अग्निवीर योजना एक बार फिर चर्चा में है….
मुआवजे पर राहुल और राजनाथ में बहस के बीच अग्निवीर योजना से जुड़े सभी सवालों के जवाब
अग्निवीर योजना पर संसद में इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है. वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी पलटवार करते हुए अग्निवीर के शहीद होने पर मिलने वाले मुआवजे की तस्वीर पर साफ की है.
जून 2022 से अस्तित्व में आने के बाद अग्निवीर योजना कई बार विवादों में घिरी दिखी है. अब एक बार फिर अग्निवीर योजना चर्चा में है. दरअसल, अजय कुमार की मौत ने विवादास्पद सेना भर्ती योजना पर नई बहस छेड़ दी है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अग्निवीर योजना क्या है और यह किस तरह सामान्य भारतीय सेना से अलग है. इस योजना के तहत नौकरी पाने वाले जवानों को कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
अग्निवीर योजना क्यों शुरू की गई?
अग्निवीर योजना को जून 2022 में शुरू किया गया था और इसे शुरू करने के पीछे का उद्देश्य शॉर्ट टर्म सर्विस मॉडल यानी अल्पकालिक सेवा मॉडल के जरिये भारतीय सशस्त्र बलों में भर्ती प्रक्रिया को मॉर्डन और सुव्यवस्थित बनाना था.
राहुल गांधी और राजनाथ सिंह में क्या बहस हुई?
शुरुआत से ही इसे काफी आलोचना और विवादों का सामना करना पड़ा है.संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अग्निवीर की मौत पर मिलने वाले मुआवजे पर तीखी बहस हुई. राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान दावा किया कि अग्निवीरों को उनकी मृत्यु के बाद किसी भी मुआवजे का हकदार नहीं माना जाता. जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अग्निवीरों को सरकार 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देती है. लोकसभा में इस बहस के बाद अब इस योजना को लेकर लोगों की जिज्ञासा और भी बढ़ गई
क्या है अग्निवीर योजना ?
अग्निवीर योजना को अग्निपथ योजना भी कहा जाता है और इसके तहत थल सेना,नौसेना और वायु सेना में चार साल के लिए भर्ती की जाती है. ये भर्ती कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है. इसलिए चार साल के बाद इन अग्निपथ के जवानों को रिटायरमेंट दे दी जाती है. हालांकि इन्हीं अग्निवीरों में से ही 25 प्रतिशत को सेना में अगले 15 साल के लिए नौकरी पर भी रख लिया जाता है.लेकिन ये आवश्यकता पर भी निर्भर करता है.
अग्निवीर में नौकरी के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए?
योजना के अनुसार अग्निवीर पद के लिए देश के 17.5 से 23 साल के युवा आवेदन कर सकते हैं. हालांकि इस योजना की जब शुरुआत की गई थी तब इसमें आवेदन करने की अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष थी, जिसे अब बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है. खास बात ये है कि इसके लिए लड़कियां भी आवेदन कर सकती हैं.
आवेदन करने के लिए क्या दस्तावेज होने चाहिए?
आवेदन करने लिए आवेदक के पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, अगर ग्रेजुएशन कर रहे हैं तो उसका सर्टिफिकेट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, कैटगरी सर्टिफिकेट, रिलेशनशिप सर्टिफिकेट (शादीशुदा हैं या सिंगल), कैरेक्टर सर्टिफिकेट, एनसीसी सर्टिफिकेट और स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है.
कैसे होती है ट्रेनिंग?
अग्निवीर की ट्रेनिंग रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर कराता है. यहां पहली बार अग्निवीर के जवानों का सेना के जीवन से परिचय होता है. अग्निवीरों को 31 सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाती है और उनकी ट्रेनिंग के आधार पर ही यह तय होता है कि उन्हें कौन सी यूनिट में कौन में तैनात किया जाएगा.
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अग्निवीरों को देश की सेवा करने की शपथ दिलाई जाती है. ऐसा करने के बाद आगे की ट्रेनिंग अग्निवीर जवानों को उनके संबंधित ट्रेड के अनुसार या ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाती है.
सैलरी में क्या अंतर और साल दर साल सैलरी में बढ़ने के क्या नियम हैं?
अग्निवीर के तौर पर चार साल काम करने के बाद अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज के रूप में 10.04 लाख रुपये मिलते हैं. पहले साल उनकी सैलरी 30,000 रुपये होती है और इसका 70 फीसदी यानी 21000 रुपये उन्हें इन हैंड सैलरी के रूप में मिलता है. 9000 रुपये अग्निवीर कोर्पस फंड (30 फीसदी) में जाते हैं. दूसरे वर्ष अग्निवीरों को 33000 रुपये (23100 रुपये इनहैंड और 9900 रुपये कोर्पस फंड) की सैलरी मिलती है. तीसरे साल में अग्निवीर जवान की सैलरी बढ़कर 36500 रुपये हो जाती है.इसमें 25500 रुपये इनहैंड सैलरी और 10950 रुपये फंड में जाता है.चौथे और आखिरी साल में युवाओं को 40000 रुपये (28000 रुपये इनहैंड और 12000 रुपये अग्निवीर कॉर्पस फंड) की सैलरी मिलती है.
वहीं भारतीय सेना के स्थाई सैनिक को उनके पद और सेवा के आधार पर सालाना 3 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है. स्थाई सैनिक की बेसिक सैलरी 21,700 रुपये प्रति माह से शुरू होती है और हायर रैंकिंग वाले अधिकारियों को 2,50,000 रुपये प्रति माह तक मिल सकती है. सैनिकों को महंगाई भत्ता, फील्ड एरिया भत्ता और परिवहन भत्ता जैसे कई भत्ते भी मिलते हैं. ये भत्ता उनकी पोस्टिंग और रैंक के आधार पर 10,000-30,000 रुपये प्रति माह तक हो सकते हैं. इसके अलावा भारतीय सेना के सैनिकों को मुफ्त में मेडिकल सुविधा, कैंटीन सुविधा जैसे कई लाभ मिलते हैं. इन सुविधाओं के कारण हर महीने उनकी कई हजार रुपये की बचत हो जाती है.
पेंशन और ग्रैच्युटी के क्या नियम हैं?
-अग्निवीर पीएफ, गैच्युटी और पेंशन की सुविधा नहीं मिलती है. वहीं सेवा निधि पैकेज पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता है.
-स्थाई सैनिक को को उसके वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है. इसके अलावा डीए भी मिलता है जिसकी वजह से यह राशि काफी बढ़ जाती है.
क्या अग्निवीर को सेना में स्थाई नौकरी मिल सकती है?
-अग्निवीर पदों पर भर्तियों में से 25 फीसदी को उनकी परफॉर्मेंस और सेना की जरूरत के आधार पर स्थाई किया जाता है.
-अग्निवीर के रूप में काम करने वाले युवाओं को रेलवे बोर्ड की नौकरियों में 15 प्रतिशत तक आरक्षण.
-राजपत्रित पदों के लिए लेवल-1 में 10 प्रतिशत एवं लेवल-2 एवं उससे ऊपर के पदों में पांच प्रतिशत आरक्षण.
-आरपीएफ या आरपीएसएफ में कांस्टेबल के पद के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण.
-बीएसएफ/सीआईएसएफ में बीएसएफ में 10 फीसदी आरक्षण.
युद्ध में शहीद अग्निवीरों के परिवार को क्या सुविधाएं मिलेंगी?
-सरकार की तरफ से 48 लाख रुपये.
-सार्वजनिक कोष से 44 लाख रुपये की एकमुश्त अनुग्रह राशि मिलती है.
-कॉन्ट्रैक्ट के आखिरी साल (4 साल) तक वेतन
-व्यक्ति की सेवा निधि में जमा शेष राशि (आज तक) और अग्निवीर निगम निधि से ब्याज सहित सरकारी अंशदान.
घर पर रहते हुए या ऑफ ड्यूटी के दौरान मौत होने पर?
-सार्वजनिक निधि से 48 लाख रुपये का बीमा कवर
-व्यक्ति की सेवा निधि में जमा शेष राशि (आज तक) और अग्निवीर निगम निधि से ब्याज सहित सरकारी अंशदान.
ड्यूटी के दौरान घायल होने या विकलांग होने पर?
-विकलांगता के प्रतिशत (100/75/50) के आधार पर सार्वजनिक निधि से 44/25/15 लाख रुपये की एकमुश्त राशि.
-चार साल तक की असेवा अवधि के लिए पूर्ण वेतन (विकलांगता की तिथि से प्रभावी)
-अग्निवीर कॉर्पस फंड से ब्याज और सरकारी अंशदान सहित व्यक्ति की सेवा निधि में संचित शेष राशि (आज की तारीख के अनुसार).
युद्ध में शहीद हुए स्थाई सैनिकों के परिजनों को क्या सुविधाएं?
उदारीकृत पारिवारिक पेंशन: अंतिम वेतन/ मृत्यु से जुड़ा बीमा: 60,000 रुपये/ भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के तहत आश्रितों को चिकित्सा सुविधाएं/बेटियों की शादी, विधवा पुनर्विवाह और अनाथ बेटे की शादी के लिए 1,00,000 रुपये का विवाह अनुदान दिया जाता है /विधवाओं के लिए 20,000 रुपये (एक बार) का व्यावसायिक प्रशिक्षण अनुदान/ शैक्षणिक रियायत (मृतक व्यक्ति द्वारा अंतिम बार प्राप्त सेवा अवधि और परिलब्धियों के आधार पर) / दो साल और साढ़े तीन साल तक सरकारी आवास / नौकरियों में आरक्षण: केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों में 4.5% आरक्षण / रीसेटलमेंट महानिदेशालय के रीसेटलमेंट स्कीम का लाभ मिलता है,जैसे कि पेट्रोल पंपों का आवंटन, रेलवे यात्रा में 75% तक छूट मिलती है/ उच्च शिक्षण संस्थानों में प्राथमिकता और आरक्षण/ 8% रक्षा कोटा के तहत तेल उत्पाद एजेंसियों का आवंटन/ रक्षा मंत्रालय से शिक्षा पर छूट मिलती है, जैसे कि ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट चार्ज और हॉस्टल फीस (मेस शुल्क को छोड़कर)/ प्रोविडेंट फंड / सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी/ सेना समूह बीमा: 40 लाख रुपये/ अगर मृत सैनिक की छुट्टियों बचीं हैं तो उसके पैसे भी मिलते हैं/ रक्षा आवास योजनाओं में सेना कल्याण आवास संगठन और वायु सेना नौसेना आवास बोर्ड में 3% तक आरक्षण.
बता दें कि ये सभी सुविधाएं स्थाई सैनिकों को मिलती हैं. अग्निवीर के तौर पर नौकरी के दौरान ये सभी सुविधाएं नहीं दी जाती हैं.