नोएडा : पुलिस सर्विलांस पर होगा नोएडा का कोना-कोना !
पुलिस सर्विलांस पर होगा नोएडा का कोना-कोना
सेफ सिटी के तहत लगेंगे 600 लोकेशन पर 2500 कैमरे; ISTMS से सॉल्व किए 700 केस

आगामी छह महीने में नोएडा के बाजार, अस्पताल, पार्क और मेट्रो स्टेशन मॉल्स सब कुछ नोएडा पुलिस के सर्विलांस पर होगा। सेफ सिटी के तहत यहां 2500 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम जुलाई में शुरू होगा। ये कैमरे 600 लोकेशन पर लगाए जाएंगे। इसका कंट्रोल रूम अलग से बनाया जाएगा। जिसकी कमांड पुलिस के पास होगी।
नोएडा 1046 कैमरे आईएसटीएमएस योजना के तहत लगे है। जिनका काम ट्रैफिक और पुलिस के लिए सर्विलांस करना है। ISTMS और सेफ सिटी ये दोनों प्रोजेक्ट अलग-अलग है। लेकिन एक साथ रन करेंगे।
दोनों योजनाओं से जुड़े लोग एक दूसरे के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज आसानी से देख सकेंगे। इनके पास एक्सिस होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा क्राइम को कंट्रोल करने में होगा। प्रमुख स्थानों की 24 घंटे सर्विलांस हो सकेगी।

पुलिस के 700 केस में ISTMS फुटेज ने की मदद
नोएडा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ISTMS योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत पूरे शहर में तीन प्रकार की कैमरे जिसमें एएनपीआर, सर्विलांस,आरएलवीडी कैमरे लगे।
इनके जरिए नोएडा पुलिस ने अब तक 700 केस को साल्व किया। ये केस चेन स्नेचिंग , लूटपाट, रोड रेज से लेकर मर्डर तक के है। जिसमें इन कैमरों की मदद ली गई और पुलिस को सफलता मिली। सेफ सिटी प्रोजेक्ट आने से पुलिस की इंटेलिजेंस और बढ़ जाएगी।

212 करोड़ का है प्रोजेक्ट
सेफ सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 212 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये पैसा नोएडा प्राधिकरण खर्च करेगा। एक सप्ताह में ई टेंडर प्रक्रिया की जाएगी।
चुनी जाने वाली कंपनी का काम सीसीटीवी कैमरों को इंस्टॉल करना, ऑप्टिकल फाइबर लाइन डालना, पोल और उसकी मॉनिटरिंग की ट्रेनिंग देना होगा। इस को 6 से 9 महीने में पूरा किया जाएगा। संभवता ये योजना 2025 तक पूरी होगी।

पुलिस ने दी थी 600 लोकेशन
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन स्थानों की सूची पुलिस विभाग ने दी। उसमे बाजार, सरकारी निजी स्कूल, ब्लैक स्पाट और भीड़ भाड़ वाले इलाके मेट्रो स्टेशन , बस स्टैंड , मॉल्स के बाहर स्थान शामिल है।
सेफ सिटी परियोजना के तहत गौतमबुद्ध नगर को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला नोएडा और दूसरा ग्रेटरनोएडा। यानी सीसीटीवी कैमरों का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों प्राधिकरण (नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण) बनाएंगे। और इसका संचालन पुलिस विभाग की ओर से किया जाएगा।