शून्य हादसे के लक्ष्य पर बिना उपकरण के स्टाफ करता काम !

शून्य हादसे के लक्ष्य पर बिना उपकरण के स्टाफ करता काम
एक ओर जहां विद्युत वितरण कंपनी हादसे शून्य करने की याेजना पर काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर 11 व 33 केवी की लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के फाल्ट सुधारने के साथ संधारण का काम कर रहे हैं। बिना सुरक्षा उपकरण के काम करने के दौरान बीते कुछ दिनों में छह से अधिक हादसे हो चुके हैं।
Gwalior Electricity News: शून्य हादसे के लक्ष्य पर बिना उपकरण के स्टाफ करता कामबिजली कर्मीयों को बिना उपकरणों के काम करना पडता है।
  1. बिजली कंपनी के अफसरों की माैजूदगी में होता है नियमों का उल्लंघन
  2. 11 व 33 केवी की लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारी बिना उपकरण के काम करते हैं
  3. बिना सुरक्षा उपकरणों के कर्मचारी हादसे का शिकार हो रहे हैं

 ग्वालियर। एक ओर जहां विद्युत वितरण कंपनी हादसे शून्य करने की याेजना पर काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर 11 व 33 केवी की लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के फाल्ट सुधारने के साथ संधारण का काम कर रहे हैं। बिना सुरक्षा उपकरण के काम करने के दौरान बीते कुछ दिनों में छह से अधिक हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। निगरानी के नाम पर वे कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कर्मचारी कर्मचारी हादसे का शिकार हो रहे हैं। मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक भी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की मांग कर चुका है।

शहर वृत्त में इन दिनों मेंटेनेंस का काम किया जा रहा है। इस दौरान आउटसोर्स कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के ही बिजली खंभों पर चढ़कर काम कर रहे हैं। जबकि इस दौरान एइ और जेइ काम की निगरानी करते हैं, लेकिन वह कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण पहनने की हिदायत नहीं देते। अफसरों की निगरानी में कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के ही काम करते रहते हैं। जबकि इन कर्मचारियों को काम करते समय सुरक्षा उपकरण पहनना चाहिए। कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि सुरक्षा उपकरण दिए गए हैं। बताते हैं कि कर्मचारियों के लिए एक किट खरीदी गई थी, लेकिन वह सभी कर्मचारियों तक नहीं पहुंच सकी।
ये उपकरण जरूरी हैं

लाइन में छोटा सुधार हो या बड़ा कार्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है। बिजली सुधार करते समय प्रत्येक बिजली कर्मचारी के पास हाथों में पहनने वाले लांग ग्लब्स, लांग बूट, हेलमेट, कैप, टेस्टर, टार्च, झूला, सीढ़ी और सूती कपड़े पहनना जरूरी है। मगर शहर में जब भी बिजली सुधार कार्य होता है तब कंपनी के मैदानी एवं सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारी इन उपकरणों का इस्तेमाल कम ही करते हैं। कई बार बिना सुरक्षा उपकरणों के ही डीपी पोल पर चढ़कर सुधार किया जाता है।

केस- एक

परमिट लेकर ट्रांसफार्मर पर काम करते समय अचानक बिजली सप्लाई शुरू होने से आउटसोर्स कर्मचारी नरेन्द्र गुर्जर की करंट लगने से मौत हो गई। हादसा मई माह में शिवपुरी लिंक रोड़ पर हुआ। इससे पहले महाराज बाड़ा पर टोपी बाजार में दो लाइनमैन की करंट लगने से मौत हो चुकी है।

केस- दो

विनय नगर क्षेत्र में भी बिजली लाइन का फाल्ट सुधारने के दौरान लाइनमेन की मौत अचानक करंट लगने से हो चुकी है। बताते हैं कि कर्मचारी को करंट लगने के बाद उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसने दम तोड़ दिया था।

हम कर चुके हैं मांग

कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के लिए हम अधिकारियों से मांग कर चुके हैं। हमने तो इतना भी कहा है कि अगर कर्मचारियों को यह उपकरण मुहैया कराए गए हैं तो अफसर मौके पर जाकर चैंक करें की कर्मचारियों ने उनको क्यों नहीं पहन रखा।

एलके दुबे, प्रदेश अध्यक्ष, मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक

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