इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड से पार्टियों को करोड़ों का चंदा !

 इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड से पार्टियों को करोड़ों का चंदा: एक म्यांमार का मजदूर और तीन बीफ कारोबारी, जानें कौन हैं ये
SBI Electoral Bonds Data: अल्लाना ग्रुप से जुड़ी तीन कंपनियों ने ईडी की छापेमारी के बाद करोड़ों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. कंपनी पर टैक्स चोरी के आरोप लगे थे.

राजनीतिक दलों को करोड़ों रुपये का चंदा देने वालों में तीन कंपनियां ऐसी हैं, जो बीफ का कारोबार करती हैं. कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर करोडों रुपये डोनेट किए हैं. सबसे ज्यादा चंदा फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने दिया है. यह कंपनी लॉटरी फील्ड से जुड़ी है और इसके मालिक लॉटरी किंग सेटिंयागो मार्टिन हैं. सेंटियागो मार्टिन आज अरबों की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन एक समय पर वह म्यांमार में मजदूरी करते थे.

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी डिटेल अपनी वेबसाइट पर जारी की थी. इसमें पता चला कि कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने ईडी, सीबीआई और आईटी की छापेमारी के बाद करोड़ों रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. बीफ एक्सपोर्ट करने वाली अल्लान संस प्राइवेट लिमिटेड, फ्रीगोरीफिको अलाना प्राइवेट लिमिटेड और फ्यूचर गेमिंग भी उसी लिस्ट में शामिल हैं. इन कंपनियों के खिलाफ रेडमारी की कार्रवाई हो चुकी हैं और इन्होंने धड़ल्ले से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर करोड़ों पॉलिटिकल पार्टियों को दान कर दिए. 

अल्लाना ग्रुप की तीन कंपनियों ने खरीदे 7 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड
अल्लाना ग्रुप की तीन कंपनियों ने कुल 7 करोड़ का चंदा दिया है. अप्रैल, 2019 में कंपनी पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी. इसके बाद 9 महीने के अंदर अल्लाना ग्रुप ने 7 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इनकम टैक्स अधिकारियों के अनुसार, अल्लाना कंपनी भैंस का गोश्त एक्सपोर्ट करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है. अल्लान ग्रुप पर आरोप है कि उसने करीब दो हजार करोड़ रुपये के टैक्स की चोरी की है. 

एक ही दिन में अल्लाना ग्रुप की तीनों कंपनियों ने खरीद डाले बॉन्ड
9 जुलाई, 2019 को अल्लाना संस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर 2 करोड़ रुपये डोनेट किए थे. इसके बाद 9 अक्टूबर को एक करोड़ और डोनेट किए. फ्रीगोरीफिको अल्लाना ने भी 2019 में 9 जुलाई को 2 करोड़ और 22 जनवरी, 2020 को 2 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. अल्लाना ग्रुप से जुड़ी अलाना कोल्ड स्टोरेज ने 9 जुलाई, 2019 को ही 1 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.

तीनों कंपनियां अल्लाना ग्रुप से जुड़ी है, लेकिन इनके डायरेक्टर हेड अलग-अलग हैं. अल्लाना कंपनी साल 1865 में बनाई गई थी और यह प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट करती है. इसका दावा है कि यह देश की टॉप एक्सपोर्टर है. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार इसका सालाना टर्नओवर 500 से 1000 करोड़ के बीच है. 

म्यांमार के मजदूर सेंटियागो मार्टिन ने 1368 करोड़ दान किए
फ्यूचर गेमिंग और उसके मालिक सेंटियागो मार्टिन ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई का सामना कर चुके हैं. सेंटियागो मार्टिन का नाम सिक्किम सरकार के लॉटरी फ्रॉड केस में सामने आया था. इस मामले में सिक्किम सरकार को 900 करोड़ का चूना लगा था. सेंटियागो की कंपनी केरल में सिक्किम सरकार की लॉटरी बेच रही थी. इसके तहत, मई, 2023 में सेंटियागो मार्टिन के ठिकानों पर छापेमारी हुई और 450 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली. ईडी ने बताया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत सेंटियागो मार्टिन और उनके सहयोगियों के खिलाफ कोयंबटूर और चेन्नई में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था.

ईडी ने जब्त की फ्यूचर गेमिंग की करोड़ों की संपत्ति
2 अप्रैल, 2022 की मीडिया रिपोर्ट्स में ईडी के हवाले से बताया गया कि फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 409.92 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क हुई थी. ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई की थी. चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनी ने 7 अप्रैल, 2022 को 100 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इसी तरह 2019 से 2024 तक कंपनी ने 1368 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज कंपनी की पूर्वोत्तर और दक्षिण के 13 राज्यों में ब्रांच हैं. इसे सिक्किम और नागालैंड द्वारा आयोजित पेपर लॉटरी का एक मात्र वितरक बताया जाता है. कंपनी पर आरोप है किउसने अपने विभिन्न उप वितरकों के साथ मिलकर साजिथ रची और बिना बेचे लॉटरी टिकटों को अपने पास रखा. 2017 तक जीएसटी से पहले ऐसे बिना बिके टिकटों पर टॉप प्राइस का दावा किया. इससे कंपनी ने अवैध रूप से करीब 400 करोड़ का लाभ लिया.

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