भारत में सही कीमत पर कैसे बेच सकते हैं नया-पुराना सोना?

पुराने गहने बदलने में न करें ये गलतियां… समझिए भारत में सही कीमत पर कैसे बेच सकते हैं नया-पुराना सोना?
सावधान! कहीं पुरानी गोल्ड ज्वैलरी बेचने पर आपको नुकसान न हो जाए. अक्सर जानकारी के अभाव में लोगों को अच्छे दाम नहीं मिल पाते हैं. बाद में अफसोस न करना पड़े, इसलिए यहां पूरा प्रोसेस समझ लीजिए.
सोना एक बेशकीमती धातु है, जिसे अपने चमकदार पीले रंग के लिए जाना जाता है. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती में सोने का अहम योगदान माना जाता है. यह दुनिया में सबसे ज्यादा मांग वाली धातुओं में से एक है.

भारत में ज्यादातर महिलाएं सोने के आभूषण खरीदना और पहनना पसंद करती हैं. यही नहीं, इसे एक सुरक्षित निवेश भी माना जाता है. सोने की कीमतें समय के साथ बदलती रहती हैं. पिछले पांच सालों में सोने की कीमत में 90 फीसदी से ज्यादा उछाल देखा जा चुका है.

जुलाई 2018 से जुलाई 2023 तक सोने की कीमत में लगभग 99 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 30 जुलाई 2018 को 24 कैरेट सोने का भाव 30,850 रुपये प्रति 10 ग्राम था. 21 जुलाई 2023 तक सोने का भावन बढ़कर 59,610 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया था. दिसंबर 2023 में 10 ग्राम सोने का भाव 62,000 के पार है.

 

क्या होता है सोने में कैरेट का मतलब?
हम जब भी सोना खरीदने ज्वैलर के पास जाते हैं तो वह ज्वैलरी दिखाते हुए ये जरूर बताता है कि ये गोल्ड कितने कैरेट का है. कैरेट से सोने की शुद्धता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

सोना को कैरेट में पांच प्रकार से बांटा गया है- 24 कैरेट का सोना सबसे शुद्ध माना जाता है, जिसमें 99.99 फीसदी सोना होता है. इसे 999 गोल्ड भी कहा जाता है. इसके अलावा 22 कैरेट के सोने में 91.6 फीसदी सोना होता है, बाकी दूसरी धातुओं का मिश्रण होता है.

18 कैरेट सोने में 75 फीसदी सोना, 14 कैरेट सोने में 58.3 फीसदी सोना और 10 कैरेट सोने में 41.7 फीसदी सोना होता है.

कैसे बदलें जाते हैं पुराने गहने? 
घर में लंबे समय तक रखे सोने के गहने किसी न किसी वजह से खराब हो जाते हैं. अगर आप अपने पुराने गहनों को नए गहनों से बदलना चाहते हैं तो आपको कुछ अह बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

सबसे पहले आपको अपना पुराना गहना लेकर एक भरोसेमंद ज्वैलर्स के पास जाना होगा. भरोसेमंद ज्वैलर के पास ही जाना बेहद अहम है. अन्यथा आपके साथ कुछ धोखाधड़ी भी हो सकती है.

भरोसेमंद ज्वैलर का एक्सचेंज का प्रोसेज काफी ट्रांसपेरेंट रहता है. अगर आप ऑनलाइन एक्सचेंज करना चाहते हैं तो भी सिर्फ भरोसेमंद साइट से ही करें.

वो ज्वैलर सबसे पहले आपके गहनों में से सभी आर्टिफिशियल स्टोन को हटा देंगे ताकि सिर्फ गोल्ड की वैल्यू कैल्कुलेट की जा सके. इसकी अच्छे से सफाई की जाती है ताकी इसपर लगी सभी धूल मिट्ठी को हटाया जा सके.

गहनों की शुद्धता की जांच के लिए इसे XRF मशीन में डाला जाता है, जहां ये मालूम हो जाता है कि इस गोल्ड में और कौन-कौन सी धातुओं का मिश्रण है. गोल्ड ज्वैलरी के हर आर्टिकल का अलग से स्कैन किया जाता है.

हर आर्टिकल का अलग से वजन होता है. गोल्ड की शुद्धता और वजन के आधार पर उसकी कीमत नोट कर ली जाती है लेकिन ये अंतिम कीमत नहीं होती है. इसके बाद आपकी पुरानी कीमती ज्वैलरी को पिघला दिया जाता है.

गहने को पिघलाए जाने के बाद इसमें गंदगी, रंग हटने या कोई नुकसान होने के कारण इसके वजन में थोड़ी कमी आ सकती है.

कैसे तय होती है पुराने गहनों की कीमत
पुरानी ज्वैलरी को पिघलाने के बाद एक बार फिर XRF मशीन के जरिए इसकी शुद्धता देखी जाती है. तीन बार रीडिंग लिए जाने के बाद एवरेज वैल्यू को ओल्ड गोल्ड की रियल प्योरिटी माना जाता है. इसके बाद इस पिघले हुए गोल्ड का एक बार फिर वजन किया जाता है.

इस नए प्योरिटी और वजन के आधार पर फाइनल कीमत तय की जाती है. अगर आप इस कीमत से संतुष्ट होते हैं तो नई गोल्ड ज्वैलरी की कीमत में इस पुरानी ज्वैलरी की वैल्यू को एडजस्ट कर दिया जाता है.

क्या पुराने गहने बदलते वक्त पिघलाना जरूरी होता है? 
अगर आप अपनी पुरानी ज्वैलरी को उसी दुकान पर ले जाते हैं जहां से आपने इसे पहली बार खरीदा था तो पिघलाने की आवश्यकता नहीं होती है. हालांकि कुछ ज्वैलर्स आपके पुरानी गहने को बिना पिघलाए ही बदलने पर सहमत हो जाते हैं, लेकिन इसके बदले 25-30 फीसदी तक वेस्टेज चार्जेस के रूप में काट लेते हैं.

हॉलमार्क वाले आभूषणों को पिघलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है क्योंकि इनकी शुद्धता (22k/18k/14k कैरेट) भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से प्रमाणित होती है.

अब उदाहरण से समझिए
मान लेते हैं 18k गोल्ड की कीमत 5000 रुपये और 22k गोल्ड की कीमत 6000 रुपये है. आप अपना 20 ग्राम की पुराने गहने को बदलकर इतने ही वजन की नई ज्वैलरी लेना चाहते हैं. इस रेट के हिसाब से आपकी पुरानी ज्वैलरी की कीमत बनती है एक लाख रुपये और नई ज्वैलरी की कीमत 1.20 लाख है.

क्या ज्वैलरी बदलते वक्त आपको सिर्फ इन दोनों वैल्यू का अंतर सिर्फ 20 हजार रुपये ही चुकाना होगा? जी नहीं. इसके अलावा आपको GST भी देना होगा और वेस्टेज चार्ज भी दुकानदार ले सकता है. वेस्टेज चार्ज नई ज्वैलरी की फुल वैल्यू पर लगाया जाता है.

अगर आप वेस्टेज चार्ज अदा नहीं कर रहे हैं तो…
नई ज्वैलरी की कीमत – पुरानी ज्वैलरी की कीमत + (नई ज्वैलरी की कीमत पर 3% जीएसटी)
120,000 – 100,000 + 3600 = 23,600

अगर आप 10% वेस्टेज चार्ज अदा कर रहे हैं तो…
(नई ज्वैलरी की कीमत – पुरानी ज्वैलरी की कीमत) + नई ज्वैलरी की कीमत पर 10% वेस्टेज चार्ज + 3% जीएसटी
120,000 – 100,000 + 12,000 + 3960 = 35,960

सोना बेचने के लिए हॉलमार्किंग जरूरी
सोना कितने कैरेट का है ये हॉलमार्क देखकर पता लगाया जा सकता है. सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से गोल्ड ज्वैलरी बेचने के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है. हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) के बिना आप अपने पुराने गहने बेच नहीं सकते हैं.

हॉलमार्किंग का नियम लागू होने से पहले अगर आपने ज्वैलरी खरीदी थी तो भी आप उसे बेच या बदलवा नहीं सकते. पुरानी गोल्ड ज्वैलरी को बेचने से पहले उन्हें हॉलमार्क्ड कराना अनिवार्य है.

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के मुताबिक, अगर पुराने गहनों पर हॉलमार्क नहीं है तो वह आसानी से उसपर हॉलमार्क करवा सकता है.

24k गोल्ड से नहीं बनाए जाते आभूषण
किसी भी गोल्ड ज्वैलरी पर 24k नहीं लिखा होता है क्योंकि ये शत प्रतिशत शुद्ध सोना होता है और किसी भी ज्वैलरी को बनाने के लिए दूसरी धातुओं का मिश्रण जरूरी होता है. ज्वैलरी बनाने के लिए कॉपर, सिल्वर और प्लैटिनम जैसी धातुएं मिलानी पड़ती हैं.

24k गोल्ड को निवेश के तौर पर सबसे अच्छा माना जाता है. ज्वैलरी बनाने के लिए ज्यादातर 22k या 18k गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है.

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