ग्वालियर से बने दोनों ही मंत्री सिंधिया के नजदीकी !
ग्वालियर से बने दोनों ही मंत्री सिंधिया के नजदीकी
MP Cabinet Expansion: जिले के निर्वाचित भाजपा के तीन विधायकों में से मोहन मंत्री मंडल में प्रद्युम्न सिंह तोमर व नारायण सिंह कुशवाह को स्थान मिला है। प्रद्युम्न सिंह ने तीसरी बार कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है, जबकि नारायण सिंह कुशवाह को तीसरी बार मंत्रिमंडल में स्थान मिला है।
- मोहन मंत्रिमंडल में ग्वालियर का दबदबा
- नारायण सिंह का तीसरी बार में हुआ प्रमोशन
महल से जुड़े प्रद्युम्न सिंह तोमर ने तीसरी बार कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। प्रद्युम्न सिंह तोमर का जन्म मुरैना जिले के अंबाह तहसील के नावी गांव में 1962 में हुआ था। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने राजनीतिक की शुरुआत महल की छत्रछाया में शुरु की। 2008 में ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को हराकर विधानसभा में पहुंचे थे। 2013 के विधानसभा चुनाव में पवैया ने प्रद्युम्न सिंह तोमर से हार का बदला चुकता किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर से जयभान सिंह पवैया को हराने में सफल हुए। पहली बार कमल नाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था। सवा साल बाद ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए। शिवराज मंत्रिमंडल में प्रद्युम्न सिंह को स्थान मिला। उपचुनाव लड़कर फिर विधानसभा पहुंचे और केबिनेट का मंत्री का दर्जा बरकरार रहा।
तीसरी बार बने नारायण सिंह कुशवाह
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने पार्षदी से अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की, इससे पहले खेती किसानी और सब्जी के कारोबार से जुड़े रहे हैं। 2009 में घर बैठे नारायण सिंह को तत्कालीन लश्कर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर कांग्रेस के प्रभावशाली नेता व पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव के खिलाफ मैदान में उतारा। पहली बार में भगवान सिंह को चुनावी रण परास्त करने में सफल रहे। उसके बाद 2013 के चुनाव तक लगातार जीत दर्ज की। दो बार शिवराज मंत्री मंडल में राज्य मंत्री के रूप में स्थान मिला। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रवीण पाठक से मात्र 121 वोटों से चुनाव हार गए। 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर पार्टी ने विश्वास जताया, जीत हासिल की। इस बार प्रमोशन कर मोहन मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है।