निर्भया को इंसाफ नहीं, फिर तारीख मिली, कब खत्म होगा ‘याचिका पर याचिका’ वाला खेल?
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhaya gangrape case) में चार दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की फांसी की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने खारिज कर दी. पुनर्विचार याचिका खारिज होने के साथ अक्षय की फांसी की सजा पर फिर मुहर लगी है. इस फैसले के बाद फांसी की सजा बहाल रहेगी. इधर, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी दिए जाने की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. अब इस मामले में 7 जनवरी को अगली सुनवाई होगी. पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जेल अधिकारी सभी दोषियों को आज ही नोटिस जारी करें. 7 जनवरी तक सुनवाई टलने पर निर्भया की मां रो पड़ीं.
तो अब बड़ा सवाल ये है कि याचिका के नाम पर निर्भया के गुनगहारों की फांसी कब तक टलेगी? यानी कि निर्भया के गुनहगार कब तक बचते रहेंगे? सारा देश पूछ रहा है कि पुनर्विचार याचिका खारिज हो गई तो फांसी कब दी जाएगी? कानून से कब तक बचेंगे इंसानियत के दुश्मन? और देश कब तक ‘इंसाफ’ का इंतजार करेगा?
निर्भया के माता-पिता निराश
निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि तसल्ली तो अभी भी नहीं है क्योंकि जब तक पटियाला हाउस कोर्ट से नहीं कोई नहीं कोई वारंट निकलता है तब तक थोड़ा सा दर्द भरा रहेगा.
उधर, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन उनकी खारिज हो गई और मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं और एक कदम इंसाफ के नजदीक पहुंच गए अभी अभी-अभी पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई है और उम्मीद करते हैं कि यहां भी उनका डिसीजन हो जाएगा कि कब फांसी होगी. उन्होंने आगे कहा, “7 साल से मैं संघर्ष कर रही हूं. 1 साल से मैं पटियाला कोर्ट में दौड़ रही हूं लेकिन कोर्ट को हमारा अधिकार दिखाई नहीं देता उनका अधिकार दिखाई देता है कोर्ट ने 7 तारीख को डेट दी है और कोई गारंटी नहीं है उस दिन भी उनको सजा मिलेगी.” निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं आने वाले जनवरी में 2020 में जनवरी में यह मैटर पूरी तरह से क्लोज होगा और उनके डेथ सेंटेंस का एग्जीक्यूशन का आर्डर मिलेगा.
निर्भया के गुनहगार के बारे में जान लीजिए
अक्षय ठाकुर
उम्र 33 साल
बस में हेल्पर
बिहार का रहने वाला
पवन गुप्ता
उम्र 23 साल
फल विक्रेता
दिल्ली का रहनेवाला
विनय शर्मा
उम्र 24 साल
फिटनेस ट्रेनर
दिल्ली का रहने वाला
मुकेश कुमार
उम्र 30 साल
बस में क्लीनर
दोषी राम सिंह का छोटा भाई
गैंगरेप के दोषी की ‘शर्मनाक दलील’
1. फांसी की सजा मानवाधिकार का हनन है
2. फांसी में जल्दबाजी राजनीतिक एजेंडा है
3. बापू की हत्या गोडसे ने की, ये स्पष्ट नहीं, इस मामले में ऐसा ना हो
4. भारत अहिंसा का देश है, फांसी मत दीजिए
5. भारत सर्वे भवंतु सुखिनः के मूलमंत्र पर चलता है
6. दिल्ली में प्रदूषण से उम्र पहले ही कम हो रही है
7. सतयुग, त्रेतायुग की तुलना में लोग बहुत कम जी रहे हैं
8. पीड़ित मॉर्फिन के असर में थी, उसका बयान कैसे संभव ?
9. कमजोरों को मदद पहुंचाने का काम करना चाहिए
10. पीड़ित के दोस्त ने पैसे लेकर झूठी बातें कही
निर्भया को इंसाफ नहीं, फिर तारीख मिली
16 दिसंबर 2012: दिल्ली में निर्भया का गैंगरेप हुआ
21 दिसंबर 2012: 5 दिन के अंदर गैंगरेप के सभी आरोपी पकड़े गए
11 मार्च 2013: निर्भया गैंगरेप के आरोपी राम सिंह ने आत्महत्या की
13 सितंबर 2013: गैंगरेप के 4 दोषियों को फांसी की सज़ा हुई
5 मई 2017: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी
6 दिसंबर 2019: गृह मंत्रालय ने गैंगरेप के दोषियों की दया याचिका खारिज की
18 दिसंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज की
7 जनवरी 2020: दोषियों को जल्द फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी