दिल्ली में साल भर में 135 अवैध डेयरियां सील
मानसून सीजन से पहले नगर निगम एक्शन में, दिल्ली में साल भर में 135 अवैध डेयरियां सील
कुल 135 अवैध डेयरियों को सील किया है या इन्हें बंद करा दिया है। इन्हें हटाने का सिलसिला निरंतर जारी है।
मानसून सीजन से पहले अवैध डेयरियों के खिलाफ एमसीडी ने सख्त रुख अपनाया है। कुल 135 अवैध डेयरियों को सील किया है या इन्हें बंद करा दिया है। इन्हें हटाने का सिलसिला निरंतर जारी है। दूसरी ओर पशु चिकित्सा विभाग ने ग्रामीण इलाकों में भारी संख्या में अधिकृत डेयरियों को नए लाइसेंस देकर इनके संचालकों को नियमों का अनुपालन करते हुए अपनी इकाई का संचालन करने के निर्देश दिए हैं। अब तक अधिकृत डेयरियों के 3761 नए लाइसेंस जारी किए गए हैं।
दिल्ली में केवल ग्रामीण इलाकों में पशु पालन की इजाजत है। यदि कोई दुधारू पशु पालना चाहे तो इसे जिला प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। एसडीएम से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर एमसीडी के पशु चिकित्सा विभाग से पशु पालन के लाइसेंस मिलते हैं। लेकिन सालों पहले सरकार ने रिहायशी कॉलोनियों से डेयरियों को हटाकर गांवों में 11 जगहें डेयरी खोलने के लिए सुनिश्चित की थी।
कॉलोनियों में पशुपालन पूरी तरह प्रतिबंधित है। लेकिन लोगों की सीनाजोरी और प्रशासन की लापरवाही से अनेक कॉलोनियों में अवैध रूप से पशु पालन और सैकड़ों अवैध डेयरियां चलाई जा रही हैं। एमसीडी प्रशासन इन दिनों इनके खिलाफ अभियान चला रहा है।
कार्रवाई में बड़ी चुनौतियां भी
प्रशासन के मुताबिक, कॉलोनियों में खुली अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची एमसीडी की टीम पर आए दिन हमले होते हैं। फरवरी में केशवपुरम जोन के त्रिनगर में अवैध डेयरियों पर कार्रवाई पहुंची टीम पर लाठी-डंडों से हमला किया गया। यहां पांच डेयरियां सील की गईं। इसी तरह नेब सराय, संगम विहार में कार्रवाई की गई। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मानसून से पहले लावारिस पशुओं और अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाई है। पुलिस फोर्स की मदद से इनको तोड़ा जा रहा है। इनके बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के हालिया निर्देश के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में तमाम नई डेयरियों को लाइसेंस दिए हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट का निर्देश है, अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी निगम जोन उपायुक्त और स्थानीय पुलिस उपायुक्त की समान रूप से है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अवैध डेयरियों से पशुओं को जब्त करने के लिए इन्हें हर बार ज्यादा फोर्स की जरूरत होती है। लेकिन कार्रवाई के लिए इन्हें पुलिस बल मिलने में मुश्किल होती है। जरूरत भर पुलिस बल नहीं होने के कारण अवैध डेयरी मालिक एमसीडी टीम के सामने ही पशुओं को दूसरी जगह शिफ्ट कर देते हैं और टीम कुछ नहीं कर पाती।
मवेशी बन रहे दुर्घटनाओं की वजह
सड़क पर मवेशियों के घूमने की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। पशु लोगों पर हमले कर रहे हैं। ज्यादातर कॉलोनियों में गोवंश घूम रहे हैं। ये गोवंश इन अवैध डेयरियों के ही हैं। इन्हें इनके मालिक दिनभर खुला छोड़ते हैं। ये सड़कों पर कचरा खाते हैं और जहां तहां कचरा फैलाते भी हैं।