भारत की अस्मिता को ठेस पहुंचाना मालदीव को महंगा पड़ सकता है ?

भारत की अस्मिता को ठेस पहुंचाना मालदीव को महंगा पड़ सकता है
मालदीव की सरकार के पास जो टैक्स रेवेन्यू आता है, उसमें से 90 प्रतिशत टूरिज्म के टैक्सेस से मिलता है। पिछले साल जितने विदेशी सैलानी मालदीव गए थे उनमें से 11 परसेंट भारतीय थे। इसलिए अगर भारत के सैलानियों ने मालदीव का बॉयकॉट किया तो इस पर्यटन प्रधान देश का बहुत नुकसान हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मालदीव के तीन मंत्रियों का शर्मनाक और गैरजरूरी कमेंट्स करना मालदीव सरकार को महंगा पड़ रहा है। भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय में मालदीव के उच्चायुक्त को बुलाया और उनसे साफ कहा कि मालदीव के तीन मंत्री और सांसद ने जो आपत्तिजनक बयान दिये हैं, वो कतई स्वीकारयोग्य नहीं है और इसका आपसी संबंधों पर असर पड़ सकता है।  भारत पिछले 50 साल से मालदीव की लगातार मदद करता रहा है, भारत के साथ उसकी पुरानी दोस्ती है और भारत मालदीव को डेढ़ अरब डालर की सहायता दे चुका है।  हुआ ये था कि नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते लक्षद्वीप गये थे और सोशल मीडिया पर उन्होंने लक्षद्वीप के समुद्र तट की सुंदर तस्वीरें पोस्ट की थी, और भारतीयों से कहा था कि वे लक्षद्वीप ज़रूर घूमने जाएं, चूंकि मालदीव लक्षद्वीप के नज़दीक है और मालदीव की सारी कमाई beach tourism से होती है, तो वहां की भारत विरोधी लॉबी सक्रिय  हो गई। इस anti-Indian lobby के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर मोदी और भारतीयों का मज़ाक़ उडाना शुरू कर दिया। मालदीव के मंत्रियों ने मोदी और भारतीयों के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए tweets किए और जब भारत सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति की, तो इनमें से कई मंत्रियों को अपना handle ही delete करना पड़ा।  लेकिन भारत सरकार और भारत के लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।  इन तीन मंत्रियों को मालदीव सरकार ने तुरंत अपने पदों से सस्पेंड कर दिया।  मालदीव सरकार ने बयान जारी करके कहा कि पड़ोसी देश, भारत के खिलाफ इस तरह का comments करना गलत है।  भारत की एक प्रमुख travel booking agency ने मालदीव के लिए टूरिस्ट्स की booking ही बंद कर दी। 

मालदीव ने बेवजह भारत को छेड़कर अच्छा नहीं किया। इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है।  साढ़े पांच लाख की आबादी वाले मालदीव की GDP में 25 परसेंट हिस्सेदारी अकेले टूरिज़्म सेक्टर से आती है।  मालदीव में हर साल लाखों टूरिस्ट घूमने आते हैं  जिससे उसकी अर्थव्यवस्था चलती है। मालदीव सरकार के डेटा के मुताबिक़, 2023 में भारत से दो लाख से ज़्यादा लोग मालदीव घूमने गए थे।  इससे मालदीव को विदेशी मुद्रा की आमदनी होती है लेकिन जब मालदीव के मंत्रियों ने नरेंद्र मोदी के बारे में भद्दे कॉमेंट्स किए, और वहां के सोशल मीडिया पर भारत-विरोधी कुप्रचार चलाया, तो भारत की कई ट्रैवल कंपनियों ने मालदीव के लिए अपने पैकेज कैंसिल कर दिए। भारत के प्रधानमंत्री के बारे में मालदीव के मंत्रियों के अभद्र बयानों पर सबसे ज़्यादा रिएक्शन सोशल मीडिया पर आए। फिल्म स्टार्स से लेकर क्रिकेट और क्रिकेट स्टार्स ने मालदीव के मंत्रियों के बयानों की निंदा की,भारत के द्वीपों की नैसर्गिक सुंदरता की तस्वीरें शेयर की, और लोगों से अपील की कि वो अपने देश के सुंदर द्वीपों में घूमने जाएं।  सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि वो लक्षद्वीप और अंडमान घूमकर आए हैं, और दोनों ही नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर हैं।  सुपरस्टार सलमान ख़ान ने भी ट्वीट किया कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के ख़ूबसूरत सागर तटों की तस्वीरें शेयर कीं, ये देखकर बहुत अच्छा लगा…. और ये हमारे भारत में है।  मालदीव के मंत्रियों के बयानों पर  पहला रिएक्शन अक्षय कुमार का आया था। अक्षय ने लिखा कि मालदीव ख़ूबसूरत है और वो कई बार वहां जा चुके हैं  लेकिन, अपना देश सबसे पहले… और हम इस तरह के नफ़रत भरे बयानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते।  

अक्षय के अलावा जॉन अब्राहम, एकता कपूर, भूमि पेडनेकर, वरुण धवन, कार्तिक आर्यन और टाइगर श्रॉफ ने भी अपने देश के समर्थन में ट्वीट किए।  इनके अलावा सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सुरेश रैना, हार्दिक पांड्या जैसे कई क्रिकेटर्स ने भी भारत की प्राकृतिक सुंदरता वाली तस्वीरें शेयर कीं, मालदीव के मंत्रियों के बयान को बेहद ख़राब कहा। मालदीव के साथ इस सोशल मीडिया वॉर में  भारत को कई देशों का समर्थन मिला।  भारत में इज़राइल के दूतावास ने लक्षद्वीप की तस्वीरें ट्वीट कीं  और कहा कि पिछले साल हमारे राजदूत लक्षद्वीप गए थे, वहां के खारे पानी को साफ़ करने के प्रोजेक्ट में  इज़राइल मदद कर रहा है।  इस दौरान इज़राइल के अधिकारियों ने लक्षद्वीप की नैसर्गिक सुंदरता को भी देखा था। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमिन ने कहा कि भारत हमेशा, पड़ोसी देशों के साथ खड़ा रहा है, उनकी मदद की है, मालदीव के मंत्रियों को भारत के प्रधानमंत्री के बारे में ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।  

ये बात मैंने पहले कई बार सुनी थी कि भारत के पास लक्षद्वीप है, जो मालदीव से बेहतर है। मालदीव से सिर्फ 450 मील दूर है। भारत इसे विकसित करे तो ये दुनिया का बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन सकता है। पर सब सिर्फ बातें करते थे,  कोई कुछ करता नहीं था। नरेन्द्र मोदी ने इस बार नए साल के मौके पर एक झटके में ये करके दिखा दिया। मोदी ने लक्षद्वीप की तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट करके ये  बता दिया कि ये कितना सुंदर, कितना मनोरम द्वीप है। मोदी ने ये कहीं नहीं कहा था कि ये मालदीव का मुकाबला कर सकता है  लेकिन मोदी ने जो तीर चलाया वो निशाने पर बैठा। पूरी दुनिया में लोग गूगल पर लक्षद्वीप को सर्च करने लगे, 20 साल में लक्षद्वीप को सबसे ज्यादा सर्च किया गया।  रही सही कसर मालदीव के तीन मंत्रियों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में उल्टे सीधे कमेंट करके पूरे कर दिए। मोदी के बारे में जो भाषा इस्तेमाल की गई वो शर्मनाक है, निंदनीय हैं, लेकिन इसका हमें एक बड़ा फायदा हो गया। करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुईं, हजारों लोगों ने रिएक्ट किया और इसके दो बड़े असर हुए – लोगों ने एक बार फिर लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर याद किया, मोदी की लक्षद्वीप की तस्वीरों ने पूरे सोशल मीडिया को डॉमिनेट कर दिया। सैकड़ों लोगों ने मॉलदीव की टिकटें कैंसिल करने का एलान किया। एक कैंपेन चल पड़ा कि भारत के लोग मोदी के खिलाफ अशोभनीय भाषा प्रयोग करने वाले मंत्रियों के देश मालदीव में नहीं जाएंगे। इसका मालदीव को भारी नुकसान हो सकता है। टूरिज्म मालदीव की कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया है। वहां की सरकार के पास जो टैक्स रेवेन्यू आता है, उसमें से 90 प्रतिशत टूरिज्म के टैक्सेस से मिलता है। मालदीव की 60 परसेंट विदेशी मुद्रा  टूरिज्म से आती है और पिछले साल जितने विदेशी सैलानी मालदीव गए थे उनमें से 11 परसेंट भारतीय थे। इसलिए अगर भारत के सैलानियों ने मालदीव का बॉयकॉट किया तो इस पर्यटन प्रधान देश का बहुत नुकसान हो सकता है। सोशल मीडिया पर इसका बहुत शोर है। हमारे कई फिल्म स्टार्स, क्रिकेट खिलाड़ियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने मालदीव के मंत्रियों की भाषा पर सवाल उठाए। अपने लोगों से मालदीव को भूलकर लक्षद्वीप को डेस्टिनेशन बनाने को कहा। इसीलिए मालदीव की सरकार घबरा गई। मंत्रियों को सस्पेंड किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मालदीव का सवाल भारत के आत्मसम्मान से जुड़ गया। लक्षद्वीप देशप्रेम का प्रतीक बन गया। इस आग को बुझाना मालदीव के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि ये आग भारतवासियों के दिल में लगी है। ये आग भारतवासियों के आत्म सम्मान को जगाने वाली आग है।

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