हाथरस सत्संग कांड में FIR, लेकिन बाबा का नाम नहीं, मुख्य सेवादार नामजद

हाथरस सत्संग कांड में पहली FIR, लेकिन बाबा का नाम नहीं, मुख्य सेवादार नामजद
यूपी के हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा का सत्संग हो रहा था. इस बीच भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. लेकिन इस एफआईआर में सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है.

हाथरस सत्संग कांड में पहली FIR, लेकिन बाबा का नाम नहीं, मुख्य सेवादार नामजद

हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़

उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को सत्संग में मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं 30 से अधिक लोग घायल हैं. इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि इसमें सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है.

लोगों ने खोली प्रशासन के व्यवस्था की पोल

इस हादसे ने पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था की भी पोल खोल कर रख दी. भगदड़ के दौरान पुलिसकर्मी लाचार दिखाई दिए. वहीं जब शव हाथरस के ट्रॉमा सेंटर पहुंचने लगे तो वहां पर कोई व्यवस्था ही नहीं थी. एक श्रद्धालु ने बताया कि जब वह ट्रॉमा सेंटर में गया तो एक जूनियर डॉक्टर और एक ही फार्मासिस्ट मौजूद थे. सीएमओ भी मौजूद नहीं थे. वह डेढ़ घंटे बाद अस्पताल पहुंचे. शुरुआत में डॉक्टर स्टेचर पर ही घायलों का प्राथमिक उपचार कर रहे थे. अगर स्थिति गंभीर थी तो उसे रेफर कर दिया गया.

‘बाबा के सेवादारों ने नहीं किया सहयोग’

पुलिस के मुताबिक, कार्यक्रम स्थल पर जिस समय भगदड़ हो रही थी, सेवादार और आयोजक चुपचाप देखते रहे. किसी ने कोई सहयोग नहीं किया. फिर एक-एक कर खिसक गए. पुलिस ने ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया. इस हादसे पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने दुख जताया है. सीएम योगी ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया है. इस टीम में डीआइजी रैंक के अधिकारी शामिल हैं.

वहीं इस हादसे का कारण भीषण गर्मी और उमस भी बताई जा रही है. एक श्रद्धालु ने बताया कि सुबह 8 बजे से ही सत्संग सुनने आ गए थे. लेकिन दोपहर में भीषण गर्मी और उमस होने लगी. श्रद्धालु बस यह चाह रहे थे कि सत्संग खत्म हो और घर जाएं. जैसे ही सत्संग का समापन हुआ, लोग बाहर निकलने के लिए बेकाबू हो गए. फिर एक-दूसरे को धक्का देने लगे. इसी दौरान भगदड़ मच गई.

इस बीच, आगरा प्रशासन ने भोले बाबा के सत्संग पर रोक लगा दी है. यह सत्संग 4 जुलाई को होना था. आयोजकों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी. उप जिलाधिकारी की ओर से अनुमति भी ले ली गई थी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

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