आगरा : खाकी के साथ खादी ने मिलकर चलाया ‘ऑपरेशन कब्जा’ ….? करोड़ों की जमीन के खेल में कमिश्नर पर गिरी गाज !

करोड़ों की जमीन के खेल में कमिश्नर पर गिरी गाज, योगी सरकार ने लिया सख्त एक्‍शन
खाकी के साथ खादी ने मिलकर चलाया ‘ऑपरेशन कब्जा’ ….?

यूपी की ताजनगरी आगरा में करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा कराने में पुलिस की मिलीभगत सामने आने के बाद कमिश्नर पर गाज गिरी है। योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद शासन ने उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच किया है।

IPS Transfer in UP: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में करोड़ों की जमीन पर कब्जेदारी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दूसरे की जमीन पर जबरन कब्जा कराने में पुलिस की भूमिका सामने आने के बाद शासन ने सख्त एक्‍शन लिया है। बताया जा रहा है कि इसी मामले में आगरा के कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह को लखनऊ मुख्यालय से अटैच किया गया है। जबकि आगरा पुलिस कमिश्नर का कार्यभार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जे रवींद गौड़ को सौंपा गया है। आगरा में करोड़ों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का मामला सामने आने के बाद कमिश्नर का लखनऊ ट्रांसफर कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, पिछले दिनों में आगरा के जगदीशपुरा थानाक्षेत्र में करोड़ों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का मामला सामने आया था। इस मामले की पैरवी फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। इसके अलावा थाना जगदीशपुरा के तत्कालीन एसएचओ जितेंद्र कुमार समेत बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी समेत 18 अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी इंस्पेक्टर और बिल्डर फरार हैं। वहीं कहा जा रहा है कि इसी मामले में आगरा पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह हटाए गए हैं। उन्हें डीजीपी मुख्यालय से जोड़ दिया गया है। उनकी जगह गोरखपुर के आईजी रेंज जें रवींद्र गौड़ को आगरा का नया कमिश्नर बनाया गया है।
कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह ने दरोगा को दिया था एसएचओ का प्रभार

सू्त्रों का कहना है कि दरोगा जितेंद्र कुमार पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। इसके बावजूद कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह ने उसे जगदीशपुरा थाने का प्रभारी बना दिया। इसपर सांसद राजकुमार चाहर ने सवाल खड़े करते हुए मुख्यमंत्री तक मामले की शिकायत की थी। वहीं पीड़ित परिवार ने योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। फिलहाल इस मामले में पुलिस अधिकारी कोई भी बयान देने से बच रहे हैं, लेकिन आगरा पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह का तबादला इसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।

………………………………
यूपी के इस जिले में खाकी के साथ खादी ने मिलकर चलाया ‘ऑपरेशन कब्जा’

UP News: यूपी की ताजनगरी के जगदीशपुरा क्षेत्र में बोदला-लोहामंडी मार्ग पर बीएस कांप्लेक्स के पास बेशकीमती चार बीघा जमीन पर पुलिस की मिलीभगत से रातों-रात कब्जा हुआ था। कई महीने पहले इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी। आइए जानते हैं पूरा मामला…

 उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा के जगदीशपुरा क्षेत्र में बोदला-लोहामंडी मार्ग पर बीएस कांप्लेक्स के पास बेशकीमती चार बीघा जमीन पर पुलिस की मिलीभगत से रातों-रात कब्जा हुआ था। शहर के प्रमुख रोड पर स्थित चार बीघा जमीन पर मंत्री, पुलिस और बिल्डर लंबे समय से आंखें गढ़ाए बैठे थे। कई माह पहले कब्जे की पटकथा लिखी थी। जगदीशपुरा में थाने में मनमाफिक एसओ की तैनाती कराई गई। तैनाती के कुछ दिनों महीने बाद आपरेशन कब्जा के आदेश दिए गए।
यह पूरा खेल बिना राजनीतिक संरक्षण के चलते केवल पुलिस इतना बड़ा काम नहीं कर सकती है। अब इस मामले में शहर के एक नेताजी का नाम चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार सदर क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट संचालक व खेलकूद से जुड़े व्यक्ति का इसमें मेन रोल है। बिल्डर से दोस्ती होने के चलते उसने मुनाफे का पूरा गणित समझा। उसने ही जमीन की चौकीदारी करने वाले रवि कुशवाह पर दबाव बनाया था। जमीन पर कब्जे की स्क्रिप्ट एक-दो दिन में नहीं लिखी गई, बल्कि इसके लिए लंबे समय से तैयारी की गई। बिना पुलिस के ये काम नहीं हो सकता था। ऐसे में नेताजी ने दबाव बनाकर अपने फेवर के एसओ को तैनाती दिलाई। इसके बाद जमीन की रखवाली करने वाले परिवार को धमकी व दूसरी तरह से परेशान करके हटाने का प्लान बनाया गया।
मंत्री ने फोन करके कटवाई थी बिजली

जमीन पर कब्जा कराने के खेल में शामिल मंत्री ने रवि कुशवाह के घर की बिजली भी कटवाई थी। इसके लिए मंत्री ने खुद फोन किया था। उम्मीद थी कि बिजली कटने के बाद जमीन के केयरटेकर का परिवार जमीन खाली करके चला जाएगा। मगर, ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस के सहयोग लेकर नया प्लान तैयार किया गया। इसके बाद कब्जा हो गया।

फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने और कब्जा कराने को लेकर अधिकारियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्ति का नाम भी चर्चा में है। बताया गया है कि ये व्यक्ति जमीन से जुड़े मामलों में पैरवी करता है। थानों में ट्रांसफर पोस्टिंग का दावा भी करता है। थाने में जाकर अधिकारियों को भइया बताते हुए दबाव बनाता है। अधिकारियों से संबंध होने के चलते बहुत से थानेदार इसके कहने पर छोटे-मोटे कर देते हैं।
सूत्रों का कहना है कि जमीन पर कब्जे की डील के लिए देहात क्षेत्र के एक माननीय का पुत्र भी शामिल हो गया। पूरे खेल में बिल्डर आगे रहे और पीछे से मंत्री और माननीय पुत्र ने पूरी मदद की। बाउंड्री कराने से लेकर मौके पर कब्जा लेने पहुंचने तक मंत्री का कोई रिश्तेदार मौके पर नहीं पहुंचा था। बिल्डर कमल चौधरी डकैती में बेटे समेत नामजद हो गए, लेकिन बाकी किरदार एफआइआर से दूर हैं। बिल्डर के साथ सदर क्षेत्र के खेल और रेस्टोरेंट संचालक ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद अब शामिल लोग चेहरे छिपाए बैठे हैं।
मामले में शराब तस्करी का फर्जी मुकदमा लिखाने वाले आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को पुलिस ने रिपोर्ट भेजी थी। मगर, अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आबकारी विभाग के अधिकारी उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। फर्जी मुकदमे दर्ज करवा कर जमीन पर कब्जा दिलाने के मामले में एक और शख्स की भूमिका चर्चाओं में है। यह शख्स अफसरों के साथ बैठकर सेटिंग के लिए पहचाना जाता है। थानों में तैनाती करवाने के दावे और अफसरों से लेन-देन के रिश्ते बताकर पुलिस से उल्टे-सीधे काम भी करवाता है। बहरहाल, इस पूरे मामले पर लखनऊ से दबाव पड़ने के बाद आगरा पुलिस के आला अधिकारी एक्टिव हो गए हैं। आगरा पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि मामले में एक दोषी को बख्‍शा नहीं जाएगा। हर आदमी की भूमिका की बारीकी से जांच की जा रही है। निर्दोषों को न्याय दिलाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *