नर्सिंग कालेज फर्जीवाड़े …. पकड़ी न जाए रिश्वत की राशि, इसलिए हवाला की तरह करते थे काम
Nursing Colleges: चुनाव आचार संहिता के दौरान पकड़ी न जाए रिश्वत की राशि, इसलिए हवाला की तरह करते थे काम
सीबीआइ डीएसपी आशीष प्रसाद और प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ, आरके असाटी की गिरफ्तारी नहीं, फिर हो सकती है पूछताछ।
- राहुल राज 10 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुआ था।
- सीबीआइ दिल्ली ने कुल 23 लोगों को आरोपित बनाया है।
- आशीष प्रसाद और असाटी से पूछताछ के बाद रिश्वतखोरी की और परतें खुल सकती हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कालेज फर्जीवाड़े की जांच कर रहे सीबीआइ अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने के मामले में घोटाले की हर दिन नई परत खुल रही है। सीबीआइ द्वारा आरोपितों से पूछताछ में सामने आया है कि रिश्वत देने वालों को पकड़े जाने का डर सता रहा था। आचार संहिता के दौरान पुलिस की जांच में पकड़े न जाएं, इसलिए हवाला की तरह स्थानीय स्तर पर अपने रिश्तेदारों या दोस्तों से रिश्वत की राशि लेकर दलालों के माध्यम से सीबीआइ अधिकारियों तक पहुंचाते थे।
यह भी सामने आया है कि जिस दिन सीबीआइ का निरीक्षक (अब बर्खास्त) राहुल राज 10 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुआ था, उस दिन रिश्वत देने वाले अनिल भास्करन किसी दूसरे के कालेज की रिश्वत राशि देने के लिए पहुंचे थे। एक बार शंका हुई कि कोई पीछा कर रहा है तो लौट गए, पर दोबारा फिर डायरेक्टर और दलाल के साथ रिश्वत देने पहुंचे तो धरे गए।
इस मामले में सीबीआइ दिल्ली ने कुल 23 लोगों को आरोपित बनाया है, जिनमें 13 गिरफ्तार हो चुके हैं। नर्सिंग कालेजों की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने कुल 364 कालेजों में से जिन 169 कालेजों उपयुक्त बताया था, इनमें अधिकतर भोपाल और मालवा-निमाड़ के हैं।
इस पूरे मामले में सीबीआइ भोपाल में पदस्थ और नर्सिंग मामले की जांच कर रहे सीबीआइ संवर्ग के डीएसपी आशीष प्रसाद का नाम एफआइआर में पहले नंबर पर है। बताया जा रहा है कि उन्होंने लगभग 40 नर्सिंग कालेजों की जांच की थी। राहुल राज की तुलना में आशीष प्रसाद ने आनुपातिक रूप से काम कालेजों को ही उपयुक्त बताया था।
इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) से लगभग सात वर्ष से प्रतिनियुक्ति पर जमे ऋषिकांत असाटी की भी नर्सिंग कालेजों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका थी। असाटी और इस पूरे मामले में कर्ताधर्ता राहुल राज सीबीआइ कार्यालय में एक साथ ही बैठते थे। आशीष प्रसाद और असाटी से पूछताछ के बाद रिश्वतखोरी की और परतें खुल सकती हैं।
आशीष प्रसाद का स्थानांतरण दिल्ली सीबीआइ मुख्यालय किया गया है, जबकि असाटी की सेवाएं प्रदेश सरकार को वापस कर दी गई हैं। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि असाटी और आशीष प्रसाद रंगे हाथ नहीं पकड़े गए और न ही उनके घर से अघोषित नकदी मिली, इस कारण गिरफ्तार नहीं किया गया है। जरूरत पर इन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार किया जा सकता है।