नोएडा में 10 हजार से ज्यादा बच्चियों को किया जागरूक …
नोएडा में 10 हजार से ज्यादा बच्चियों को किया जागरूक …
महिला सुरक्षा की टीम ने कराया कार्यक्रम, सेल्फ डिफेंस और कानूनों की दी जानकारी
पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर में मिशन प्रतिभा के तहत झुग्गी झोपड़िया में रहने वाली बच्चियों व महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। इनको लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अब तक गौतमबुद्ध नगर की महिला सुरक्षा की टीम 12000 बच्चियों और महिलाओं को जागरूक कर चुकी है।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार, डीसीपी महिला सुरक्षा रवि शंकर निम के पर्यवेक्षण व एडीसीपी महिला सुरक्षा प्रीति यादव व सहायक पुलिस आयुक्त महिला सुरक्षा सौम्या सिंह के नेतृत्व में 29 अप्रैल 2024 से 31 मई 2024 तक कमिश्नरेट के 10 सरकारी स्कूलों में और 10 स्लम एरिया में (झुग्गी झोपडियों में रहने वाली बच्चियों व महिलाओं) को सुरक्षा संबंधी जानकारी और जीवन कौशल की जागरूकता प्रदान की जा रही है।
प्रीति यादव ने बताया कि मिशन प्रतिभाग एक प्रमुख सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम है जिसके अन्तर्गत अब तक करीब 40 कार्यक्रम पूर्ण किए जा चुके हैं, जिसमें करीब दस से बारह हजार बच्चों व व्यक्तियों को जागरूक किया जा चुका है। मिशन प्रतिभाग के अन्तर्गत कुल 60 कार्यक्रम किए जाने प्रस्तावित हैं।
गुड और बैड टच की दी गई जानकारी
सेक्टर 108 पुलिस आयुक्त कार्यालय में अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार, आईओसीएल ईडीएचआर एसके पाटिल, सीजीएम एचआर राजेन्द्र प्रसाद, डीजीएम सीएसआर नीरज सिंह, डीजीएम dir.sec. मनीष कुमार एवं नोएडा कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा कार्यक्रम में भाग लिया गया। विभिन्न स्कूलों में कौशल विकास, स्टोरी टेलिंग, सड़क सुरक्षा, हास्य योग, मेडिकल एसिस्टेंस, सीपीआर, ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक जागरूकता एवं मेडिटेशन जैसे आवश्यक सत्र, स्वाट एनालिसिस, लाइफ स्किल एवम गुड टच बैड टच सत्र, आत्मरक्षा आदि की जानकारी प्रदान की जा रही है।
क्विज प्रतियोगिता कराई गई
प्रीति यादव ने बताया कि इन सभी कार्यक्रमों में बच्चों के साथ रचनात्मक गतिविधियां भी की जाती हैं, जिनमें बच्चों के अंदर पुलिस के प्रति भय खत्म होता है और उन्हें पता चलता है कि किसी भी अपराध के घटित होने पर उन्हें किस प्रकार पुलिस से सहायता लेनी है या उनके पास क्या-क्या तरीके हैं। स्लम क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे अपराध के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं इसलिए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना बहुत आवश्यक है। स्कूली बच्चों के लिए एक क्विज प्रतियोगिता भी रखी गई थी, जिसमें उत्तीर्ण हुए बच्चों को टीशर्ट और ड्राइंग किट से सम्मानित किया गया।