नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे जामिया के छात्रों और पुलिस में झड़प, कई घायल

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून ( citizenship amendment law) का विरोध कर रहे जामिया (Jamia) मिलिया इस्लामिया के छात्र (students) और पुलिस (police) में शुक्रवार को झड़प हो गई. दोनों तरफ से हुई पत्थर बाज़ी और लाठीचार्ज में पुलिसकर्मी और कुछ छात्र घायल हुए है.

जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दोपहर ढाई बजे के करीब संसद की तरफ मार्च किया. छात्रों ने बिना पुलिस परमिशन के मार्च निकाल रहे थे. परमिशन न होने की वजह से पुलिस ने बेरिकेट लगाकर उनको होली फैमिली अस्पताल के पास रोका.

इसी बीच कुछ उग्र छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस को छात्रों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज भी किया. इस झड़प में 12 पुलिसवाले घायल हो गए जिनमें दो को गंभीर चोटें आई हैं और वे आईसीयू में भर्ती हैं.

वहीं पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में कई छात्र भी घायल हुए हैं. छात्र और पुलिस रात दस बजे तक आमने-सामने बने रहे. पुलिस के खिलाफ छात्र लगातार नारेबाजी करते रहे.

बता दें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार देर रात नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी. इससे यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने वाला एक अधिनियम बन गया है.

भारत के राजपत्र, नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के अनुसार, “संसद को 12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और यहां सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया.”

अधिनियम आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन के साथ लागू होता है. अधिनियम के अनुसार, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्य, जो 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं और वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी. नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 बुधवार (11 दिसंबर) को राज्य सभा द्वारा पारित किया गया था और लोकसभा द्वारा सोमवार को पारित किया गया था.

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