कभी खेतों में मजदूरी करते थे मार्टिन …

कभी खेतों में मजदूरी करते थे मार्टिन …
पार्टियों को सबसे ज्यादा 1368 करोड़ रुपए देने वाले लॉटरी किंग की कहानी

सबसे ज्यादा राजनीतिक चंदा देने वाले मार्टिन की कहानी। कैसे इतना बड़ा धंधा खड़ा किया, सियासत में पैठ बनाई और आखिरकार कानून के शिकंजे में फंसे…

बचपन में मजदूरी के लिए म्यांमार गए और लौटकर बिजनेस शुरू किया
1965 में मार्टिन सैंटियागो की पैदाइश साल 1965 की है। वे दक्षिणी तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रहने वाले हैं। एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे सैंटियागो का बचपन बेहद गरीबी में बीता। रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थीं। मार्टिन को मजदूरी के लिए म्यांमार के यांगून शहर जाना पड़ा।

1988 में मार्टिन म्यांमार से तमिलनाडु लौट आए। तमिलनाडु के कोयंबटूर में मार्टिन ने ‘मार्टिन लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड’ के नाम से लॉटरी का बिजनेस शुरू किया। जल्द ही उनका ये बिजनेस चल निकला। धीरे-धीरे दक्षिणी भारत के केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में मार्टिन ने अपना बिजनेस फैला लिया।

मार्टिन सैंटियागो को लोग ‘लॉटरी मार्टिन’ के नाम से जानने लगे। मौजूदा वक्त में मार्टिन कई कंपनियों के मालिक हैं। इनमें से एक का नाम फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है। 30 दिसंबर 1991 को बनी ये कंपनी अब सिक्किम, नगालैंड और पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में लॉटरी का व्यापार करती है। अक्टूबर 2020 से शुरू कर जनवरी 2024 तक इस कंपनी ने 1,368 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं।

देश-विदेश में लोगों को लॉटरी खिलाई और बिजनेस बढ़ता गया
मार्टिन की वेबसाइट मार्टिन फाउंडेशन के मुताबिक, वे मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। मार्टिन ने जब लॉटरी का धंधा शुरू किया तब तक तमिलनाडु में दो डिजिट वाली लॉटरी का क्रेज आ चुका था। लोग जल्दी रईस होने के लिए भारी तादाद में लॉटरी के टिकट खरीद रहे थे।

बिजनेस वर्ल्ड और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे कई अखबारों ने भारत में सबसे बड़े व्यक्तिगत करदाता के तौर पर मार्टिन का उल्लेख किया है। मार्टिन आज ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट भी हैं। उनकी कंपनी फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन की मेंबर है। वेबसाइट के मुताबिक ये कंपनी अब ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो, स्पोर्ट्स बेटिंग जैसे बिजनेस में भी कदम रख रही है।

मार्टिन की शादी के 25 साल पूरे होने पर उन्हें कैथोलिक चर्चों के प्रमुख पोप बेनेडिक्ट XVI ने आशीर्वाद दिया था। वेबसाइट लिखती है कि मार्टिन दान और परोपकार में विश्वास रखते हैं। मार्टिन की पत्नी लीमा ने मार्टिन ग्रुप की तरफ से कोविड के दौरान तमिलनाडु सरकार को करोड़ों रुपए बतौर डोनेशन दिए हैं।

मार्टिन ग्रुप की तरफ से एमके स्टालिन को डोनेशन देतीं लीमा (फोटो सोर्स- मार्टिन ग्रुप)
मार्टिन ग्रुप की तरफ से एमके स्टालिन को डोनेशन देतीं लीमा (फोटो सोर्स- मार्टिन ग्रुप)

दक्षिण की सियासत में मार्टिन का दखल
केरल में लोग लॉटरी खूब खरीदते हैं। सरकार के राजस्व में भी इसकी बड़ी हिस्सेदारी है। बीते एक दशक में लॉटरी से केरल का राजस्व करीब बीस गुना बढ़ा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, साल 2011 में लॉटरी के धंधे से केरल का राजस्व 557 करोड़ रुपए था, जो साल 2015 में बढ़कर 5 हजार 696 करोड़ रुपए हुआ। साल 2020 में राजस्व 9 हजार 974 करोड़ रुपए हो गया।लॉटरी खूब खरीदते हैं।

केरल में सियासी पकड़ बनाने के लिए मार्टिन ने CPI(M) के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ को दो करोड़ रुपए का सहयोग दिया। ये वो दौर था जब CPI(M) की केरल यूनिट में अंदरूनी कलह मची थी, दो गुट बन गए थे। एक गुट वर्तमान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का और दूसरा वीएस अच्युतानंदन का था। पार्टी और ‘देशाभिमानी’ पर पिनाराई का नियंत्रण था। मार्टिन के दो करोड़ रुपए को लेकर अच्युतानंदन ने पिनाराई को जमकर कोसा।

आखिरकार पिनाराई को मार्टिन काे डोनेशन के दो करोड़ रुपए लौटाने पड़े। इसी के चलते देशाभिमानी के जनरल मैनेजर और मालाबार इलाके के बड़े नेता ईपी जयराजन को पद से हटा दिया गया। मार्टिन के लिए दो करोड़ रुपए बड़ी रकम नहीं थी। इससे ज्यादा पैसा तो नेताओं को पार्टी देने में खर्च कर देते थे। इसके बाद से केरल में लेफ्ट की राजनीति के पतन का दौर शुरू हुआ। इस पतन की सियासी चर्चाओं में एक नाम हमेशा के लिए शामिल हो गया- लॉटरी मार्टिन।

DMK के साथ भी मार्टिन के संबंध रहे। साल 2011 में मार्टिन ने 20 करोड़ रुपए की लागत से इलाइगनन नाम की एक तमिल फिल्म बनाई। इसकी पटकथा, सोवियत संघ के दौर वाले रूसी लेखक मैक्सिम गोर्की के उपन्यास ‘द मदर’ पर आधारित थी। इसे लिखने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि थे।

AIADMK के सत्ता में आने पर मार्टिन को DMK के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जमीन कब्जा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन्हें जेल जाना पड़ा। CM जयललिता के प्रशासन ने उन पर गुंडा एक्ट लगाया था। 8 महीने जेल में रहने के बाद मार्टिन को मद्रास हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।

मार्टिन के संबंध DMK से भी बिगड़े। जिस दौरान मार्टिन जेल में थे, उन पर कई लॉटरी केसों को लेकर CBI की जांच चल रही थी। मई 2012 में उनकी पत्नी लीमा रोज ने दो लॉटरी एजेंटों के खिलाफ पुलिस में मार्टिन को झूठे मामले में फंसाने की शिकायत दर्ज करवाई।

इनमें से एक व्यक्ति DMK प्रमुख करुणानिधि के परिवार का बेहद करीबी था। इसके अलावा लीमा ने इंडिया जननायगा काची (IJK) नाम की पॉलिटिकल पार्टी ज्वाइन कर ली। 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले जब प्रधानमंत्री मोदी, PM पद के उम्मीदवार के बतौर कोयंबटूर में एक रैली को संबोधित करने गए तो लीमा ने उनके साथ मंच साझा किया था।

मार्टिन के दामाद अर्जुन, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन के दामाद सबरीसन के करीबी हुआ करते थे। चुनावों के दौरान अर्जुन DMK के लिए हर तरह के संसाधन जुटाते थे। हाल ही में अर्जुन, DMK के सहयोगी दल वीसीके के महासचिव बने हैं। कहा जा रहा है कि अर्जुन इस बार DMK की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली है।

मार्टिन पर कानूनी शिकंजा कैसे कसा?
साल 2008 में मार्टिन पर सिक्किम सरकार के साथ 4 हजार 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लग चुका था। इसके बाद साल 2011 में लॉटरी के अवैध कारोबार के मामले में तमिलनाडु और कर्नाटक पुलिस ने मार्टिन की जांच की। साल 2013 में केरल पुलिस ने भी अवैध लॉटरी के मामले में मार्टिन के ठिकानों पर छापेमारी की। साल 2015 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स चोरी के मामले में कई राज्यों में मार्टिन के ठिकानों पर छापे मारे।

इसके बाद साल 2016 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मार्टिन के कई ठिकानों पर छापेमारी की। साल 2018 में CBI ने भी कई राज्यों में मार्टिन के कार्यालयों पर तलाशी ली। साल 2022 में ED ने मार्टिन की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई में 409 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली थी।

आखिरी बार मई 2023 में ED ने मार्टिन पर कार्रवाई की थी। कथित रूप से सिक्किम सरकार को 900 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में ED ने मार्टिन के 457 करोड़ रुपए जब्त किए थे।

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