भारत से निकला संविधान बचाओ का नारा कैसे अमेरिका पहुंच गया?
भारत से निकला संविधान बचाओ का नारा कैसे अमेरिका पहुंच गया?
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से बाइडेन ने कदम पीछे खींच लिए हैं. डेमोक्रेट की ओर से अब कमला हैरिस को आगे किया गया है. कमला हैरिस ने पहली ही रैली में अपने तेवर दिखा दिए हैं और ट्रंप पर एक के बाद एक तीखे वार किया है. उधर ट्रंप ने कमला हैरिस को सबसे ज्यादा अलोकप्रिय उपराष्ट्रपति बताया है.
भारत के आम चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा अमेरिका में गूंज रहा है. यूएस प्रेसीडेंट इलेक्शन में भी संविधान और लोकतंत्र बचाओ के नारे गूंज रहे हैं. रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप पर लगातार ये आरोप लग रहे हैं कि अगर वह चुनाव जीते तो संविधान को खत्म कर देंगे. तकरीबन एक माह पहले उप राष्ट्रपति के तौर पर पहली बार कमला हैरिस ने ये बात कही थी. उस वक्त वह राष्ट्रपति पद पर बाइडेन के समर्थन में बोल रही थीं, लेकिन अब बाइडेन के हटने के बाद वह खुद मैदान में हैं. पूर्व मरीन जनरल जेम्स मैटिस ने भी इस बात का समर्थन किया है. उन्होंने भी ट्रंप को संविधान के लिए खतरा बताया है. जेम्स मैटिस ने ट्रंप के कार्यकाल के दौरान उनकी सीरिया नीति के विरोध में इस्तीफा दे दिया था.
भारत में मुद्दा बना था संविधान
भारत में हाल ही में संपन्न आम चुनाव में संविधान बड़ा मुद्दा बना था. इंडिया गठबंधन ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर रहे थे. विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार रैलियों में यह कहा गया था कि भाजपा को आरक्षण और संविधान खत्म करने का सपना छोड़ देना चाहिए. भाजपा की ओर से इस मुद्दे को काउंटर करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी. चुनाव में इसका नुकसान भी उठाना पड़ा था.
भारत के आम चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर थी. यहां संविधान बचाओ का मुद्दा गूंजा और उससे विपक्ष को कुछ हद तक फायदा भी मिला. माना जा रहा है कि इस मुद्दे से अमेरिका में भी फायदा उठाया जा सकता है. दरअसल ट्रंप पर संविधान को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. पहली बार ये सवाल तब उठा था जब उनके उकसाने पर समर्थक व्हाइट हाउस में दाखिल हो गए थे. इसके बाद लगातार ट्रंप पर ये आरोप लगते रहे कि वह संविधान को खत्म करने की साजिश में है. बाइडेन के प्रेसीडेंशियल बहस में ट्रंप से पिछड़ने के बाद डेमोक्रेट के चुनाव अभियान को झटका लगा था. पार्टी के दबाव में बाइडेन उम्मीदवारी से हट गए हैं और कमान कमला हैरिस ने संभाल ली हैं, लेकिन उन्हेंसर्वेक्षणों में ट्रंप से कम आंका जा रहा है. ऐसे में कमला हैरिस को एक बूस्टर की जरूरत है. माना जा रहा है कि संविधान का जिक्र कमला हैरिस के लिए बूस्टर का काम कर सकता है.
कमला हैरिस ने क्या कहा?
अपने पहले ही भाषण में कमला हैरिस ने अमेरिकी चुनाव के प्रमुख मुद्दों को उठाया. उन्होंने बंदूक नियंत्रण और गर्भपात मुद्दों का जिक्र कर गरीबी, संघ अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं समेत अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताया. उन्होंने ट्रंप पर हमलावर होते हुए कहा कि हम एक स्वतंत्र, करूणा और कानून के शासन में रहना चाहते हैं या अराजकता भय और नफरत वाले देश में. यदि ट्रंप चुनाव जीत गए तो संविधान खत्म कर देंगे. कमला हैरिस ने कहा कि हमारी लड़ाई भविष्य ओर आजादी की है. हमें किसी भी हालत में ट्रंप को रोकना होगा. ट्रंप हमारे देश को उस दौर में ही वापस पहुंचाना चाहते हैं जब अमेरिकी पूर्ण तौर पर स्वतंत्र नहीं थे.
ट्रंप ने कहा मैंने देश के लिए गोली खाई है
कमला हैरिस के आरोपों पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने देश के लिए गोली खाई है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट किया है, जिसमें कमला हैरिस को सबसे अलोकप्रिय उप राष्ट्रपति बताया है. उन्होंने कहा कि वह एक वामपंथी महिला हैं. देश नहंी चाहता कि कोई कट्टरपंथी वामपंथी महिला इसे नष्ट कर दे. ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह सितम्बर में कमला हैरिस के साथ बहस करने के लिए तैयार हैं.