अपने नेता की हार का सदमा! अब तक 4 समर्थकों ने की खुदकुशी ?

अपने नेता की हार का सदमा! पंकजा मुंडे नहीं बन पाईं सांसद, अब तक 4 समर्थकों ने की खुदकुशी
रविवार को पंकजा मुंडे एक मृतक के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देकर निकली रही थीं. ऐसे में उन्हे खबर मिली कि एक और समर्थक ने फांसी लगाकर जान दे दी. पंकजा मुंडे ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि समर्थक आत्महत्या करना छोड़े दें, नहीं तो वो राजनीति छोड़ देंगी.
अपने नेता की हार का सदमा! पंकजा मुंडे नहीं बन पाईं सांसद, अब तक 4 समर्थकों ने की खुदकुशी

पंकजा मुंडे के एक और समर्थक ने की आत्महत्या

लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की हार से उनके समर्थकों को गहरा सदमा लगा है. उनके समर्थक अभी भी इस दुख से बाहर नहीं निकल पाए हैं. लोकसभा चुनाव में पंकजा मुंडे के हार की वजह से 4 घरों के चिराग अपना जीवन समाप्त कर चुके हैं. रविवार को उनके एक और समर्थक ने खुदकुशी कर ली है. पंकजा मुंडे की अपील के बावजूद भी आत्महत्या का सिलसिला नही रुक रहा है. एक के बाद एक 4 समर्थकों के आत्महत्या के बाद पंकजा मुंडे ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि समर्थक आत्महत्या करना छोड़े दें, नहीं तो वो राजनीति छोड़ देंगी.

रविवार को पंकजा मुंडे एक मृतक के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देकर निकली रही थीं. ऐसे में उन्हे खबर मिली कि गणेश बड़े नाम के एक व्यक्ति (पंकजा मुंडे समर्थक) ने शिरूर कसार में खेत मे जाकर फांसी लगा ली. इससे पहले 7 जून को लातूर के रहने वाले सचिन मुंडे ने आत्महत्या की थी. 9 जून को पांडुरंग सोनवणे ने बीड के अम्बाजोगई में सुसाइड नोट लिख अपना जीवन समाप्त कर लिया वहीं 10 जून को पोपट वायभसे ने बीड के आष्टी गांव में जान दे दी थी. इन्हीं तीनों मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए पंकजा मुंडे पहुंची थीं.

आज नहीं तो कल, हमारी जीत निश्चित है- पंकजा मुंडे

पांडुरंग सोनवणे ने सुसाइड नोट में पंकजा मुंडे की हार से निराश होकर सुसाइड करने की बात लिखी थी. इससे पंकजा मुंडे को झटका लगा और उन्होंने एक वीडियो जारी करके समर्थकों से अपील की थी कि कोई भी अपनी जान न दे. वीडियो जारी करते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे हो या मैं खुद, हमने कभी भी राजनीति के लिए लोगों और अपने समाज का इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने अपील की कि खुदकुशी जैसे कदम न उठाएं. राजनीति में हार जीत लगी रहती है. हम मिलकर फिर से मेहनत करेंगे और अगला चुनाव बहुमत से जीतेंगे. आज नहीं तो कल, हमारी जीत निश्चित है.

पंकजा मुंडे का राजनीतिक सफर

पंकजा मुंडे के राजनीतिक सफर की शुरुआत जनसंपर्क से हुई. वो अपने पिता गोपीनाथ मुंडे के साथ प्रचार करने जाया करती थीं. साल 2009 में गोपीनाथ मुंडे बीड लोकसभा से सांसद चुने गए. इसी साल विधानसभा चुनाव में पंकजा मुंडे भी विधानसभा सदस्य की उम्मीदवार बनी. 2014 के लोकसभा चुनाव में गोपीनाथ मुंडे भारी अंतर से जीते थें लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनकी सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद सारी जिम्मेदारी पंकजा पर आ गई. उसी समय से पंकजा को गोपीनाथ मुंडे के उत्तराधिकारी के तौर पर लोग देखने लगे थें.

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