संसद में सवाल उठा तो कहा, मैं अविवाहित हूं, लेकिन कुंवारा नहीं !

कानपुर से था अटल का अटूट रिश्ता …..
DAV कॉलेज से पढ़ाई की, बाप-बेटे एक ही क्लास में पढ़ते थे, संसद में सवाल उठा तो कहा, मैं अविवाहित हूं, लेकिन कुंवारा नहीं

भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके जन्म दिवस पर 25 दिसंबर को हर कोई याद कर रहा है। कानपुर से अटल जी का गहरा नाता रहा है। यहीं से उन्होंने राजनीति शास्त्र और लॉ की पढ़ाई की। इसके बाद राजनीति में आए। एक बार सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था, ‘मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं।

  • अब आपको कानपुर और अटल बिहारी वाजपेयी के रिश्तों के बारे में पढ़वाते हैं…

डीएवी कॉलेज की एक ही क्लास में पढ़ते थे बाप-बेटे

डीएवी कॉलेज की वही क्लास है जिसमें अटल जी ने कभी पढ़ाई की थी।
डीएवी कॉलेज की वही क्लास है जिसमें अटल जी ने कभी पढ़ाई की थी।

अटल बिहारी वाजपेयी यूपी के आगरा जिले के बटेश्वर के रहने वाले थे। इस नाते अटल जी कानपुर के साथ आगरा से भी काफी लगाव था। उन्होंने ग्‍वालियर के विक्‍टोरिया कॉलेज से बीए तक की पढाई की। इसके बाद कानपुर सिविल लाइंस के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र से MA किया। इसके बाद पिता के साथ उन्‍होंने डीएवी कॉलेज में ही LLB में प्रवेश लिया।

इसके बाद बाप-बेटे एक ही क्लास में बैठकर पढ़ाई करते थे। यहां तक की हॉस्टल के कमरा नंबर-104 में एक साथ रहते भी थे। क्लास में पिता जी के देरी से आने पर प्रोफेसर मजाकिया अंदाज में पूछते थे, जनाब आपके पिता जी कहा गोल हो गए और जब अटल जी क्लास में नहीं होते तो प्रोफेसर चुटकी लेते हुए पूछते थे कि आपके साहबजादे कहां नदारद हैं…? बाप-बेटे को देखते हुए क्लास और हॉस्टल में भीड़ आती थी। इसके चलते उन्होंने इसके बाद अपना सेक्सन पिता से अलग करवा लिया था।

सरसैया घाट पर बैठती थी दोस्तों की मंडली

कानपुर के सरसैया घाट पर अटल जी के दोस्तों की मंडली लगती थी। गंगा किनारे घाट पर बैठकर अटल जी और उनके दोस्त कभी काव्य पाठ तो कभी देश के गंभीर विषय पर चर्चा-परिचर्चा करते थे। यहीं पर अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती भी करते थे। कानपुर का डीएवी कॉलेज, सरसैया घाट समेत अन्य कानपुर की जगहें उनकी दिल में बसती थीं।

वाजपेयी ने कहा, 'मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं।
वाजपेयी ने कहा, ‘मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं।

जब अटल जी ने कहा मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं

हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी क्यों नहीं की…? इसका सही जवाब किसी को नहीं पता। ऐसा नहीं है कि शादी से संबंधित उनसे सवाल नहीं पूछे गए, कई मौकों पर उनसे वजह पूछी भी गई, तो वह कभी परेशान नहीं होते थे। एक बार सदन में विपक्ष के हमलों के बीच अविवाहित रहने के बारे में वाजपेयी ने कहा, ‘मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं। अन्य मौकों पर भी उनसे ऐसे सवाल पूछे गए तो उन्होंने बहुत ही शालीनता से जवाब दिए. एक बार तो उन्होंने कहा कि ‘व्यस्तता के चलते ऐसा नहीं हो पाया।’ ये कहकर मुस्कुरा देते थे. कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के लिए आजीवन अविवाहित रहने का फैसला लिया था।

अटल जी का राजनीतिक जीवन

पढ़ाई के समय से ही अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवक बन गए थे और राष्ट्रीय स्तर की डिबेट प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहते थे। भारतीय जनसंघ पार्टी की शुरुआत करने वालों एक नाम एक अटल जी का भी है। 1968 से 1973 तक वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वाजपेयी जी ने पहली बार साल 1955 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद साल 1957 में इन्‍होंने यूपी की बलरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इसमें इन्‍हें जीत हासिल हुई थी। कुल नौ बार वाजपेयी जी ने लोकसभा चुनाव जीता।

साल 1975 में इंदिरा गांधी सरकार में आपात काल के दौरान अटल जी को भी जेल भेज दिया गया था। यहां इन्‍होंने अन्‍य साथियों के साथ मिलकर जेल में ही जनता पार्टी की नींव रखी।

मोरारजी देसाई की सरकार में इन्‍होंने साल 1977 से 1979 के दौरान विदेश मंत्री का कार्यभार संभाला और विदेशों में भारत की छवि को सुधारने का काम किया। इसके बाद साल 1980 में इन्‍होंने जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया और बीजेपी की स्‍थापना में जुट गए।

अटल बिहारी बाजपेई जब मंच से भाषण देते थे तो चाहे विपक्ष हो या विरोधी सभी उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुनते थे।
अटल बिहारी बाजपेई जब मंच से भाषण देते थे तो चाहे विपक्ष हो या विरोधी सभी उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुनते थे।

6 अप्रैल 1980 को बने BJP के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष

साल 1986 में ये राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी चुने गए। लोकतंत्र के प्रहरी कहे जाने वाले अटल जी ने साल 1997 में पहली बार पीएम पद की बागडोर संभाली। इस बार लोकसभा में बहुमत नहीं मिलने के कारण इनकी सरकार गिर गई। 1998 के आम चुनावों में सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर अटल जी ने लोकसभा में बहुमत हासिल किया और एनडीए के नेतृत्‍व में सरकार बनाई।

पिता के साथ LLB की पढ़ाई

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1945 में कानपुर के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया था। डीएवी कॉलेज में बने हॉस्टल के रूम नंबर 104 में रहते थे। 1947 में राजनीति शास्त्र से एमए की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के साथ एलएलबी की पढ़ाई शुरू की थी। उनके पिता भी बेटे के साथ हॉस्टल में रहते थे लेकिन सक्रिय राजनीति में कूदने के बाद उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।

अटल बिहारी वाजपेयी को छात्र जीवन से ही देश के प्रति गहरा बेहद लगाव था। देश की अजादी के बाद उन्होने राजनीति की तरफ कदम बढ़ा दिए थे। प्रतिदिन संघ की शाखा में जाते थे। इसके साथ ही अपने व्यंग विचारों वाली लेखनी से समाज और देश को सही दिशा दिखाने का काम शुरू कर दिया था। राजनीति में वैचारिक मतभेद रखने वालों को बड़ी ही सहजता से अपनी बात को समझाने का हुनर था।

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