रेत माफिया से साठगांठ, गिजौर्रा थाना प्रभारी लाइन हाजिर !
रेत माफिया से साठगांठ, गिजौर्रा थाना प्रभारी लाइन हाजिर …
Gwalior Crime News:एक बार फिर पुलिस और रेत माफिया का गठजोड़ सामने आया है। अब गिजौर्रा थाना प्रभारी सुमित सुमन खुद रेत माफिया को संरक्षण देने में फंस गए। शिकायत की जांच के बाद एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने थाना प्रभारी सुमन को लाइन अटैच कर दिया।
ठेकेदार ने शिकायत की थी कि रेत के परिवहन का ठेका उसे शासन से मिला है। इसके बाद भी थाना प्रभारी द्वारा रेत का अवैध रूप से उत्खनन और परिवहन करने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा अवैध चल रही रेत खदानों का रास्ता बंद किया जाता है तो पुलिस के संरक्षण से रेत माफिया दोबारा रास्ता बना लेते हैं। रायल्टी से चलने वाले वाहनों पर यह लोग गोलियां चलाते हैं। शिकायत करने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती। दो बार ठेकेदार द्वारा एसएसपी राजेश सिंह चंदेल से शिकायत की गई। कुछ वीडियो भी दिए गए। इसके बाद एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया। इससे पहले डबरा देहात थाने के टीआइ राजेंद्र सिंह परिहार रेत माफिया से साठगांठ में फंसे थे और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था।
स्मैक की सप्लाई देने जा रहा तस्कर पुलिस ने पकड़ा
करैरा थाना प्रभारी सुरेश शर्मा ने बताया कि मुखबिर से सूचना पर टीला रोड पर पुलिस चेकिंग लगाई गई तो आरोपित एक बाइक पर आता हुआ दिखाई दिया। आरेापित की पहचान बलदेव पुत्र रमेश कुशवाह के रूप में की गई। उसके कब्जे से दस ग्राम स्मैक बरामद की गई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है। करैरा थाना प्रभारी के अनुसार आरोपित को पहले उन्होंने करीब 100 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद यह जेल से छूटने के बाद इंदौर चला गया। आरोपित इंदौर में भी स्मैक का कारोबार करने लगा। पुलिस ने वहां भी आरोपित को स्मैक के साथ गिरफ्तार कर लिया था। जब यह इंदौर जेल से छूटा तो लौट कर वापिस करैरा आ गया और फिर से स्मैक का कारोबार करने लगा। इसी क्रम में इसे स्मैक की सप्लाई करने जाते समय गिरफ्तार किया है। आरोपित ने बताया कि वह गुना से स्मैक लेकर आया था।