कौन हैं 48 वोटों से जीतने वाले रवींद्र वायकर?

कौन हैं 48 वोटों से जीतने वाले रवींद्र वायकर? इनकी वजह से सवालों से घिरी EVM
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर एक बार विपक्ष ने फिर सवाल उठाए हैंं, जिसका जवाब बीजेपी ने दिया है. दरअसल, शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर पर आरोप लगा है कि वे काउंटिंग सेंटर में एक मोबाइल फोन लेकर गए और ईवीएम को अनलॉक किया. इस आरोप को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया.
कौन हैं 48 वोटों से जीतने वाले रवींद्र वायकर? इनकी वजह से सवालों से घिरी EVM

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर शांत बैठा हुआ था, लेकिन एक अखबार की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया. रिपोर्ट में दावा किया गया कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रविंद्र वायकर के एक रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर को 4 जून को मतगणना के दौरान ईवीएम से ‘कनेक्ट’ मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद अखबार ने सोमवार को स्पष्टीकरण छापा है और इस रिपोर्ट के लिए खेद जताया है.

अखबार की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा और मांग की कि चुनाव आयोग को उन सभी लोगों पर मुकदमा चलाना चाहिए जिन्होंने रिपोर्ट को शेयर कर झूठ फैलाया. ईवीएम में गड़बड़ी को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया.

मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने अखबार की रिपोर्ट को झूठी खबर बताया और कहा प्रकाशन को मानहानि का नोटिस जारी किया गया है. ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है, इसे प्रोग्राम नहीं किया जा सकता और इसमें वायरलेस कम्युनिकेशन क्षमता नहीं है. वहीं, सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर और एक मतदान अधिकारी दिनेश गुरव पर वनराई पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मतगणना केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन ले जाने को लेकर मामला दर्ज किया है.

कौन हैं रविंद्र वायकर?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने रविंद्र वायकर को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से उतारा था. उन्होंने मात्र 48 वोटों से जीत हासिल की. उनके बारे में कहा जाता है कि वे उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगियों में से एक रहे हैं. साथ ही साथ केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में भी आ चुके हैं. उन्होंने 10 मार्च को एकनाथ शिंदे गुट का दामन थाम लिया था.

रविंद्र वायकर का सियासी करियर और संपत्ति

लोकसभा की दहलीज तक पहुंचने से पहले रविंद्र वायकर जोगेश्वरी ईस्ट सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. इससे पहले वे बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में पार्षद रहे हैं. उन्होंने चार बार पार्षद का चुनाव जीता. इसके अलावा 2006 से 2009 तक बीएमसी स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे. उनके राजनीतिक कद को देखते हुए उन्हें बीजेपी-शिवसेना और महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) दोनों सरकार में मंत्री पद दिया गया. रविंद्र वायकर की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो वह ग्रेजुएट हैं. वहीं, उन्होंने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास कुल 54.5 करोड़ की संपत्ति है और 4.5 करोड़ रुपए की देनदारियां हैं. उन्होंने वार्षिक आय 46.9 लाख रुपए घोषित की है….

क्या है EVM पर नया विवाद?
  • मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगे.
  • विवाद के बीच मुंबई के एक अखबार ने EVM पर रिपोर्ट छापी.
  • अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया कि OTP से EVM अनलॉक हो गई.
  • गोरेगांव नेस्को काउंटिंग सेंटर पर फोन से EVM को अनलॉक किया गया.
  • सांसद वायकर के रिश्तेदार पांडिलकर पर फोन इस्तेमाल के आरोप लगे हैं.
  • उद्धव गुट अखबार की रिपोर्ट का हवाला देकर जांच की मांग कर रहा है.
  • उद्धव गुट ने कहा है कि FIR में फोन से EVM अनलॉकिंग की बात है.
  • मुंबई पुलिस ने बताया कि FIR सेंटर में फोन ले जाने की हुई है.
  • महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने OTP से अनलॉकिंग की खबर को खारिज कर दिया है.

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