Lok Sabha Elections Result 2024 …… मोदी के विलेन ?

अपनी पार्टी के इन खलनायकों को भूल नहीं पाएंगे पीएम मोदी
Lok Sabha Elections Result 2024: बीजेपी नेताओं के संविधान बदलने के अलग-अलग तर्क और दावों का खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को जमकर घेरा.

Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया था. जब 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो हर कोई हैरान रह गया, क्योंकि 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी महज 240 सीटें ही जीत पाई. बीजेपी को कम सीटें मिलने की एक बड़ी वजह पार्टी नेताओं के संविधान बदलने से जुड़े बयान थे, जिसका खामियाजा BJP को लोकसभा चुनाव के दौरान उठाना पड़ा. आपको बताते हैं उन नामों के बारे में.

लल्लू सिंह: अयोध्या से बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. चुनाव के दौरान लल्लू सिंह का एक बयान चर्चाओं में रहा था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी को नया संविधान बनाने के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी.

अनंत हेगड़े: कर्नाटक की उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से छह बार सांसद रहे और बीजेपी नेता अनंत हेगड़े ने भी संविधान को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर संविधान में संशोधन करना है, तो NDA को 400 सीटों की जरूरत पड़ेगी. उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने किनारा कर लिया और उनका टिकट भी काट दिया था.

ज्योति मिर्धा: राजस्थान की नागौर सीट से बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने एक चुनावी रैली के दौरान संविधान को बदलने की बात कही थी. उन्होंने कहा था, ”देश के हित में कई कठोर निर्णय लेने होते हैं. उनके लिए हमें कई संवैधानिक बदलाव करने पड़ते हैं.”. हालांकि, मिर्धा को हनुमान बेनीवाल से हार झेलनी पड़ी.

हिमंत बिस्व सरमा: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि बीजेपी अगर 400 के पार पहुंच जाएगी, तब मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान और काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के स्थान पर बाबा विश्वनाथ का भव्य मंदिर बनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि पूरे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए NDA को 400 से अधिक सीटें जीतनी होगी.

संविधान के मुद्दे पर फंसी बीजेपी

बीजेपी नेताओं के संविधान बदलने के अलग-अलग तर्क और दावों का खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरा और जिन नेताओं ने ऐसे बयान दिए, उन्हें लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने पड़ी.

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