फैट और मसल मास में क्या अंतर है ?
फैट और मसल मास में क्या अंतर है, जानें मसल्स बढ़ाने के 6 आसान तरीके
सिनेमा के हीरोज को रोल के मुताबिक अपना वजन बढ़ाना-घटाना होता है। यह ट्रांसफॉर्मेशन काफी तेज होता है। इसलिए इसमें मेहनत के साथ बेसिक साइंस का भी इस्तेमाल किया जाता है।
हाल ही में बॉलीवुड एक्टर कार्तिक आर्यन ने अपना वजन कम किया है। इसमें खास बात यह है कि उन्होंने अपना फैट मास 39% से घटाकर 7% कर लिया है। उस पर भी उन्होंने यह सब बिना किसी स्टेरॉइड की मदद के किया और मात्र 14 महीनों में।
इतना तेज ट्रांसफॉर्मेशन कैसे संभव है, यह समझने के लिए हमें इसके पीछे का साइंस जानना होगा।
इसलिए आज ‘ ….’ में फैट मास और मसल मास के बीच फर्क समझेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- एक स्वस्थ शरीर में कितनी मसल और कितना फैट होना चाहिए?
- कैसे पता लगाएं कि हमारे शरीर में फैट और मसल मास का अनुपात क्या है?
- फैट मास कैसे कम किया जा सकता है?
- हम मसल मास कैसे बढ़ा सकते हैं?
फैट और मसल, दोनों को मापने की यूनिट एक ही है, ग्राम। इनके बीच फर्क है तो बस डेंसिटी यानी घनत्व का। इसका मतलब है कि बराबर वजन के मसल और फैट आकार में एक दूसरे से बहुत अलग होंगे।
फैट और मसल में क्या फर्क है?
हमारा वजन सिर्फ इस बात का स्पष्ट संकेत नहीं है कि हम कैसे दिखते हैं। इससे इस बात का पता भी नहीं लगाया जा सकता है कि हमें किन बीमारियों का जोखिम हो सकता है।
समान लंबाई और समान वजन वाले दो लोग एक दूसरे से बहुत अलग दिख सकते हैं। जिसके शरीर में फैट पर्सेंटेज ज्यादा होगा, वह अपेक्षाकृत मोटा दिखेगा। जबकि जिसके शरीर में मसल पर्सेंटेज ज्यादा होगा, वह अधिक फिट और सुडौल दिखेगा।
इसे ऐसे समझिए कि अगर हमारे शरीर में 10 से 20% फैट बढ़ जाए तो हम अजीब से फूले हुए नजर आएंगे। जबकि 10 से 20% मसल बढ़ जाए तो हमारा शरीर अधिक सुडौल दिखेगा।
हमारे शरीर में फैट और मसल्स का क्या काम है, आइए ग्राफिक में देखते हैं-
क्या है कीटोसिस, जिसका कार्तिक आर्यन ने लिया सहारा?
सबसे पहले यह समझिए कि हमारा शरीर ऊर्जा के लिए कार्ब और फैट पर निर्भर है। कार्ब मसल्स और लिवर में ग्लाइकोजेन के रूप में इकट्ठा होता है और ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज के रूप में सर्कुलेट होता है।
अगर हमारे भोजन में कार्ब की मात्रा ज्यादा होती है तो शरीर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का इस्तेमाल करता है। वहीं अगर हम कार्ब कम खाएं तो हमारा शरीर जमा फैट को ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करने लगता है।
अगर हम उपवास रखते हैं तो उस दिन भले ही कुछ न खाएं पर शरीर को तो ऊर्जा की जरूरत होती है। तब वह शरीर में जमा फैट को ही ऊर्जा का स्रोत मानकर इस्तेमाल करता है। इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहते हैं। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि कार्तिय आर्यन ने फैट कम करने के लिए इसी प्रक्रिया का सहारा लिया है।
हर दिन उपवास रखना तो संभव नहीं है। इससे शरीर में कई जरूरी न्यूट्रिएंट्स और विटामिन्स की कमी हो सकती, जो बीमारी का कारण बन सकता है। ऐसे में हमें अपने भोजन से कार्ब्स कम करने होते हैं। जैसे रोटी, चावल, फल और चीनी वगैरह। इसकी जगह लो कार्ब और प्रोटीन रिच फूड बढ़ाने होते हैं, जैसे- अंडे, मछली, चिकन, नट्स और सीड्स।
अब हमें यह समझना होगा कि फिट रहने और दिखने के लिए बॉडी फैट पर्सेंटेज कम होना आवश्यक है, लेकिन हम इसकी जरूरत को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
हमारे शरीर में कितना फैट जरूरी?
अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन ने उम्र और जेंडर के हिसाब से हर शरीर की फैट की जरूरत का चार्ट बनाया है। आइए ग्राफिक में देखते हैं-
कैसे जानें कि हमारे शरीर में कितना फैट है?
हमारे शरीर में फैट ज्यादा है या मसल्स, ये तो सामान्य तौर पर किसी का बॉडी शेप देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन कई बार बाहर से दुबले-पतले दिख रहे लोगों का भी फैट मास ज्यादा और मसल मास कम होता है। या यदि आपने योग करके या साइकिल चलाकर अपना वजन कम कर लिया तो भी जरूरी नहीं कि जो वजन गया, वह सिर्फ फैट मास हो। वो मसल मास भी हो सकता है।
इसके लिए मॉडर्न साइंस के पास कई तरीके हैं, जिससे हम यह पता लगा सकते हैं। नीचे ग्राफिक में देखिए-
वेट लॉस का हेल्दी तरीका क्या है?
वेट लॉस का कोई एक फॉर्मूला नहीं है। हम अगर डेली लाइफ में छोटे-छोटे कई बदलाव कर लें तो यह आसान हो सकता है।
हेल्दी और पौष्टिक डाइट लें: वजन कम करने का मतलब सिर्फ कैलोरी कम करना नहीं होता है। यह वजन कम करने का बहुत पुराना तरीका है, इससे कमजोरी और बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि खाने में ज्यादा-से-ज्यादा प्रोटीन शामिल किया जाए ताकि पेट भरा हुआ महसूस हो और मसल्स बढ़ें। मीठी कॉफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक्स और चिप्स जैसी हाइली प्रोसेस्ड चीजें अवॉइड करनी चाहिए।
कम खाना बेहतर विकल्प नहीं: वजन कम करने के लिए अगर कैलोरीज में कटौती कर दी जाए तो शरीर भूख से परेशान हो जाएगा। इसके कारण मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है और यह हमारे वेट लॉस के रास्ते में रोड़ा बन सकता है।
अचानक वजन कम करने की कोशिश न करें: स्वस्थ रहने के लिए वजन कम करने की सोच अच्छी बात है, लेकिन अचानक वेट लॉस भारी पड़ सकता है। एक हफ्ते में आधा से एक किलो वजन घटाने का ही लक्ष्य निर्धारित करें।
हर दिन फिजिकल एक्टिविटी जरूरी: जरूरी नहीं है कि हर रोज जिम में जाकर पसीना बहाया जाए। लिफ्ट का इस्तेमाल करने की बजाय सीढ़ियां चढ़ना, छोटी दूरी के लिए गाड़ी की बजाय पैदल जाना या साइकिल का सहारा लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
न्यूट्रिशनिस्ट से बनवा सकते हैं डाइट चार्ट: अगर खुद से डाइट प्लान बनाने में मुश्किल आ रही है तो किसी न्यूट्रिशनिस्ट से अपना डाइट चार्ट बनवा सकते हैं। यह वेट लॉस को लेकर तय किया गया लक्ष्य पाने में मददगार हो सकता है।
कैसे बढ़ा सकते हैं मसल मास?
अगर आप लीन मसल्स बनाना चाहते हैं या मसल्स थोड़े बल्की करना चाहते हैं तो ये तरीके आजमा सकते हैं:
- हफ्ते में 3 से 4 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करें।
- घर पर हैं तो पुशअप्स, पुलअप्स और स्क्वैट्स कर सकते हैं।
- कुछ देर हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करें। इसके साथ कार्डियो कर सकते हैं।
- स्ट्रेंथिंग में वजन उठाने से न डरें, इसके लिए ट्रेनर की मदद ले सकते हैं।
- वर्कआउट को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए क्लाइंबिंग, ट्रैकिंग या साइकलिंग कर सकते हैं।
- मसल्स ग्रोथ के लिए हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज के साथ प्रोटीन डाइट जरूर लें।