सारे जहां से खर्चीला इंडिया का चुनाव!
सारे जहां से खर्चीला इंडिया का चुनाव! US भी छूटेगा पीछे, इस बार पानी की तरह बह जाएगी इतनी रकम
Lok Sabha Elections 2024: साल 2024 में भारत के अलावा 63 देशों में चुनाव होंगे. सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज का अनुमान है कि भारत खर्च के मामले में सबको पीछे छोड़ देगा.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 न सिर्फ भारत के इतिहास का बल्कि अबतक दुनिया का सबसे महंगा चुनाव होने जा रहा है. ऐसा अनुमान है कि इस बार के आम चुनाव में 1.20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का खर्च हो जाएगा. चुनाव को बारीक नजर से देखने और समझने वाले कुछ लोग मानते हैं कि यह रकम 1.35 लाख करोड़ रुपए तक भी जा सकती है. संभावित खर्च से जुड़ा यह डेटा इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारत में 60 हजार करोड़ रुपए का खर्चा हुआ था. यानी इस बार के इलेक्शंस में खर्च को लेकर जो अंदाजा लगाया है, वह सही साबित हुआ तब पिछले आम चुनाव के मुकाबले इस बार दोगुना खर्च होगा.
देश की राजधानी नई दिल्ली में सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस – थिंक टैंक) के चेयरमैन डॉ एन भास्कर राव के हवाले से ‘फॉरच्यून इंडिया’ की रिपोर्ट में बताया गया कि अगर 2019 के चुनाव ने सबसे महंगे चुनाव के नाते रिकॉर्ड बनाया था तब 2024 का इलेक्शन नई ऊंचाइयों को छुएगा. सीएमएस को शुरुआती तौर पर उम्मीद थी कि इस चुनाव में 1.2 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे पर इलेक्टोरल बॉन्ड वाले मामले से जो खुलासे हुए उसके बाद यह रकम आसानी से 1.35 लाख करोड़ के आंकड़े को भी पार कर सकती है.
हर आम चुनाव में खर्च हुआ दोगुणा- 5 चुनावों का ट्रेंड
चुनाव में होने वाले खर्च को लगभग 35 साल से ट्रैक करने वाले सीएमएस के मौजूदा अध्यक्ष के मुताबिक, “अगर आप पिछले पांच चुनावों का ट्रेंड देखें तो हर चुनाव में खर्च लगभग दोगुणा हुआ है.” सीएमएस की ‘पोल एक्सपेंडिचर, दि 2019 इलेक्शंस’ रिपोर्ट ने भारत के आम चुनाव को ‘दुनिया का अबतक का सबसे महंगा चुनाव’ करार दिया था.
‘सरोगेट्स’ की वजह से बढ़ता है असंगठित खर्चा- CMS
डॉ एन भास्कर राव ने बताया कि पार्टियां, मीडिया, ट्रांसपोर्ट कंपनियां, कॉरपोरेट, रियल एस्टेट, कॉन्ट्रैक्टर्स, एनआरआई लोग और असंगठित क्षेत्रों के लोग पसंदीदा उम्मीदवारों पर दांव लगाते हैं. ये लोग एक तरह से ‘सरोगेट्स’ होते हैं. अधिकतर फंडिंग इन्हीं लोगों के जरिए की जाती है, जो कि असंगठित खर्च में योगदान देती है. इस बार के चुनाव में असंगठित खर्च में 25 फीसदी इजाफा होने का अनुमान है.
USA को भी खर्च के मामले में पछाड़ देगा इंडिया!
एक तरह से देखा जाए तो 2024 चुनावी साल है. 64 से अधिक देशों (जहां लगभग दुनिया की आधी आबादी रहती है) में इलेक्शन होंगे पर इन सबमें खर्च के मामले में भारत सबको पछाड़ देगा. रोचक बात यह भी है कि अमेरिका जैसी महाशक्ति चुनावी खर्च के मामले में भारत से पीछे (इस बार के संभावित खर्च के चलते) हो सकती है. वॉशिंगटन डीसी से चलाए जाने वाले गैर-सरकारी संगठन ‘ओपन सीक्रेट्स डॉट ओआरजी’ के डेटा की मानें तो वहां साल 2020 में 1.2 लाख करोड़ रुपए का खर्च हुआ था.
लोकसभा चुनाव 2024: एक नजर में
- सात चरण में आम चुनाव
- 543 संसदीय सीटें
- 2660 पार्टियां
- 10 लाख पोलिंग स्टेशन
- 96.8 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स
भारत के चुनावों में कब कितना हुआ खर्चा?
- 1998 – नौ हजार करोड़ रुपए
- 1999 – 10 हजार करोड़ रुपए
- 2004 – 14 हजार करोड़ रुपए
- 2009 – 30 हजार करोड़ रुपए
- 2019 – 60 हजार करोड़ रुपए
- 2024 – 1.20 लाख करोड़ से लेकर 1.35 लाख करोड़ रुपए (संभावित)