दिसंबर 2023 तक निर्माण पूरा करने की समयसीमा खत्म हो रही है. अभी ग्राउंड फ्लोर का काम चल रहा है. ग्राउंड फ्लोर पर श्री राम की पूरी कहानी को पत्थर में उकेरा जाएगा. मंदिर निर्माण में मिट्टी परीक्षण के बाद विशेषज्ञों की सलाह पर 15 मीटर गहराई तक मिट्टी हटाकर दूसरी मिट्टी भरने की सलाह दी. इस इलाके में आए भूकंप से 50 गुना ज्यादा तीव्रता का भूकंप भी आए तो कोई खतरा नहीं होगा. 

सवाल नंबर-6:यह मिट्टी कहां से आई और अगर सरयू नदी में बाढ़ आएगी तो क्या मंदिर पर कोई असर पड़ेगा?
मंदिर की मिट्टी में कुछ विशेष प्रकार का सीमेंट भी मिलाया जाता है. इसके बाद इस तरह परत दर परत 47 परतें जोड़कर फाउंडेशन तैयार किया गया है. सरयू नदी में बाढ़ के मुद्दे की भी जांच की गयी है. सीएसआईआर ने कहा है कि किसी भी तरह से बाढ़ का खतरा नहीं है.

सवाल नंबर-7:यह पता चला है कि निर्माण कार्य को पहले पूरा करने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों को लाया गया है. ये सभी मजदूर कहां से लाए गए हैं?
लार्स एंड टर्बो कंपनी राम मंदिर का निर्माण कर रही है. यह कंपनी निर्माण कार्य कर रही है. इस काम की निगरानी टाटा कंसल्टेंसी कर रही है. इसके लिए कुशल श्रमिक काम में लगे हैं. मंदिर में लगभग 390 स्तंभ हैं. प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 30 मूर्तियां उत्कीर्ण हैं. इसमें दक्ष कारीगर उड़ीसा के हैं. पत्थर के काम के लिए राजस्थान से कुशल कारीगर आए हैं. अलग-अलग जगहों से अलग-अलग काम के लिए लोगों को लाया गया है. इसमें पश्चिम भारत, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रमिक लाए गए हैं.

सवाल नंबर-8: श्रीराम के अलावा और किनके मंदिर होंगे?
राम मंदिर निर्माण में देश के 5 लाख गांवों से लाई गई ईंट का ही इस्तेमाल किया गया है. इसलिए हर राज्य किसी न किसी रूप में इस मंदिर में है. इसके अलावा, परकोटा के बाहर इसी क्षेत्र में 7 और मंदिर भी बनने जा रहे हैं. इसमें महर्षि वाल्मिकी, वशिष्ट, निषाद महाराज, सबरीमाता, अहिल्या जैसे सात मंदिर शामिल होंगे.

सवाल नंबर-9:इन सबमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की क्या भूमिका होगी?
मंदिर निर्माण के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ही पूरा प्रशासनिक काम करेगा. निर्माण के बाद के सभी प्रशासनिक कार्य भी ट्रस्ट को ही करने होंगे. भीड़ नियंत्रण, भक्तों की सुविधाएं, धन प्रबंधन ये सभी मामले ट्रस्ट को ही करने होंगे. इस पूरी प्रक्रिया में सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. भारत के लोगों के जरिए अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ का दान आ चुका है. ये सारा दान ट्रस्ट के खाते में ही जमा होता है. उन्हें इसका हिसाब देना होगा. 

सवाल नंबर-10:सुरक्षा के लिहाज से क्या व्यवस्था होगी?
 राम मंदिर की सुरक्षा दो चरणों में होगी. पहले चरण में मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा. यह पूरी जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी. इस सुरक्षा की व्यवस्था ट्रस्ट खुद करेगा. लेकिन पूरी सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार देखेगी. जिस तरह वीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए एसपीजी कमांडो होते हैं. ऐसे में पुलिस बल के कुछ लोगों को मंदिर की सुरक्षा में लगाया जाएगा

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