इंदौर में पुलिस के साथ ही धोखा ?

इंदौर में पुलिस के साथ ही धोखा, फर्जी आईडी देकर छुड़ा ले गए 11 अपराधियों को
इंदौर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को दबोचा है जो फर्जी दस्तावेजों की जरिए अपराधियों को छुड़वा रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर जांच शुरू की तो पता चला कि ये लोग अलग-अलग लोगों को कोर्ट में पेशकर इस वारदात को अंजाम दे रहे थे। इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है और एक वकील का नाम सामने आया है।
इंदौर में डीसीपी की कोर्ट में सामने आया फर्जीवाड़े का मामला…..
  1. इंदौर की छोटी ग्वालटोली पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार।
  2. इन्होंने खोला फर्जी आईडी के जरिए अपराधियों को छुड़ाने का राज।
  3. अपराधियों को छुड़वाने के बदले गिरोह मोटी रकम भी वसूलता था।

इंदौर। इंदौर शहर में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की कोर्ट में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जालसाजों के संगठित गिरोह ने फर्जी आईडी और फर्जी पावती से 11 अपराधियों की रिहाई करवा ली है। छोटी ग्वालटोली पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

फर्जीवाड़ा में एक वकील का नाम सामने आया है। डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक शक होने पर पुलिस ने जांच करवाई। इसमें पता चला आरोपित फर्जी आधार कार्ड बनाकर अलग-अलग व्यक्तियों को कोर्ट में पेश कर आरोपितों की जमानत करवा लेते थे।

इंदौर के करीब सांवेर निवासी सुरेश रामचंद्र के नाम की पावती का इस्तेमाल किया है। प्रकरण दर्ज करते ही टीआई उमेश यादव ने आनंद उर्फ डॉन नाइक और कमलेश बेरवा को गिरफ्तार कर लिया। देर रात एसीपी तुषार सिंह ने पूछताछ की तो आरोपितों ने विजय प्रजापति नामक वकील का नाम लिया।

एक मामले में जिस सुरेश की पावती का उपयोग हुआ था, उसने बताया कि वह कभी कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।इससे यह आशंका जताई जा रही है कि गिरोह दूसरे के आईडी कहीं से लेकर उनका गलत उपयोग भी कर रहा था। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है।

पुलिस को ही दे दिया धोखा

पुलिस ने इस मामले में जब दो आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की तो उनके होश उड़ गए। इन्होंने एक पूरा गिरोह बना रखा था। सभी फर्जी दस्तावेज के जरिए अपराधियों को छ़ुड़वाते थे। गिरोह फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लेता था। इसके बाद कोर्ट में लोगों को पेश कर जमानत करवा ली जाती थी।

अपराधियों को छुड़वाने के बदले गिरोह उनसे मोटी रकम वसूलता था। पुलिस इस मामले में पकड़ में आए दोनों आरोपितों के अन्य साथियों का पता लगवाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस यह आशंका है कि गिरोह में और भी लोग जुड़े हुए हैं।

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