केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बोलीं- पीड़िता की उम्र जितनी हो उतने महीने में बलात्कार मामलों में फैसला सुनाया जाए

हैदराबाद में पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को कहा कि बलात्कार के मामलों में पीड़िता की उम्र जितनी हो उतने महीने में फैसला सुनाया जाना चाहिए और दोषियों को दया याचिका दायर करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।

बादल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध दर्शाते हैं कि ”हमने अपनी बेटियों को विफल किया है। समय आ गया है कि हम इस बारे में कुछ करें। उन्होंने कहा कि जब किसी दोषी को मौत की सजा सुना दी जाए तो दया याचिका के लिए कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने तेजी से सुनवाई और कड़े दंड की वकालत करते हुए कहा कि- ”मैं सरकार से अपील करती हूं कि बलात्कार के मामलों में पीड़िता की उम्र के बराबर महीने में फैसला सुनाया जाना चाहिए। अगर पीड़िता की उम्र 20 वर्ष है तो सुनवाई 20 महीने में पूरी होनी चाहिए।’

इससे पहले मथुरा से बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी ने चिकित्सक से बलात्कार और हत्या को लेकर कहा था कि हर दिन हम इस तरह की घटनाओं के बारे में सुनते हैं जहां महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मेरी राय है कि आरोपियों को हमेशा के लिए जेल में बंद कर देना चाहिए और कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए।  उधर राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने सोमवार को कहा था कि ऐसे बलात्कारियों को जनता के बीच लाकर मार देना चाहिए। समाजवादी पार्टी की सांसद ने कहा था कि- “ऐसे लोगों को जनता के बीच लाकर उसे पीट-पीटकर मार देना चाहिए।”

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