MP में सबसे पहले बना था ग्वालियर में गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ?

AIIMS भोपाल देश में टॉप 50 मेडिकल कॉलेजों में 38वें नंबर पर; MP में सबसे पहले बना था ग्वालियर में गजरा राजा मेडिकल कॉलेज

1. ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), भोपाल
AIIMS भोपाल प्रदेश में टॉप मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट में पहले नंबर पर है। AIIMS में एनेसथिशियोलॉजी, कार्डियोलॉजी, डेंटिस्ट्री, जनरल सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नर्सिंग कॉलेज, पीडियाट्रिक्स, फार्माकोलॉजी, साइकाइट्री जैसे 42 अलग-अलग डिपार्टमेंट्स हैं। AIIMS भोपाल के मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज भी जुड़ा है।

कोर्सेज: इंस्टिट्यूट में 12वीं के बाद MBBS और BSc ऑनर्स इन नर्सिंग में एडमिशन ले सकते हैं। इसके अलावा इन सभी डिपार्टमेंट्स में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज – MD, MS और McH कोर्स के अलावा MSc नर्सिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स (PDCC), CBRNE डिजीज के मेडिकल मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट कोर्स (PGCMDM) और PhD भी कर सकते हैं।

ऐसे मिलेगा एडमिशन: AIIMS के MBBS कोर्स में 12वीं के NEET UG क्वालिफाई करने के बाद एडमिशन ले सकते हैं। BSc ऑनर्स में 12वीं के बाद इंस्टिट्यूट का एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई कर एडमिशन ले सकते हैं। वहीं, MD और MS कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET PG क्वालिफाई करना जरूरी है।

AIIMS भोपाल की स्थापना साल 2012 में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देश में किफायती और विश्वसनीय स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने के लिए हुई थी।
AIIMS भोपाल की स्थापना साल 2012 में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देश में किफायती और विश्वसनीय स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने के लिए हुई थी।

2. महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (MGMMC), इंदौर
MGMMC इंदौर को किंग एडवर्ड्स मेडिकल स्कूल नाम से इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हुई थी। ये कॉलेज मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था। कॉलेज में एनाटमी, बायोकेमिस्ट्री, मेडिसिन, ओर्थोपेडिक्स, पैथोलॉजी, साइकाइट्री जैसे 22 डिपार्टमेंट्स हैं। साल 1997 में यहां डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथेरेपी की स्थापना की थी।

कोर्सेज: कॉलेज से MBBS के अलावा नॉन क्लिनिकल रेडियोडायग्नोसिस, जनरल मेडिसिन जैसे किसी भी डिपार्टमेंट में MD या MS कर सकते हैं। इसके अलावा कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्सेज और DOMS यानी डिप्लोमा इन ओप्थाल्मिक मेडिसिन एंड सर्जरी जैसे कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा कॉलेज में रिसर्च प्रोग्राम और PhD भी कराई जाती है।

ऐसे मिलेगा एडमिशन: MBBS कोर्स में 12वीं के NEET UG क्वालिफाई करने के बाद एडमिशन ले सकते हैं।वहीं, MD और MS कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET PG क्वालिफाई करना जरूरी है।

MGMMC इंदौर की स्थापना साल 1948 में हुई थी।
MGMMC इंदौर की स्थापना साल 1948 में हुई थी।

3. गजरा राजा मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर
ग्वालियर का गजरा राजा मेडिकल कॉलेज मध्य प्रदेश का पहला और देश का 17वां मेडिकल कॉलेज है। ये कॉलेज जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर और मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है। कॉलेज के साथ जन आरोग्य हॉस्पिटल जुड़ा हुआ है। इसकी स्थापना माधव राव सिंधिया ने की थी और हॉस्पिटल की शुरुआत साल 1899 में हुई थी। कॉलेज के साथ कमला राजा हॉस्पिटल भी जुड़ा हुआ है। इसे अक्कलकोट की भोंसले रानी और सिंधिया राजघराने की राजकुमारी कमला राजा सिंधिया की याद में बनवाया गया था। कॉलेज के साथ 1958 से न्यूरोसर्जरी हॉस्पिटल भी चल रहा है। वहीं, 1948 से ही यहां डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी की शुरुआत हुई थी। इसके अलावा कॉलेज के साथ 1000 बेड का हॉस्पिटल और

कोर्सेज: कॉलेज से MBBS के अलावा मेडिसिन, माइक्रोबायोलॉजी जैसे किसी भी डिपार्टमेंट में MS या MD कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा कॉलेज से MCh और एनेस्थिसियोलॉजी, मेडिकल रेडियो डायग्नोसिस जैसे कोर्सेज में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी कर सकते हैं।

ऐसे मिलेगा एडमिशन: MBBS कोर्स में 12वीं के NEET UG क्वालिफाई करने के बाद एडमिशन ले सकते हैं।वहीं, MD और MS कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET PG क्वालिफाई करना जरूरी है।

गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की स्थापना साल 1946 में हुई थी।
गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की स्थापना साल 1946 में हुई थी।

4. नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर
ये कॉलेज मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है। इस कॉलेज में फार्माकोलॉजी, PSM, जनरल मेडिसिन एंड सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, रेडियोडायग्नोसिस जैसे 25 डिपार्टमेंट्स हैं। इसके साथ ही कॉलेज के साथ एक न्यूरोलॉजी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नेफ्रोलॉजी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, यूरोलॉजी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कार्डियक सर्जरी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और कार्डियोलॉजी स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी जुड़े हुए हैं।

कोर्सेज: इस कॉलेज से MBBS के साथ किसी भी डिपार्टमेंट में MD या MS कर सकते हैं। चाइल्ड हेल्थ, ओब्स एंड गायनेकोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स में PG डिप्लोमा के अलावा हेल्थ इंस्पेक्टर, ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन के सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। कॉलेज से फिजियोथेरेपी की 4 साल का डिग्री कोर्स और जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी में बैचलर्स डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं।

ऐसे मिलेगा एडमिशन: MBBS कोर्स में 12वीं के NEET UG क्वालिफाई करने के बाद एडमिशन ले सकते हैं।वहीं, MD और MS कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET PG क्वालिफाई करना जरूरी है। वहीं, नर्सिंग और फिजियोथेरेपी और नर्सिंग में एडमिशन लेने के लिए CUET स्कोर या इंस्टिट्यूट का एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई करना जरूरी है।

कॉलेज की स्थापना 1955 में हुई थी। कॉलेज का इनॉग्रेशन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था।
कॉलेज की स्थापना 1955 में हुई थी। कॉलेज का इनॉग्रेशन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था।

5. गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
इस कॉलेज में CT सर्जरी, ENT, गैसट्रोएंट्रोनोलॉजी, इमरजेंसी मेडिसिन, PD सर्जरी जैसे 19 क्लिनिकल डिपार्टमेंट हैं। इसके अलावा फॉरेंसिक मेडिसिन और PSM जैसे 5 पैरा क्लिनिकल डिपार्टमेंट्स हैं। वहीं, 3 प्री क्लिनिकल डिपार्टमेंट भी हैं। कॉलेज के साथ 525 बेड्स का हमीदिया अस्पताल और TB हॉस्पिटल भी जुड़ा हुआ है।

कोर्सेज: इस कॉलेज से MBBS के अलावा किसी भी डिपार्टमेंट में MD, MS, MSc, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और नर्सिंग में MSc, BSc और पोस्ट बेसिक BSc जैसे कोर्स कर सकते हैं। कॉलेज से सुपर स्पेशलिटी कोर्स भी कर सकते हैं। प्लास्टिक सर्जरी और पीडियाट्रिक्स सर्जरी जैसे सब्जेक्ट्स में McH कोर्स भी कर सकते हैं।

ऐसे मिलेगा एडमिशन: MBBS कोर्स में 12वीं के NEET UG क्वालिफाई करने के बाद एडमिशन ले सकते हैं।वहीं, MD और MS कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET PG क्वालिफाई करना जरूरी है। वहीं, नर्सिंग और फिजियोथेरेपी और नर्सिंग में एडमिशन लेने के लिए CUET स्कोर या इंस्टिट्यूट का एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई करना जरूरी है। सुपर स्पेशलिटी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET SS क्वालिफाई करना जरूरी है।

कॉलेज की स्थापना साल 1955 में हुई थी।
कॉलेज की स्थापना साल 1955 में हुई थी।

**दैनिक भास्कर की तरफ से कॉलेजों की ये रैंकिंग NIRF रैंकिंग और कॉलेज रैंकिंग से जुड़ी अन्य वेबसाइट्स की मदद से दी गई है।

कैसे जारी की जाती है NIRF रैंकिंग ?
हर साल शिक्षा मंत्रालय देश के टॉप कॉलेजों की लिस्ट जारी करती है। इसे NIRF रैंकिंग कहा जाता है। ये लिस्ट पांच पैरामीटर्स के आधार पर मंत्रालय की एक्सपर्ट कमिटी बनाती है। ये पांच पैरामीटर्स हैं:

  • टीचिंग
  • लर्निंग एंड रिसोर्सेज
  • रिसर्च
  • प्रोफेशनल प्रैक्टिस
  • आउटरीच और समावेशिता

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