सड़क किनारे और फुटपाथों पर लगाए यूनीपोल अनुबंध निरस्त तब भी खड़े हैं खतरनाक स्ट्रक्चर

नहीं हुआ नियम का पालन:सड़क किनारे और फुटपाथों पर लगाए यूनीपोल अनुबंध निरस्त तब भी खड़े हैं खतरनाक स्ट्रक्चर

नगरीय क्षेत्र के मुख्य मार्गों के किनारे और फुटपाथों पर यूनीपोल लगाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ये हाल तब है, जब 7 महीने पहले सावरिया सेठ का अनुबंध खत्म कर दिया गया। होर्डिंग शाखा के अफसरों की मिली भगत से उसके जगह-जगह लगे खतरनाक स्ट्रेक्चर को नहीं हटाया गया।

सड़कों को ऊपर से 40 से 70% तक कवर किए ट्रैक्टर्स से कभी-कभी रोड पर एक्सटेंड हो सकता है। शहर के अंदर 140 से ज्यादा यूनीपोल लगे होने का दावा एक अफसरों की एक जांच कमेटी कर चुकी है। शहरी क्षेत्र में सावरिया सेठ के अलावा ग्लोमार्ट पब्लिक सिटी ​कंपनी को यूनीपोल लगे है। उसने भी मप्र आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 की अनदेखी कई स्थानों पर की है।

निगम ने दो कंपनियों को शहर के अंदर यूनीपोल लगाने के लिए चयन किया था। 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का टेंडर हो चुके थे। 10 साल के टेंडर में प्रतिवर्ष स्वीकृत राशि से 10% के हिसाब से बढ़ोत्तरी होनी है। निगम के अपर आयुक्त अनिल दुबे ने कहा कि प्रदेश शासन की गाइड लाइन के अनुसार यूनीपोल-होर्डिंग लगना चाहिए। मैं देखूंगा कि कहां गलत तरीके से यूनीपोल लगे है। उन्हें हटाया जाएगा। सावरिया सेठ का अनुबंध निरस्त हो चुका है। मामला अपील समिति में सुना जाना है।

देखिए हालात…शहर में कहां पर किस स्थिति में हैं यूनीपोल

  • फूलबाग-गुरुद्वारा रोड: यहां टर्न पर सड़क किनारे यूनीपोल लगा है। इसका 40% हिस्सा सड़क के ऊपर निकला है।
  • झांसी रोड: नाका चंद्रबदनी से-सिथौली तक फुटपाथ पर 6 से ज्यादा यूनीपोल है। निगम ने हेंडओवर ले लिए है। लेकिन ये खतरनाक होते जा रहे हैं।
  • रानी लक्ष्मीबाई समाधि से फूलबाग चौराहा रोड: यहां स्वर्ण रेखा के पास सड़क किनारे यूनीपोल लगवा दिया है। उक्त कंपनी का अनुबंध खत्म हो चुका है। स्ट्रेक्चर खड़ा है।
  • स्टेशन बजरिया पेट्रोल पंप के नजदीक: यहां पर तीन यूनीपोल पर विज्ञापन नहीं है। ये सड़क किनारे ही लगे हुए है।
  • गुरुद्वारा-फूलबाग चौराहा रोड: यहां यूनीपोल फुटपाथ पर लगा है। इससे चंद कदम दूरी पर दूसरा यूनीपोल का स्ट्रक्चर लगा हुआ है।
  • गांधी रोड: सबसे सुंदर रोड पर दस करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। यहां पर सड़क के पास यूनीपोल लगा दिया।

यहां पर मनमर्जी से लगा दिए: निगम ने जहां पर जगह कंपनियों को तय कर दी थी। उनकी बात को कंपनी ने नहीं माना। ज्यादा फायदा लेने में मनमर्जी के यूनीपोल लगा दिए। इनमें बहोड़ापुर तिराहा, डफरन सराय मार्केट पड़ाव, मानस भवन के पास, स्वामी विवेकानंद चौराहा, हुरावली पीएम आवास योजना, मानसिक आरोग्यशाला, रामदास घाटी, खेड़ापति रोड रेलवे क्रासिंग, मुरार में नारकोटिक्स ऑफिस के बाहर शामिल है। इन्हें हटाने की हिम्मत होर्डिंग शाखा के अफसरों ने नहीं जुटाई।

ये कहता है नियम {सड़क किनारे फुटपाथों पर नहीं लगाए जाएंगे। {जहां फुटपाथ नहीं है। वहां पर यूनीपोल-होर्डिंग मौजूदा सड़क ​के किनारे से 3 मीटर के दायरे में नहीं लगाया जा सकेगा, जहां फुटपाथ है। यूनीपोल-होर्डिंग फुटपाथ के किनारे से 3 मीटर के भीतर में नहीं लगाया जा सकता है। {जहां मार्ग इतने अधिक मोड़ वाले हैं कि आने वाला परिवहन साफ दिखाई नहीं देता। {यूनीपोल किनारे से 3 मीटर के दायरे में नहीं लगाया जाएगा। {यूनीपोल के बीच की दूरी 50 मीटर से कम नहीं होगी।

किसको कौन सा पैकेज मिला: निगम ने 8 पैकेज तैयार कर यूनीपोल लगाने का ठेका है। पैकेज क्र. 2-3-7 का ठेका सावरिया सेठ को मिला था। जिसे तत्कालीन आयुक्त निरस्त कर चुके है। पैकेज क्र. 1-4-5 की जिम्मेदारी ग्लोमार्ट पब्लिक सिटी को दी है। पैकेज 6-8 की जिम्मेदारी एसेंट आउट डोर को लेकर प्रक्रिया में है। वहीं इसको लेकर दो जांच समितियां बनी। एक जांच निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने की। उसकी रिपोर्ट में यूनीपोल 140 और होर्डिंग 147 है। इनकी संख्या ज्यादा है।

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