पुलिस सुरक्षा के लिए है तड़प … माननीयों से लेकर अफसरों तक से करा रहे सिफारिश
पुलिस सुरक्षा के लिए है तड़प, माननीयों से लेकर अफसरों तक से करा रहे सिफारिश
हाई कोर्ट की सख्ती के बाद ग्वालियर में स्टेटस सिंबल के लिए पुलिस सुरक्षा का इस्तेमाल करने वाले तथाकथित माननीयों से सुरक्षा छीन ली गई थी। इसे लगभग दो माह ही बीते हैं, अब दोबारा से सुरक्षा हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
- पुलिस अफसर दबी जुबान में बोले-रुतबा और रौब खत्म हो गया
- कोई मंत्री से सिफारिश करा रहा है तो कोई सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी और कोई भोपाल में बैठे बड़े अफसरों स
पुलिस सुरक्षा दोबारा हासिल करने के लिए मचल रहे ऐसे लोगों के बारे में खुद पुलिस अधिकारी ही अब दबी जुबान में बोलने लगे हैं- सुरक्षा के दम पर रुतबा और रौब गांठते थे। कुछ तो ऐसे थे- जो जमीनों के कारोबार में, विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त में शामिल होते थे और इसी सुरक्षा के दम पर दूसरे पक्ष पर दबाव डालते थे। इसलिए अब यह लोग दोबारा सुरक्षा हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, हर दरवाजा खटखटा रहे हैं। लेकिन अब सुरक्षा मिलना आसान नहीं है, क्योंकि अब बाकायदा 10 बिंदुओं पर थ्रेट आडिट होगा, पुलिस मुख्यालय से अनुशंसा के बाद ही सुरक्षा दी जाएगी।
…..अभियान चलाया था
…. ने हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए अभियान “बंद हो पुलिस सुरक्षा का मजाक” चलाया था। इसमें पुलिस की सुरक्षा लेने वाले कई चेहरों से नकाब हटाया गया था। अभियान का असर यह हुआ कि हाई कोर्ट का आदेश तो सिर्फ महलगांव के शर्मा बंधु काे लेकर था, लेकिन शासन ने सभी रसूखदारों से पुलिस सुरक्षा वापस ले ली। अब यही लोग फिर से सुरक्षा लेने के लिए छटपटा रहे हैं।
शर्मा बंधुओं पर मेहरबान पुलिस, हाई कोर्ट का आदेश दो माह बीते, 2.55 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो सकी
खुद को जान का खतरा बता सालों तक पुलिस सुरक्षा का इस्तेमाल बतौर स्टेटस सिंबल करने वाले महलगांव निवासी शर्मा बंधुओं (दिलीप शर्मा और संजय शर्मा) से ग्वालियर पुलिस 2.55 करोड़ रुपये नहीं वसूल सकी है। शर्मा बंधुओं की सुरक्षा को लेकर हाई कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी कर तुरंत सुरक्षा हटाने से लेकर इनसे 2.55 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था। इस आदेश को दो माह पूरे हो चुके हैं, लेकिन पुलिस इनसे वसूली नहीं कर सकी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय तक इसे लेकर सक्रिय था, फिर भी ग्वालियर पुलिस शर्मा बंधुओं पर मेहरबान है। आखिर हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इतनी मेहरबानी क्यों? क्या कोई राजनीतिक दबाव है या फिर इनका रुतबा, पहुंच हाइकोर्ट के भी आदेश से ऊंची है। दिलचस्प बात यह है किग्वालियर पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। जबकि पुलिस मुख्यालय स्तर पर मानीटरिंग हो रही है।
अधिकांश ऐसे- जिन्हें दिनभर सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर फोटो अपलोड करना है
इसमें अधिकांश वह लोग हैं, जिन्हें चमचमाती लक्जरी गाड़ी, सुरक्षा गार्ड और अलग-अलग आयोजनों में शामिल होने के फोटो सुरक्षा गार्डों के साथ जाते हुए इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने हैं। इसी से यह अपना प्रभाव लोगों में बनाते हैं। पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है- ऐसे कई लोग तो बड़े स्तर पर लाइजनिंग इसी तरह प्रभाव जमाकर करते हैं।
एएसपी बोले- अब जारी करेंगे नोटिस
इस संबंध में जब एएसपी सियाज केएम से बात की गई तो उन्होंने कहा- हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के पालन में विधि विशेषज्ञों से विधिक सलाह लेने के बाद नोटिस जारी किए जाएंगे। वसूली के आदेश के संबंध में ग्वालियर पुलिस को कोई स्टे या अपील संबंधी नोटिस नहीं मिला है। इसलिए वसूली के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। एएसपी ने बताया कि सोमवार को नोटिस जारी कर दिया जाएगा।